एक्जिट पोल एक तरफ, भाजपा के तर्क एक तरफ... आखिर जीतने का क्यों विश्वास है डॉ. रमन सिंह को...राकेश पाठक
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान संपन्न हो चुके हैं। वहीं अब पांचों राज्यों में हुए चुनाव का एग्जिट पोल जनता के सामने आ चुका
रायपुर: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान संपन्न हो चुके हैं। वहीं अब पांचों राज्यों में हुए चुनाव का एग्जिट पोल जनता के सामने आ चुका है।वहीं महा एग्जिट पोल में भाजपा को 36 से 46 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। एग्जिट पोल में दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है। एग्जिट पोल में भाजपा को मिल रही सीटों के आंकड़े ने सभी को चौंका दिया है।
महा एग्जिट पोल में कांग्रेस को 40 से 45 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है
लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल तथा ओपी चौधरी वोट भाजपा के पक्ष में आने की संभावना जता रहे हैं। इस बात के पीछे उनके अपने तर्क हैं…। भाजपा का कहना है कि छत्तीसगढ़ के वोटर्स साइलेंट वोटर्स हैं। वह चुपचाप रहते हैं। पिछले चुनाव में भी सारे इक्जिट पोल भाजपा को 40 से ऊपर सीटें दे रहे थे, लेकिन भाजपा को सिर्फ 15 सीटें मिली थी।
एग्जिट पोल कराने के लिए सर्वे एजेंसी या न्यूज चैनल का रिपोर्टर अचानकसे
किसी बूथ पर जाकर वहां लोगों से बात करता है। इसमें पहले से तय नहीं होता है कि वह किससे सवाल करेगा? आमतौर पर मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से लेकर एक लाख वोटर्स तक से बातचीत होती है। इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है।
दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है
मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग कोलेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवालपूछा जाता है। मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब सेअंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक का मूड किस ओर है? मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी व नेता लोगों से मिल रहे
फीडबैक के आधार पर अपनी जीत और अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं । भाजपा नेताओं को नए मतदाताओं, युवाओं , किसान और महिलाओं पर भरोसा है । उनका तर्क है कि नए मतदाता कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार , PSC घोटाले और वादाखिलाफी से नाराज हैं। वहीं महिलाओं में शराबबंदी नहींहोने से आक्रोश है । महतारी वंदन योजना उनको प्रभावित कर रही है । मोदी की गारंटी ने कांग्रेस के किसानों के वोट बैंक में भी सेंधमारी कर ली है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता राज्य में पार्टी के पक्ष में काम कर सकती है
2018 में कांग्रेस से करारी हार झेलने के बाद भाजपा ने मोदी की मजबूत छवि के दम पर 2019 में राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से नौ पर कब्जा करके प्रभावशाली वापसी की थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)जिसने 2018 में खुद को भाजपा की राज्य इकाई से दूर कर लिया था इस बार जमीन पर सक्रिय दिख रहा है। भाजपा वर्तमान कांग्रेस शासन के दौरान बेमेतरा और कबीरधाम जिलों में हुई सांप्रदायिक हिंसा और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कथित धर्मांतरण की घटनाओं को सामने रखकर अपनी पारंपरिक हिंदुत्व विचारधारा को पेश करने की कोशिश की थी।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग और शराब व्यापार में कथित
घोटालों को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के खिलाफ लोगों में गुस्सा था। राज्य में ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के नेताओं के बीच कथित मतभेद अब नहीं है लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।राजनीतिक जानकारों के मुताबिक कांग्रेस के भीतर मचे घमासान से भाजपा को फायदा हो सकता है। भाजपा को उम्मीद है कि आमआदमी पार्टी (आप) और सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार कांग्रेस के आधार क्षेत्र में सेंध लगा सकते हैं।
एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए
भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि पार्टी को राज्य में 52-55 सीट मिलेंगी और स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। रमन सिह ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। रमन सिंह ने कहा है कि जो 75 पार का दावा करते थे, वे 40 पर दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘एग्जिट पोल दिखा रहे हैं कि भाजपा 15 (2018 में भाजपा की जीती गई सीट) से 48 सीट तक पहुंच रही है, जो चुनाव में पार्टी के प्रयासों का परिणाम है… लेकिन मेरा मानना है कि भाजपा को 52 से 55
सीट मिलेंगी।’
पूर्व मंत्री और भाजपा के रायपुर दक्षिण के प्रत्याशी
बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस ने ऐसी कोई नई बात नहीं की है कि वोमहिलाएं ,किसाऔर फर्स्ट टाइम वोटर को आकर्षित कर पाए । वहीं पहली बार बीजेपी शहरी मध्यम वर्ग और लोवर मध्यम वर्ग के लिए योजनाएं लाई है । अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने इनके लिए ऐसी कोई योजना नहीं लाई थी । हमने 12,000 साल का महिलाओं को देने की जो योजना लाई है, इससे भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वातावरण खड़ा हुआ है ।
वहीं ढरउ का घोटाला और कांग्रेस के 10 लाख लोगों को रोजगार देने और 2500 भत्ता देने घोषणा की बाद वादे पूरे नहीं करने का आक्रोश भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है । उनका कहना है किमहिलाओं और युवाओं में भाजपा के प्रति विश्वास पैदा हुआ है । किसानों को भी जो हमने एक मुक्त पैसा देने की बात कही है उससे 70% किसान हमारे साथ है, छोटे किसानों में विश्वास जागा है। उन्होंने ये भी दावा किया कि बस्तर और सरगुजा की 26 सीटों में भाजपा 16 से ज्यादा सीटें जीत रही ऐसा कांग्रेसी भी मान रहे हैं। इस आधार में हम सरकार बना रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों के एग्िजट पोल में
बीजेपी को 36 से 48 सीटें िमलने का अनुमान है, िजस पर पार्टी के सीनियर नेताओं की बड़ी सकारात्मक प्रितिक्रया आई है। बीजेपी के प्रदेश महासचिव ओपी चौधरी ने दावा िकया है कि पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। इसमें िकसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के एग्िजट पोल को लेकर सामने आए ट्रेंड पर जनता के प्रति आभार जताया और कहा कि जबट्रेंड होता है तो वह आगे बढ़ता है।