यूरेशियन ग्रुप मीटिंग में बोले विशेषज्ञ, वित्तीय नवाचार के दौर में अपराध रोकने की तकनीक को औजार बनाए

इंदौर

इंदौर में आयोजित यूरेशियन ग्रुप की मीटिंग के तीसरे दिन अलग-अलग देश से आए विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय नवाचार का दौर है, जो जोखिम से भी भरा है। नशे के सौदागर, आतंकवादी, आय के स्त्रोत सहित अन्य गतिविधियों को छिपाने के लिए इसका उपयोग हो रहा है।

इन जोखिमों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर कानून और मजबूत करना होंगे। वित्तीय अपराध रोकने के लिए तकनीक को ही औजार बनाने के जरूरत है। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए हमारे पास वैश्विक दृष्टिकोण चाहिए। वैश्विक वित्तीय प्रणाली की अखंडता को बनाकर रखना होगा, ताकि अपराधी कमजोर वित्तीय नीतियों का फायदा न उठा सके।

जापान के प्रतिनिधि सोशी काजे कवाका ने कहा कि नई तकनीकों का उपयोग पैसे के स्त्रोत को छिपाने के लिए हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विश्व के लिए खतरा है। आजकल आतंकवादी फंडिंग के लिए क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कर रहे हैं। इन अपराधियों को रोकने के लिए सदस्य देशों को मिलकर वैश्विक नेटवर्क और मॉडल विकसित करना होंगे। मीटिंग के अलग अलग सत्रों में प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी।

बता दें कि इंदौर में हो रही यूरेशियन ग्रुप की अंतर्राष्ट्रीय बैठक   में 25 देशों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि आए हुए हैं। इस बैठक में आतंकवाद के लिए होने वाली फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों की रोकथाम को लेकर सभी सदस्य देशों की कारगर रणनीति बनाई जा रही है। बुधवार को एक फिनटेक प्रदर्शनी का शुभारंभ भी हुआ।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button