सिंचाई क्षेत्र के रकबा बढ़ने से आर्थिक रूप से सक्षम बन रहे है कृषक

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

गरियाबंद : नरवा विकास योजना से उपचारित दशपुर नाला की जल भराव क्षेत्र में वृद्धि होने के साथ सिंचाई क्षेत्र के रकबा बढ़ने से क्षेत्र के कृषक रबी फसल की पैदावारी के लिए आगे आये हैं। नरवा विकास योजना राज्य शासन के एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका मूल उद्देश्य नदी नालो एवं जल स्त्रोतो को उपचारित करना, भूमिगत जल स्तर सुधार एवं मृदा क्षरण रोकना है। योजना से सिंचाई क्षेत्रा में वृद्धि होने से अब किसान भी रबी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है। नरवा विकास के अंतर्गत वनमंडल गरियाबंद वित्तीय वर्ष 2019-20 में गरियाबंद परिक्षेत्र के अंतर्गत दशपुर नाला उपचारित किया गया है। नाले की कुल लंबाई 7.50 कि.मी. है एवं केचमेंट एरिया 1780.000 हेक्ट. है। इस नाला के उपचार हेतु कंटूरट्रेंच- 6605 नग, ब्रशवुड- 475 नग, लुज बोल्डर चेकडेम- 509, अर्दन गलीप्लग- 136 नग, गेबियन संरचना- 09 नग, स्टॉपडेम- 01 नग, अर्दन डेम- 01 नग तथा वन्यजीव जलाशय- 01 नग कुल – 7737 नग संरचनाओं का निर्माण 80.83 लाख लागत राशि से किया गया है। उपरोक्त संरचनाओं के निर्माण से मुख्य रूप से 2.009 लाख घन.मी. जल भण्डार मे वृद्धि होगी, जिससे संभावित जल सिंचाई क्षेत्र 57 हेक्टेयर होगी तथा वनक्षेत्र में 1780 हेक्टेयर मृदा क्षरण को कम करने में सफलता प्राप्त हो रही है। उपरोक्त कार्यो के माध्यम से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। वन क्षेेत्रों में बनाये गये विभिन्न संरचनाओं से भू-जल स्तर मे औसत 120 सेमी. वृद्धि हुई है। इसके अलावा 2.099 लाख घन मीटर संचित जल का प्रत्यक्ष लाभ वन एवं वन्य प्राणियों को भी मिल रहा है, जिससे वन्य प्राणियों को वन क्षेत्रों में भोजन एवं रहवास में सुविधा हो रही है। परिणामस्वरूप वन्य प्राणियों का रहवास क्षेत्रों में आवागमन कम हुआ है जिससे वन्य प्राणी – मानव द्वन्द की स्थिति न्यून हुई है। नरवा विकास योजना के तहत् नालों में वर्षाकाल का पानी संचय कर कृषक उन्नत कृषि कर आर्थिक रूप से सक्षम बन रहे है, साथ ही साथ स्थानीय ग्रामीणों को लगभग 11000 मानव दिवस रोजगार की प्राप्ति हुई है।

India Edge News Desk

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