किसान नहीं बेच रहे धान, पार्टियों के दावों पर चुप्पी, चुनावी रण में किसकी होगी जीत?
इस आंकड़े को देखते हुए बीजेपी नेता सांसद सुनील सोनी का दावा है कि किसानों को उम्मीद है कि बीजेपी सरकार आने के बाद उन्हें धान का ज्यादा पैसा मिलेगा. इसलिए वे फिलहाल धान नहीं बेच रहे हैं
रायपुर : पिछले साल की तुलना में इस साल धान खरीदी केंद्र में धान की आवक कम है । इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों नेताओं का कहना है कि किसान धान बेचने के लिए नई सरकार का इंतजार है। वहीं किसानों का कहना हैं कटाई देर से होने की वजह से धान की आवक कम है। वहीं भाजपा कांग्रेस के दावे लेकर ज्यादात्तर किसान मौन हैं।
पिछले साल की तुलना में अब तक 6 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कम
धान खरीदी के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल की तुलना में अब तक 6 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कम हुई । पिछले साल अब तक 20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी थी लेकिन इस साल ये आंकड़ा 13 – 14 लाख मीट्रिक टन से आगे नहीं बढ़ा है । इस आंकड़े को देखते हुए भाजपा नेता सांसद सुनील सोनी का दावा है कि किसानों को उम्मीद की है की BJP सरकार आने के बाद उन्हें धान का ज्यादा पैसा मिलेगा । इसलिए वे फिलहाल धान नहीं बेच रहे हैं।
वहीं कांग्रेस नेता खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि किसानों को अभी भी भूपेश सरकार पर भरोसा है, वे नई सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं । अमरजीत भगत का कहना है कि 3 दिसंबर के बाद धान खरीदी की स्पीड बढ़ जाएगी । किसानों को भरोसा है कि सत्तासीन सरकार आने के बाद धान की सबसे ज्यादा कीमत मिलेगी ।
किसानों ने भूपेश सरकार पर भरोसा
किसानों का कहना है कि इस बार कटाई देर से होने की वजह से धान खरीदी केंद्र में आवक कम है, ज्यादातर किसानों ने भूपेश सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा है कि 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, कर्ज माफ नहीं किया। किसकी सरकार आ रही है पूछने पर किसान मौन हो जाते हैं।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य 3100 रू करने और एक एकड़ में 21 क्विंटल धान खरीदने का वादा किया है । वहीं कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 3200 रू देने और एक एकड़ में 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस हिसाब से भाजपा की सरकार बनती है तो किसानों को धान बेचने पर प्रति एकड़ 1100 रू का फायदा होगा । अब भाजपा और कांग्रेस के नेताओं दावा कितना सहीं साबित होता है यह तो 3 दिसंबर को EVM खुलने के बाद ही पता चलेगा ।