काम तमाम कर दो हमास का, अब वक्त है निर्णायक कार्रवाई का, डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल को दी खुली छूट

वाशिंगटन/ गाज़ा 

Gaza में तबाही का सायरन बज रहा है। Donald Trump ने Israel को Gaza में कार्रवाई के लिए खुली छूट दी है, वहीं Netanyahu ने भी सख्त रुख अपनाया है। Gaza में जिंदगी हर पल मौत से जंग लड़ रही है, हालात बद से बदतर हो रहे हैं और भूख से लोग परेशान हैं। करीब 52000 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद भुखमरी और कुपोषण की तस्वीरें पूरी दुनिया को हैरान कर रही हैं।

मुझे लगता है कि वह मरना ही चाहते हैं और यह वास्तव में बहुत ज्यादा बुरा है… ये बात हमास पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान कही है. लेकिन, आखिर ऐसा क्या हुआ कि ट्रंप हमास पर भड़क गए और इजरायल को हमास के खिलाफ सैन्य अभियान को आगे बढ़ाने के लिए खुली छूट दे दी है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में सीजफायर को लेकर चल रही वार्ता के टूटने के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इजरायल को फ्री हैंड देते हुए कहा कि बात उस हद तक पहुंच गई है, जहां आपको काम पूरा करना ही होगा.

अमेरिकी प्रयासों को लगा झटका

अमेरिका गाजा पट्टी में शांति स्थापित करने के प्रयास में लगा था और इसके लिए स्टीव विटकॉफ के नेतृत्व में एक दल को मिडिल ईस्ट शांति वार्ता के लिए भेजा गया था. लेकिन अब स्टीव विटकॉफ ने कहा है कि अमेरिका इस बातचीत से पीछे हट रहा है और किसी अन्य ऑप्शन पर विचार करना चाहिए. इसके तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी सामने आई. गौरतलब है कि ट्रंप ने हमास की गिरफ्त से अमेरिकी-इजराइली नागरिक एडन एलेक्जेंडर की रिहाई में अहम भूमिका निभाई थी.

हमास बन रहा है बाधा : नेतन्याहू

इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एक बयान जारी किया गया है. बयान में नेतन्याहू ने स्टीव विटकॉफ की बात दोहराते हुए कहा कि हमास ही बंधकों की रिहाई में बाधा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि हम अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर अब वैकल्पिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, ताकि बंधकों को घर लाया जा सके. यही नहीं, हमास के आतंकवादी शासन का अंत हो और इजराइल व पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित की जा सके.

तो क्या पूरी तरह खत्म हो जाएगा हमास?

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अपनी हालिया बातचीत के बारे में पूछे जाने पर डोनाल्ड ट्रंप ने बस इतना कहा कि 'कुछ हद तक निराशाजनक' थी. उन्होंने आगे कहा, 'उन्हें लड़ना होगा और उन्हें सफाई करनी होगी. आपको उनसे छुटकारा पाना होगा.' ट्रंप ने कहा कि हमास बातचीत के आखिरी दौर में आकर मुकर गया, जिससे पता चलता है कि वे सिर्फ हिंसा चाहते हैं. गाजा में हालात बहुत बुरे हैं, बच्चे भूखे मर रहे हैं. इन सब को देखते हुए ट्रंप ने कहा है कि अब कूटनीति से कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि 'लड़ो और उन्हें खत्म कर दो.' ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया है कि अमेरिका इजरायल के सैन्य अभियान में पूरी तरह से उसके साथ है. उन्होंने कहा कि अब हमास का बच पाना मुश्किल है.

मिस्र और कतर ने सीजफायर को लेकर क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने जहां सीधे तौर पर हमास को दोषी ठहराया है, वहीं मिस्र और कतर के अधिकारियों ने वार्ता में मौजूदा ठहराव को 'इन जटिल वार्ताओं के संदर्भ में सामान्य' बताया है. एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने भी कहा कि वार्ता 'बिल्कुल भी' विफल नहीं हुई है. ट्रंप ने दावा किया कि हमास के पास बातचीत करने के लिए कोई खास वजह नहीं है, क्योंकि बंधकों की संख्या अब कम होती जा रही है. ट्रंप ने कहा, 'अब हमारे पास सिर्फ आखिरी कुछ बंधक बचे हैं और वे जानते हैं कि आखिरी बंधकों के रिहा होने के बाद क्या होता है. इसी वजह से वे वास्तव में कोई समझौता नहीं करना चाहते थे.'

अब गाजा में सीजफायर का क्या होगा?

सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन को उम्मीद है कि ट्रंप के कड़े बयान और विटकॉफ के हटने से हमास पर बातचीत की मेज पर लौटने का दबाव बनेगा. विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, 'हमने कोशिश की है. दुनिया ने इसे देखा है. विकल्प क्या हैं – स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति ट्रंप के पास कई हथियार हैं. विशेष दूत विटकॉफ के पास भी कई विकल्प हैं.'

ट्रंप ने अमेरिकी सहायता पर आलोचना का भी जवाब दिया और कहा, 'लोगों को यह नहीं पता और हमें निश्चित रूप से कोई आभार या धन्यवाद नहीं मिला. लेकिन, हमने भोजन, आपूर्ति और बाकी सभी चीजों के लिए 60 मिलियन डॉलर का योगदान दिया. हमें उम्मीद है कि पैसा वहां पहुंच जाएगा, क्योंकि आप जानते हैं, वह पैसा छीन लिया जाता है. भोजन छीन लिया जाता है. हम और भी कुछ करने वाले हैं, लेकिन हमने बहुत सारा पैसा दिया है.'

इमैनुएल मैक्रों की बात पर ट्रंप ने क्या कहा?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी यह घोषणा करके दुनिया का ध्यान खींचा कि फ्रांस सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा. ट्रंप ने इस कदम को खारिज करते हुए पत्रकारों से कहा, 'इस बयान का कोई महत्व नहीं है। वह बहुत अच्छे इंसान हैं। मैं उन्हें पसंद करता हूँ। लेकिन इस बयान का कोई महत्व नहीं है.' 

आखिर, क्यों इतना भड़क गए डोनाल्ड ट्रंप?

बता दें कि कुछ सप्ताह पहले तक अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि एक समझौता होने वाला है, जिससे संघर्ष समाप्त हो जाएगा और बाकी बचे बंधकों को रिहा किया जाएगा. इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जा सकेगी. ट्रंप लगातार गाजा में शांति स्थापित करने की कोशिश में लगे थे और इसके लिए उन्होंने स्टीव विटकॉफ के नेतृत्व में मिडिल ईस्ट में शांति वार्ता के लिए एक दल भी भेजा था. लेकिन, अब ट्रंप के प्रयासों को झटका लगा है और स्टीव विटकॉफ ने कहा कि वह बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.

India Edge News Desk

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