भाजपा के दिग्गज नेता और जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ,जमानत याचिका खारिज
प्रीतपाल पर 2014 से 2020 के बीच जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग का अध्यक्ष रहते हुए 14.89 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है।
भिलाई : वरिष्ठ भाजपा नेता और जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिला अदालत से जमानत खारिज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. प्रीतपाल पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष रहते हुए 2014 से 2020 के बीच 14.89 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है।
प्रीतपाल बेलचंदन बीजेपी से 2008 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। साल 2014 में बीजेपी शासन के दौरान उन्हें जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान 14.89 करोड़ रुपये से अधिक के गबन का मामला सामने आया था. इसे लेकर बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पंकज सोढ़ी ने दो साल पहले कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी. उन्होंने बैंक के तत्कालीन चेयरमैन प्रीतपाल बेलचंदन समेत निदेशक मंडल पर बिना अनुमति के अनुदान राशि और एकमुश्त समाधान योजना में छूट देने का आरोप लगाया.
धोखाधड़ी का मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी की धारा 420 सहित धारा 409, 467, 468, 471 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बेलचंदन ने जिला अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी की अदालत में जमानत याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद पुलिस ने सोमवार तड़के बेलचंदन के घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. समाचार लिखे जाने तक बेलचंदन को कोतवाली थाने में रखा गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
मनमर्जी से बैंक का संचालन
प्रीतपाल बेलचंदन और निर्वाचित संचालक मंडल जून 2015 से जून 2020 तक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने नियम-कायदों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी से वहां संचालन किया और करोड़ों रुपये का गबन किया। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने रजिस्ट्रार सहकारी समितियां से अनुमति लिए बिना 234 मामलों में गोदाम निर्माण के लिए 1313.50 लाख की अनुदान राशि दी थी। यही नहीं, अगस्त 2016 से जून 2019 तक एकमुश्त समाधान योजना में नियमों के विपरीत जाकर 186 मामलों में 175.61 लाख की छूट दी गई।
248 पेज की जांच रिपोर्ट में बताया गया था दोषी
बैंक के पूर्व चेयरमैन प्रीतपाल बेलचंदन और निर्वाचित निदेशक मंडल पर धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद इसकी जांच तत्कालीन कलेक्टर से कराई गई थी। कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन एडीएम वीरेंद्र बहादुर पंचभाई, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां विनोद कुमार बुनकर, ऑडिटर अजय कुमार और सहकारिता निरीक्षक एके सिंह की संयुक्त जांच टीम गठित की गई थी। इस टीम ने जांच के बाद 248 पन्नों की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी है. इसमें बैंक के वित्तीय घाटे की बात कही जा रही है बेलचंदन को दोषी बताया गया है।