इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कॉरिडोर में मिली पहली सहमति

इन्दौर
इंदौर और पीथमपुर के बीच बनने जा रहे बहुप्रतीक्षित इकोनोमिक कॉरिडोर को लेकर अब किसानों की सहमति मिलने की शुरुआत हो चुकी है। यह सहमति मिली है ग्राम सिन्दोड़ी की श्रीमती ममता गुप्ता से, वो पहली भूमि स्वामी बनीं जिन्होंने खसरा नंबर 176/2,176/1 और 185/3 की अपनी 9 बीघा जमीन के बदले अधिकतम विकसित भूमि लेने पर सहमति दी। इस अवसर पर वे मिठाई लेकर एमपीआईडीसी (मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम) के कार्यालय पहुँचीं और खुशी जाहिर की।
किसानों की बड़ी जीत — 60% विकसित भूमि का मिलेगा हिस्सा*
एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश राठौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में किसानों की प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया कि इंदौर-पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत अपनी भूमि देने वाले किसानों को मुआवजे के तौर पर 60 प्रतिशत विकसित भूमि का आवंटन किया जाएगा। यह निर्णय मध्य प्रदेश निवेश क्षेत्र प्रबंधन अधिनियम 2013 और नियम 2016 के तहत लिया गया है, जो किसानों को उनकी भूमि के बदले अधिकतम लाभ सुनिश्चित करता है।
बनेगा विश्वस्तरीय इकोनोमिक कॉरिडोर*
इंदौर-पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर के विकसित हो जाने से हवाई अड्डे से पीथमपुर तक का सफर आधे समय में पूरा किया जा सकेगा। इस कॉरिडोर के तहत क्षेत्रीय और शहरी विकास के साथ-साथ करीब 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। साथ ही, 1.15 लाख गरीब परिवारों को किफायती आवास भी प्रदान किए जाएंगे।
विकास के हर पहलू पर ध्यान*
योजना के तहत व्यावसायिक, आवासीय, औद्योगिक, मिश्रित उपयोग के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय, सामुदायिक केंद्र, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, पार्क, उद्यान, सिटी फॉरेस्ट, स्टेडियम, खेल मैदान, स्मार्ट सड़कें, साइकिल ट्रैक, फुटपाथ, स्मार्ट बस स्टॉप, स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, सार्वजनिक वाई-फाई, सौर पैनल, सीसीटीवी निगरानी और रीसाइकल्ड पानी के उपयोग की व्यवस्था भी की जाएगी।
विस्तृत अधोसंरचना और स्मार्ट सुविधाएँ*
सड़क नेटवर्क में 75 मीटर और 60 मीटर चौड़ी मुख्य सड़कें, 9 मीटर चौड़ी आंतरिक सड़कें, बरसाती पानी की निकासी के लिए नालियां, भूमिगत विद्युत वितरण लाइनें, स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइट्स, गैस पाइपलाइन, जल आपूर्ति नेटवर्क, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, और साइनेज का विश्वस्तरीय ढांचा भी इस योजना का हिस्सा होगा।
किसानों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार*
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का किसान समुदाय ने हृदय से आभार प्रकट किया। किसानों ने अपनी भावनाएँ साझा करते हुए कहा — “ मुख्यमंत्री जी, आपने रंगपंचमी के दिन हमारी दिवाली कर दी।” दरअसल, रंगपंचमी के दिन ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों से इंदौर एयरपोर्ट पर भेंट की थी।
यह क्षेत्रीय विकास की दिशा में मील का पत्थर*
कॉरिडोर के तहत प्रस्तावित क्षेत्र में कोडियाबर्डी, नैनोद, रिंजलाय, बिसनावदा, नावदा पंथ, श्रीराम तलावली, सिन्दोड़ा, सिन्दोड़ी, शिवखेड़ा, नरलाय, मोकलाय, डेहरी, सोनवाय, भैंसलाय, बागोदा, टीही और धन्नड़ ग्राम शामिल हैं। कुल 1290.74 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण और विकास किया जा रहा है, जिसमें से किसानों को 60% विकसित भूमि दी जाएगी।
विश्वस्तरीय भूखंड मिलेंगे भूमि स्वामियों को*
योजना के अंतर्गत एयरो सिटी, फिनटेक सिटी, सिग्नेचर टॉवर, नगर वन और क्षेत्रीय पार्क जैसी सुविधाएँ विकसित की जाएंगी, जिनसे भू-स्वामी अपनी भूमि का सर्वोत्तम रिटर्न पा सकेंगे। यह निर्णय किसानों, निवेशकों और सरकार — तीनों के हित में साबित होगा।
अब भी शेष किसानों से सहमति की अपेक्षा*
शासन द्वारा यह अपील की गई है कि शेष भू-धारक भी अपनी सहमति पत्र एमपीआईडीसी के भू-अर्जन शाखा, प्रथम मंजिल, अतुल्य आईटी पार्क, खंडवा रोड, इंदौर में कार्यालयीन समय पर प्रस्तुत करें ताकि योजना को समय पर अमलीजामा पहनाया जा सके।
पूरे क्षेत्र का होगा कायाकल्प*
इंदौर-पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास की मजबूत नींव है। इसमें किसानों को सम्मानजनक मुआवजा और भविष्य के अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की पहली सहमति इस ऐतिहासिक पहल का शुभ संकेत है, भू-धारक भू-अर्जन शाखा, प्रथम मंजिल, अतुल्य आई.टी.पार्क, खण्डवा रोड, इन्दौर के कार्यालय में कार्यालयीन दिवस में अपना सहमति पत्र दे सकते है।