विश्वगुरु भारत की संकल्पना सिद्धि के लिए, विचार क्रान्ति

भोपाल

स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प पूरे देश का संकल्प है। भारत को विश्वमंच पर पुनः सिरमौर बनाने के लिए, "विचार क्रान्ति" को "कर्म क्रान्ति" में परिवर्तित करने की आवश्यकता है! इसके लिए हम सभी अपने परिश्रम और पुरुषार्थ का योगदान देना होगा। भारत की गौरवशाली सभ्यता, विरासत, ज्ञान परम्परा एवं भाषाओं से प्रेरणा लेकर हम सभी को राष्ट्र के पुनर्निर्माण में सहभागिता करनी होगी। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने गुरुवार को विधानसभा भवन स्थित मानसरोवर सभागृह में, राष्ट्रीय सेवा योजना और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय "राज्यस्तरीय विकसित भारत युवा संसद-2025" के समापन समारोह में सहभागिता कर कही। मंत्री परमार ने "राष्ट्रीय विकसित भारत युवा संसद-2025" के लिए चयनित ओजस्वी वक्ता विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर, उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। परमार ने चयनित तीनों वक्ता बेटियों को राष्ट्रीय स्तर पर ओजस्वी वक्तव्य देने के लिए प्रेरित भी किया। मंत्री परमार ने समस्त प्रतिभागी विद्यार्थियों का मनोबलवर्धन भी किया।

मंत्री परमार ने कहा कि भारत अपनी ज्ञान परम्परा के आधार पर विश्वमंच पर सिरमौर था। भारत के पुरातन ज्ञान को पुनः विश्वमंच पर युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में भारतीय दृष्टिकोण के साथ, प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए हमें हमारे पूर्वजों की गौरवशाली ज्ञान परम्परा पर गर्व का भाव जागृत कर, उनके बनाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, जल स्त्रोतों एवं सूर्य सहित समस्त ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण के भाव से, शोध एवं अनुसंधान के आधार पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ समाज में परम्परा के रूप में स्थापित की। कृतज्ञता ज्ञापित करना हमारी संस्कृति और सभ्यता है। हमारे पूर्वज सूर्य उपासक थे, प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों की उपयोगिता और महत्व को जानते थे। परमार ने कहा कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत, सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्म निर्भर होकर, अन्य देशों की पूर्ति करने में समर्थ देश बनेगा। वर्ष 2047 तक खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्म निर्भर होकर, अन्य देशों का भरण पोषण करने में भी सामर्थ्यवान देश बनेगा। हम सभी की सहभागिता से, अपने पूर्वजों के ज्ञान के आधार पर पुनः विश्वमंच पर सिरमौर राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा। इसके लिए हमें स्वाभिमान के साथ हर क्षेत्र में अपने परिश्रम और तप से आगे बढ़कर, विश्वमंच पर अपनी मातृभूमि का परचम लहराना होगा। अपनी गौरवशाली सभ्यता, भाषा, इतिहास और ज्ञान के आधार पर, हम सभी की सहभागिता से भारत पुनः "विश्वगुरु" बनेगा।

मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने हमें हीन भावना से मुक्त होकर स्वाभिमान को जागृत करने का अवसर दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के भावानुरूप अब भाषाएं देश के सभी प्रांतों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करेगी। परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश ने भारत की सभी भाषाओं को सम्मान देने के लिए, नए प्रकल्प का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर विश्वविद्यालय में, अन्य राज्यों की भाषाओं को सिखाने के लिए कार्ययोजना बना रहे हैं जिससे यहां के विद्यार्थी, अन्य राज्यों के विद्यार्थियों के साथ उनकी भाषा में संवाद कर सकें। विद्यार्थियों को मूल्यांकन में भी इसके अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। परमार ने कहा कि इस प्रकल्प से, देश के हृदयप्रदेश से भाषाओं के माध्यम से देश को जोड़ने का संदेश जाएगा। हमारा प्रदेश, भारतीय भाषाओं के संगम का केंद्र बनेगा। परमार ने कहा कि प्रदेश में विद्यार्थियों की संस्थानों में उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी और विद्यार्थियों के मूल्यांकन में क्रेडिट के रूप में उनकी उपस्थिति के अंक दिए जाएंगे। परमार ने कहा कि हर विद्या-हर क्षेत्र में भारतीय ज्ञान विद्यमान है। यह भारतीय विचार और दर्शन न केवल पाठ्यक्रमों तक सीमित रहेगा, बल्कि भारत को पुनः विश्वगुरु, शक्तिशाली, सामर्थ्यवान और सर्वश्रेष्ठ बनाने में महती उपयोगिता सुनिश्चित करेगा।

निर्णायक मंडल में शामिल सीधी विधानसभा की विधायक श्रीमति रीति पाठक ने "राज्यस्तरीय विकसित भारत युवा संसद-2025" में विशिष्ट प्रदर्शन कर "राष्ट्रीय विकसित भारत युवा संसद-2025" में अपना स्थान बनाने वाले प्रतिभागियों के नाम की घोषणा की। युवा संसद के राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम के लिए, प्रतिभागियों में से तीन छात्राओं का चयन किया गया है, इसमें प्रथम स्थान पर इंदौर जिले की सुसजल जैन, द्वितीय स्थान पर भिंड जिले की सुयति सिसौदिया एवं तृतीय स्थान पर सतना जिले की सुराशि त्रिपाठी रहीं। ये तीनों बेटियां "विकसित भारत युवा संसद-2025" के राष्ट्रीय कार्यकम में, प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी। इसके साथ ही अपने वक्तव्य के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए तीन प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया, इनमें सुमंजरी शर्मा, सुभूमिका शर्मा एवं ओम त्यागी शामिल हैं।

समापन समारोह में खातेगांव विधानसभा के विधायक आशीष गोविंद शर्मा, प्रमुख सचिव विधानसभा ए पी सिंह, सचिव विधानसभा अरविन्द शर्मा, राज्य एनएसएस अधिकारी मनोज अग्निहोत्री एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन के क्षेत्रीय निदेशक राकेश सिंह तोमर सहित प्रदेश भर से सहभागिता करने पधारे युवा प्रतिभागी विद्यार्थी, राष्ट्रीय सेवा योजना के विभिन्न पदाधिकारीगण, नेहरू युवा केंद्र संगठन के विभिन्न पदाधिकारीगण एवं विधानसभा के अधिकारीगण उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2019 से सतत् आयोजित "राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव" के अनुक्रम में यह वर्ष "विकसित भारत युवा संसद/VBYP2025" के रूप में आयोजित किया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में यह राज्य स्तरीय दो दिवसीय युवा संसद "भारतीय संविधान के 75 वर्षः अधिकारों, कर्तव्यों और प्रगति की यात्राः संविधान दिवस के 11 संकल्पः भारत के संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाने की प्रतिज्ञा" विषय पर आयोजित की गई। इसमें प्रदेश के 20 नोडल जिलों के माध्यम से, जिलों से चयनित 200 युवा प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

 

India Edge News Desk

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