भोपाल में पहली बार विशेषज्ञों ने देखा दुर्लभ फायर कैप्ड टिट बर्ड

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

भोपाल : भोज वेटलैंड विंटर बर्ड काउंट प्रोग्राम 2022-23 को जारी रखते हुए भोपाल में पहली बार विशेषज्ञों ने दुर्लभ फायर कैप्ड टिट बर्ड देखा है। प्रजाति के बारे में जानकारी देते हुए भोपाल बर्ड्स के मोहम्मद खालिद ने बताया कि यह पक्षी अपने छोटे आकार (करीब 10 सेंटीमीटर) के लिए मशहूर है। यह प्रजाति सर्दियों के दौरान हिमालय से निचले मैदानी क्षेत्रों में प्रवास करती है। यह पक्षी 1800 मीटर से 2600 मीटर की ऊंचाई पर घोंसला बनाता है और इसके सिर पर विशेष लाल निशान होते हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस गणना में कुल 155 प्रजातियां देखी गईं जबकि पिछले साल 209 प्रजातियां पाई गई थीं। भोपाल में इस वर्ष सबसे कम पक्षी प्रजातियाँ (पिछले तीन वर्षों में) पाई गई हैं। मोहम्मद खालिद ने बताया कि यह पक्षी आमतौर पर हरियाणा और दिल्ली के जलाशयों के पास पाया जाता है। भोपाल में पहली बार पक्षी देखा गया है।

पक्षियों की गणना का चौथा चरण भोपाल पक्षी, मध्य प्रदेश स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, वन विहार नेशनल पार्क और वीएनएस नेचर सेवियर द्वारा आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पक्षियों का मध्य एशिया फ्लाई-वे डिस्टर्ब हो गया और रूसी पक्षी भोपाल नहीं पहुंचे।

साथ ही इस वर्ष बड़ी झील में जल स्तर सामान्य से अधिक होने के कारण बत्तखों की प्रजाति अन्य स्थानों पर लौट आई है। उच्च जल स्तर में प्रजातियों को उचित भोजन नहीं मिलता है। इस वर्ष बार हेडेड गीज़, ब्लैक बिटर्न, स्पून बिल, पिंटेल और पलास गर्ल प्रजातियाँ नहीं पाई गईं। 22 जनवरी तक कई क्षेत्रों में दूसरे चरण की जनगणना की गई। टीम ने पास के जल निकायों में पक्षी प्रजातियों की आबादी की गणना की। अच्छी बारिश के कारण बर्ड वॉचर्स और विशेषज्ञों को 40,000 से अधिक पक्षियों के आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस साल 50,000 से अधिक जल पक्षी और 40,000 से अधिक सामान्य पक्षी होंगे।

जनगणना पांच अलग-अलग चरणों में अलग-अलग जोन में हो रही है। साथ ही रातापानी वन्य जीव अभ्यारण्य ने प्रत्येक वैकल्पिक वर्ष में अपनी परिधि में पक्षियों की गणना करने का निर्णय लिया है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विपिन व्यास ने बताया कि जूलॉजी और एप्लाइड एक्वा कल्चर विभाग के सहयोग से पक्षी गणना की जा रही है. जनगणना में 30 से अधिक शिक्षक, शोध छात्र भाग ले रहे हैं। आकलन करने के बाद प्रत्येक प्रजाति का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, कॉमन क्रट, स्पॉट बिल डक, पर्पल हैरॉन, लार्ज कॉर्मोरेट, ब्लैक हेडेड आइबिस, ब्राउन हेडेड गिल, लेजर व्हीट थ्रोट, ब्लू थ्रोट, मार्श हैरियर, कॉमन स्निप, ग्रीन स्निप, केंटिस प्लोवर, सहित विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं।

विश्वविद्यालय परिसर में काले लाल रंग का स्टार्ट, सिट्रिन वेलटेल आदि पाए जाते हैं। भोपाल बर्ड्स के मोहम्मद खली ने बताया कि पिछले साल भोपाल में 75 हजार पक्षियों का आकलन किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बिसनखेड़ी से बिलखेड़ी, बम्होरी, वन विहार, बोरवन, बैरागढ़ आदि पांच चरणों में पक्षी गणना की जा रही है। अब तक विशेषज्ञों ने 11,101 पक्षियों की आबादी वाली पक्षियों की 134 प्रजातियों की खोज की है। बिसनखेड़ी से बिलखेड़ी तक 4,112, बम्होरी में 2,190, वन विहार में 1,891, बोरवन में 1,814 और बैरागढ़ में 1,094 पक्षी आए।

India Edge News Desk

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