नैनीताल की कॉलोनी तक पहुंची जंगल की आग, बुलाई गई सेना

नैनीताल

उत्तराखंड के जंगलों में आग (Forest fire) लगने का सिलसिला जारी है. नैनीताल से समीप नैनीताल भवाली रोड पर पाइंस के जंगलों में भीषण आग लग गई, जिसमें जंगल का एक बड़ा हिस्सा और आईटीआई भवन चपेट में आ गया. नैनीताल में लड़ियाकांटा क्षेत्र के जंगल में भी आग लगी हुई है. आग के कारण नैनीताल से भवाली जाने वाली सड़क पर धुआं छाया हुआ है. वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है.

तेज हवाओं के चलते दमकल विभाग की टीम को आग पर काबू पाने में मशक्कत करनी पड़ी. नैनीताल के पास लड़ियाकांटा में आग लगने से भारतीय सेना के क्षेत्र में आग पहुंच सकती है, इसको देखते हुए सेना के जवान भी आग बुझाने में लगे हैं.

हेलिकॉप्टर के जरिए नैनीताल और भीमताल झील से पानी लेकर आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. नैनीताल समेत कुमाऊं के जंगलों में आग लगी है. नैनीताल के बलदियाखान, ज्योलिकोट, मंगोली, खुरपाताल, देवीधुरा, भवाली, पाईनस,भीमताल मुक्तेश्वर समेत आसपास के जंगलों में आग धधक रही है.

नैनीताल जिला मुख्यालय के पास जंगल में लगी आग ने भीषण रूप ले लिया है, जिससे पाइंस क्षेत्र स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के निवासियों पर खतरा मंडराने लगा है. इसका असर इलाके में यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा. इलाके के निवासी और हाई कोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार अनिल जोशी ने कहा कि आग ने द पाइंस के पास स्थित एक खाली पड़े घर को चपेट में ले लिया है.

हालांकि हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह खतरनाक रूप से बढ़ रही है. संवेदनशील इलाकों तक आग के पहुंचने की आशंका को देखते हुए जल्द से जल्द आग बुझाने की कोशिश की जा रही है. जिला प्रशासन ने आग को देखते हुए नैनी झील में नौकायन पर प्रतिबंध लगा दिया है.

24 घंटों में आग लगने की 31 घटनाएं हुईं, 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है. वन विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 घटनाएं हुईं, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं हुईं, जहां 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.

पिछले साल 1 नवंबर से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. जखोली और रुद्रप्रयाग के दो अलग-अलग क्षेत्रों में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और सभी विभागों के साथ समन्वय करके आग को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है. रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने कहा कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते समय मौके से पकड़ लिया गया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने अपनी भेड़ों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए आग लगाई थी.

 

India Edge News Desk

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