खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पाजिटिव पाए गए थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चे

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मुंबई : नागपुर जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चे खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पाजिटिव पाए गए। इन बच्चों में से एक की मौत हो गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सहायक उपनिदेशक डा आरके धाकाटे ने बताया कि चार बच्चे एचआईवी पाजिटिव पाए गए थे, जिसमें से एक की मौत हो गई है। हम जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस मामले की जांच की जाएगी। थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से आनुवांशिकता में मिलने वाला रोग है। इसके रोगी एनेमिक होते हैं। इसलिए इनमें अन्य बीमारियों के संक्रमण की भी आशंका बनी रहती है। इस रोग के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल इसकी थीम रखी है, ‘वी अवेयर शेयर एंड केयर।’

थैलेसीमिया से ग्रसित रोगियों में हीमोग्लोबिन के निर्माण की प्रक्रिया जन्म से ही बाधित होती है। जिसके कारण शरीर में खून नहीं बनता है। शुरुआत में इससे ग्रसित शिशुओं को एनीमिया का शिकार समझा जाता है। इस बीमारी का पता शिशु के तीन से पांच माह का होने पर ही पता चलता है। थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों में खून का निर्माण न होने के कारण कुछ दवाओं के साथ रोग की स्थिति के अनुसार समय-समय पर रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है।

थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है। यदि बच्चे के माता-पिता, दोनों के जीन में माइनर थैलेसीमिया है तो संतान को मेजर थैलेसीमिया होगा और यदि माता-पिता में से किसी एक के जीन में माइनर थैलेसीमिया है तो बच्चे में इस रोग का प्रभाव धीमा रहता है। इसलिए काफी संभावना रहती है कि माइनर थैलेसीमिया से ग्रसित रोगी मेजर थैलेसीमिया के रोगी की अपेक्षा बीमारी से थोड़ी अधिक लड़ाई लड़ जाएं। इस पर लगातार शोध होने के बाद भी अभी इस बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। इसके नवीनतम उपचार में बोनमैरो ट्रांसप्लांट थेरेपी काफी मददगार साबित हो रही है, लेकिन ये उपचार काफी महंगा है। हालांकि सरकारी चिकित्सालयों में इसके रोगियों को मुफ्त में रक्त व दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button