मैंने एलजी साहब से पूछा कि मुझे लोगों ने चुना है, आप कौन हैं? : केजरीवाल

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : दिल्ली में आप सरकार और एलजी वीके सक्सेना एक बार फिर आमने-सामने हैं। मंगलवार को विधानसभा में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि एलजी साहब को पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और जमीन के अलावा कोई भी फैसला लेने का अधिकार नहीं है।’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पैरा 284.17 में लिखा है कि एलजी को दिल्ली में स्वतंत्र रूप से कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं है। कोर्ट को पता था कि एक बार लिखे जाने के बाद एलजी नहीं मानेंगे, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने 475.20 में फिर लिखा कि एलजी साहब को फैसला करने का अधिकार नहीं है।

सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, ‘जब मैं एलजी साहब से मिलने गया तो मैंने उन्हें पढ़ा लेकिन उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अपनी राय हो सकती है। इसके बाद मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं था। मैंने उनसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश का कानून है। एलजी ने कहा कि संविधान में लिखा है कि एलजी प्रशासक है, जिसका मतलब शासक है और मेरे पास सर्वोच्च शक्ति है, मैं कुछ भी कर सकता हूं।

केजरीवाल ने आगे कहा, ‘मेरे शिक्षकों ने आज तक मेरा होमवर्क चेक नहीं किया, लेकिन एलजी साहब रोज मेरी फाइल लेते हैं। मैं एक निर्वाचित मुख्यमंत्री हूं, दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने मुझे चुना है। मैंने एलजी साहब से पूछा कि आप कौन हैं? मुझे लोगों ने चुना है।’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि वह (भाजपा) नहीं चाहते कि शिक्षक फिनलैंड जाएं. बीजेपी के कई सांसद और उनके बच्चे विदेश में पढ़ चुके हैं… अगर गरीब के बच्चे अच्छी शिक्षा पाना चाहते हैं तो उन्हें कौन रोक सकता है? यह सामंती मानसिकता है।’

साथ ही सीएम केजरीवाल ने कहा कि सक्सेना ने स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, लेकिन एलजी के कार्यालय ने इस आरोप से इनकार किया है.

India Edge News Desk

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