SIT करेगी बदलापुर सेक्स स्कैंडल की जांच, सरकार का ताबड़तोड़ ऐक्शन; विपक्ष हमलावर

बदलापुर

बदलापुर में दो बच्चियों के कथित यौन दुर्व्यवहार के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है, और स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों ने कुछ अहम मांगें रखी हैं. प्रदर्शनकारियों ने खासतौर पर कानूनी कार्यवाही में तेजी लाने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाने और आरोपी को कठोर सजा देने या फांसी देने की मांग की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ही मामला चलेगा और आरोपी को सख्त सजा दी जाएगी.

प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस टीम ने कार्रवाई में देरी की थी और ऐसा करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने की मांग की थी. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रदर्शनकारियों की ये मांग स्वीकार करते हुए, पुलिस कमिश्नर को देरी से प्रतिक्रिया देने वाले अधिकारियों – सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, एसिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड करने का निर्देश दिया. इस मामले में सीएम एकनाथ शिंदे ने भी जांच के आदेश दिए थे और उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

रेल रोक रहे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों की मांगों के जवाब में, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय जाधव ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की कोशिश की. हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतलें फेंकना शुरू कर दिया. अपने संबोधन के दौरान, जाधव ने भीड़ को आश्वस्त किया और कहा, "हम आपकी मांगों से सहमत हैं लेकिन कृपया हमारी बात सुनें."

कानून के मुताबिक होगी कार्रवाई

बताया जा रहा है कि बदलापुर में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. विरोध-प्रदर्शनों के बीच पुलिस अधिकारी "भारत माता की जय" और "डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जय" जैसे नारे लगाते देखे गए. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून प्रवर्तन की प्रतिबद्धता दोहराई, और कहा कि संविधान के मुताबिक कदम उठाए जाएंगे.

लोकल ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने रोका

स्थानीय पुलिस दो से तीन दिन की समय सीमा के भीतर आरोप पत्र तैयार करने की कोशिश कर रही है. प्रदर्शनकारियों ने विरोध में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है और ट्रेनें रोक दी हैं. इसकी वजह से आम लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस आयुक्त संजय जाधव ने अपील की कि रेलवे मुंबई की लाइफलाइन है और ऐसे में इसे रोका नहीं जाना चाहिए, और ये कि इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी.

'विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा'

इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे पूर्व मुख्यमंत्री हैं और सुप्रिया सुले एनसीपी-एसपी की वरिष्ठ नेता हैं। हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे इस मामले में संवेदनशील होंगे और इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करेंगे। पुलिस और राज्य सरकार मामले को संवेदनशीलता के साथ संभाल रही है ताकि स्थिति हाथ से बाहर न निकल जाए।"

शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बदलापुर का वह स्कूल, जहां दो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई वह भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा चलाया जा रहा था। अपने आवास मातोश्री में मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, "देश में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। हमारे देश में कुछ राज्यों में घटनाओं का राजनीतिकरण किया जाता है। जहां एक तरफ हमारे यहां 'लड़की बहन' योजना है और वहीं दूसरी तरफ लड़की बहन की बेटियां असुरक्षित हैं। देश में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। इस मामले की त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और देरी के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हमें अपनी पार्टी के मतभेदों को भूलकर एक साथ आना चाहिए और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए।"
मेरी सरकार शक्ति विधेयक लाना चाहती थी- उद्धव

उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार शक्ति विधेयक लाना चाहती थी, लेकिन तब तक उनकी सरकार गिर चुकी थी। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह शक्ति विधेयक पारित करवाए। एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं हैं तो सीएम और डिप्टी सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, "राज्य में अपराध दर में वृद्धि हुई है। हम पुलिस बल की क्षमता पर संदेह नहीं कर रहे हैं। वे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है, लेकिन राज्य सरकार को यह पता लगाने के लिए आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि पुलिस बल में क्या गलत हुआ है। राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।"

वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी असंवेदनशीलता के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, "पुलिस प्रशासन ने बहुत असंवेदनशीलता से काम किया है, और यह सरकार की सुस्ती को दर्शाता है। अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
स्कूल में विशाखा समिति और सखी सावित्री समिति के गठन का आदेश

इस बीच, स्कूली शिक्षा मंत्री ने राज्य भर के हर स्कूल में विशाखा समिति और सखी सावित्री समिति के गठन का आदेश दिया है। हालांकि सरकार ने आठ महीने पहले सखी सावित्री समितियों के गठन का आदेश दिया था, लेकिन कई स्कूलों ने अभी तक इसका पालन नहीं किया है। जवाब में, स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने जिम्मेदार ब्लॉक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है और गैर-अनुपालन करने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किया है।

मंगलवार दोपहर को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसरकर ने कहा, "स्कूल शिक्षा विभाग राज्य भर के स्कूलों में किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में एक नया सरकारी संकल्प (जीआर) जारी करेगा।" उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत बॉक्स लगाया जाएगा, जिसे शिक्षकों, अभिभावकों और पुलिस प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रतिदिन खोला जाएगा। हम स्कूलों में "गुड टच" और "बैड टच" की पहचान करने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने के लिए कुछ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।

केसरकर ने राज्य भर के स्कूलों में निरीक्षण के विशेष अभियान की ओर भी इशारा किया, जिसमें सीसीटीवी की तैनाती और उनकी कार्यशील स्थिति सहित स्कूलों द्वारा किए गए सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया है। केसरकर ने कहा, "हमने सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य कर दिया था। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री से 15 मिनट तक बात की और उन्हें पूरी जानकारी दी। आरोपी अक्षय के खिलाफ पोक्सो के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। हम इस घटना को बहुत गंभीरता से लेते हैं।"

 

India Edge News Desk

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