जम्मू-कश्मीर में बार-बार इंटरनेट बंद होने से सेब का कारोबार और औद्योगि‍क गत‍िव‍िध‍ियां होती हैं प्रभाव‍ित

नई दिल्ली
इन दिनों जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। 2019 में राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पहला मौका है, जब राज्य में चुनाव हो रहे हैं। चुनावों में लोगों के बीच वोट मांगने पहुंची लगभग हर राजनीतिक पार्टियां स्थानीय लोगों की जीविका सुधारने और रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा कर रही हैं।

राज्य में रोजगार और उद्योग की स्थिति क्या है? इसको जानने के लिए जब हमने आकंड़े खंगालने की कोशिश की, तो पता चला कि राज्य में जो कुछ गिने चुने उद्योग चल रहे हैं और जो स्टार्टअप शुरू होते हैं, वह आतंकवाद विरोधी गतिविधि‍यों या अस्थिरता के चलते या तो ठप हो जाते हैं, या उनके विस्तार में इतनी कठिनाइयां आती हैं क‍ि पूरा उद्योग ही खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की शुरुआत में राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंटरनेट बंदी की अवधि घटाने के आदेश के बाद 2022 में 43 बार इंटरनेट बंद किया गया, जबकि 2023 में 10 बार ऐसी नौबत आई।

जम्मू- कश्मीर में सेब की खेती और उसका व्याेपार वहां के लोगों की आजीविका का बहुत बड़ा साधन है। यह सीधे तौर पर इसके बागान मालिकों और व्यापारियों की जीव‍िका का मुख्य साधन है, साथ ही यह उन हजारों लोगों की भी आजीविका का साधन है, जो इसके व्यापार से परोक्ष रूप से जुड़े हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर साल 15 हजार करोड़ रुपये का सेब का व्यापार होता है। यह राज्य के करीब सात लाख लोगों की रोजी-रोटी का साधन है। देश में करीब 80 फीसद सेब का उत्पाीदन कश्मीर में ही होता है। इसकी वजह से पूरे देश में रोजगार का सृजन होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बार-बार इंटरनेट बंद न क‍िया जाता, तो जम्मू-कश्मीर में सेब का व्यापार और ज्यादा फल-फूल रहा होता। इंटरनेट बंद होने की वजह से सेब उत्पादकों को बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ता है।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भाजपा सरकार की घाटी में स्टार्टअप्स और उद्योग बढ़ाने पर भी बहुत जोर रहा है। लेकिन बार-बार इंटरनेट बंद होने की वजह से स्टार्टअप और कारोबार के संचालन पर ही नहीं, बल्कि ग्राहक सेवा भी प्रभाव पड़ता है। साथ ही स्टार्टअप्स की शुरुआत में सबसे ज्यादा जरूरी इंटरनेट होता है। स्टार्टअप और ई-कॉमर्स कंपनियों का कारोबार इंटरनेट के माध्यम से ही चलता है। इसके ग्राहक कंपनी से इंटरनेट से जुड़े होते हैं। इंटरनेट बाध‍ित होने पर इन कंपनियों (स्टार्टअप) का संचालन ठप पड़ जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में इंटरनेट बाधि‍त रहने से कई स्टार्टअप कारोबारी अपना व्यापार समेट कर देश के अन्य शहरों में चले जाते हैं। इनको रोकने के लिए कंपनियों को सरकार के समर्थन और मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की जरूरत है। कुछ स्टार्टअप खुद को बंदी के अनुसार ढाल लेते हैं, लेक‍िन उन्हेंै नुकसान उठाना पड़ता है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button