चीन से महंगी पड़ने लगी दोस्ती, भारत का एक कदम और बांग्लादेश को सीधे 9367Cr का नुकसान…

नई दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमले के बाद (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत लगातार एक्शन मोड में है. पाकिस्तान को करारा सबक सिखाने के बाद अब सरकार के निशाने पर Pakistan का समर्थन करने वाले देश और उनसे नजदीकी रखने वाले मुल्क हैं. इनमें जहां तुर्की और अजरबैजान (Turkey-Azerbaijan) शामिल हैं, तो वहीं चीन के साथ गहरी दोस्ती निभाने वाला बांग्लादेश (Bangladesh) भी भारतीय राडार पर है. दरअसल, मोहम्मद युनूस द्वारा बीते दिनों चीन में भारत के लिए विवादित टिप्पणियां की गईं और अब वो इसकी बड़ी कीमत चुकाने वाला है. भारत के सिर्फ एक कदम से ही ड्रैगन के इस दोस्त को 770 मिलियन डॉलर या करीब 6581 करोड़ रुपये (लगभग 9,367 करोड़ बांग्लादेशी टका) का नुकसान होने वाला है. आइए समझते हैं कैसे…

बांग्लादेश के लिए भारत के लैंड पोर्ट बैन
सबसे पहले बात करते हैं भारत की ओर से बांग्लादेश के खिलाफ की गई इकोनॉमिक स्ट्राइक के बारे में, तो बता दें कि भारत ने बांग्लादेश के कई सामानों के लिए भारतीय लैंड पोर्ट्स को बैन (India Bans Land Port For Bangladesh) कर दिया है. भारत की ओर से यह कदम बीते 9 अप्रैल को भारत द्वारा 2020 में दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस लेने के बाद उठाया गया है, जिसने बांग्लादेश को भारतीय बंदरगाहों और यहां तक ​​कि दिल्ली हवाई अड्डे के माध्यम से मध्य पूर्व और यूरोप को निर्यात करने की अनुमति दी थी. बीते शनिवार 17 मई को बांग्लादेश से आयातित कई तरह के सामानों को इन बंदरगाहों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिनमें रेडीमेड गारमेंट और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट समेत अन्य सामान शामिल हैं.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा शनिवार को जारी नोटिफिकेशन को देखें, तो इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों का आयात अब केवल सिर्फ दो बंदरगाहों न्हावा शेवा और कोलकाता पोर्ट तक ही सीमित रहेगा, जबकि अन्य सभी लैंड पोर्ट्स से आयात प्रतिबंधित रहेगा. मतलब साफ है कि अब Bangladesh लैंड पोर्ट की बजाए सी पोर्ट के जरिए ही निर्यात कर पाएगा.

GTRI ने बताया बांग्लादेश को कितना नुकसान
यह कदम डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) के निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसमें भारत सरकार ने बांग्लादेशी सामानों को लैंड पोर्ट्स पर तत्काल प्रतिबंधित कर दिया है और सिर्फ दो समुद्री-पोर्ट (Sea Ports) तक सीमित किया है. भारत की ओर से लिए गए इस एक्शन से बांग्लादेश को कितना नुकसान होने वाला है, इसे ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने एक रिपोर्ट जारी कर समझाया है. इसमें कहा गया है कि लैंड पोर्ट के माध्यम से बांग्लादेशी आयात बैन करने के भारत के फैसले से पड़ोसी मुल्क के 770 मिलियन डॉलर (लगभग 9,367 करोड़ बांग्लादेशी टका) मूल्य के सामानों पर प्रभाव दिख सकता है और ये आंकड़ा कुल द्विपक्षीय आयात (Bilateral Imports) का करीब 42 फीसदी होता है.

GTRI के मुताबिक, रेडीमेड गारमेंट, प्रोसेस्ड फूड और प्लास्टिक प्रोडक्ट प्रभावित होने वाले प्रमुख सामानों में सबसे ऊपर हैं. अकेले गारमेंट्स की अगर बात करें, तो इनकी वैल्यू सालाना 618 मिलियन डॉलर है और भारतीय प्रतिबंधों के बाद ये अब केवल कोलकाता और न्हावा शेवा बंदरगाहों से होकर ही भारत में एंट्री कर सकते हैं. यानी बांग्लादेश की महत्वपूर्ण लैंड ट्रेड कॉरिडोर्स तक पहुंच कट गई है. जीटीआरआई के मुताबिक, भारत के फैसले से Bangladesh के सबसे प्रॉफिटेबल एक्सपोर्ट रूट पर गंभीर असर पड़ने वाला है.

निर्यात की लागत में होगा इजाफा
भारत के इस कदम से बांग्लादेश को बड़ी आर्थिक चोट कैसे लगने वाली है, इसे आसान शब्दों में इस तरह समझ सकते है कि बांग्लादेश और भारत के बीच अब तक जो भी व्यापार होता था, उसका करीब 93 फीसदी लैंड पोर्ट्स के जरिए ही होता था, लेकिन अब इन Land Ports को बंद किए जाने के बाद बांग्लादेशी प्रोडक्ट्स कोलकाता या फिर महाराष्ट्र के न्हावा शेवा बंदरगाह के जरिए ही आ सकेंगे और इसका सीधा असर बांग्लादेशी निर्यात की लागत में बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा, जो उसके लिए भारी नुकसानदायक साबित होगा.

आखिर क्यों भारत के निशाने पर बांग्लादेश
बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में ये तनाव देखने को मिला है और खास बात ये है कि उन्होंने ये टिप्पणियां चीन में जाकर की हैं. हाल ही में चीन के इशारे पर नाच रहे यूनुस ने वहां का दौरा किया और इस दौरान दावा किया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य भूमि से घिरे हुए हैं और समुद्र तक पहुंच के लिए बांग्लादेश पर निर्भर हैं. उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र में हिंद महासागर का एकमात्र संरक्षक बताते हुए China को अपने व्यापार मार्गों का उपयोग करने का निमंत्रण दिया. ऐसे में इसके जवाब में भारत की ओर से बांग्लादेशी सामानों के आयात के लिए पोर्ट्स बैन करने का कदम उसकी हेकड़ी निकालने की दिशा में उठाया गया.

इसके अलावा अन्य कारण भी हैं, जिनके चलते भारत ने ये बड़ा एक्शन बांग्लादेश के खिलाफ लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने ढाका द्वारा कुछ भारतीय उत्पादों पर लगाए गए इसी प्रकार के प्रतिबंधों के जवाब में ये कदम उठाया गया है. बीते साल 2024 के अंत से ही बांग्लादेश ने भारतीय सामनों पर व्यापार प्रतिबंधों को बढ़ाना शुरू कर दिया था और पिछले महीने अप्रैल 2025 में बांग्लादेश ने 5 प्रमुख लैंड पोर्ट्स के जरिए भारतीय धागे के आयात पर बैन लगाया था और इसके साथ ही दर्जनों अन्य सामानों को भी प्रतिबंधित किया था. यही नहीं ढाका द्वारा भारतीय कार्गो पर प्रति टन प्रति किलोमीटर 1.8 टका की ट्रांसिट फीस लगाने से मामला और भी जटिल हो गया था.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button