तकनीक से आत्मबल की ओर: संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में सत्र 2025–26 प्रारंभ

भोपाल

संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क में सत्र 2025–26 का शुभारंभ विशेषज्ञों द्वारा दिए गए ओरिएंटेशन के साथ हुआ। इस सत्र में  देश के विभिन्न राज्यों से आए 350 से अधिक युवा छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। यह आयोजन महज एक औपचारिक सत्र न होकर, युवाओं के जीवन में आत्मबल, तकनीकी दक्षता और नवाचार की दिशा में प्रथम निर्णायक कदम बनेगा।

मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से आए विद्यार्थियों ने ग्लोबल स्किल पार्क को गुणवत्ता आधारित करियर निर्माण का केंद्र मानते हुए प्रवेश लिया है। कार्यक्रम में छात्रों को संस्थान की उन्नत अधोसंरचना, इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों, आधुनिक प्रयोगशालाओं और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास की संपूर्ण प्रक्रिया से परिचित कराया गया।

केवल तकनीकी शिक्षा नहीं, जीवन निर्माण का मंच

ग्लोबल स्किल पार्क की शिक्षण व्यवस्था विद्यार्थियों को केवल जॉब ओरिएंटेड नहीं, बल्कि समस्या समाधानकर्ता और नवाचार आधारित उद्यमशील नागरिक के रूप में तैयार करने पर केंद्रित है। विशेषज्ञों द्वारा आयोजित सत्र में विद्यार्थियों को बताया गया कि यहाँ दी जाने वाली शिक्षा “ट्रेनिंग फॉर एम्प्लॉयमेंट टू ट्रेनिंग फॉर एम्पावरमेंट” की सोच पर आधारित है। छात्रों को प्रोफेशनल एटिकेट, संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता और डिजिटलीकरण के साथ जॉब रेडी स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह दृष्टिकोण ग्लोबल स्किल पार्क को पारंपरिक आईटीआई और पॉलिटेक्निक मॉडल से अलग करता है।

राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मानकों से जुड़ती तकनीकी शिक्षा

ग्लोबल स्किल पार्क ने हाल ही में आईआईटी दिल्ली , आईआईटी रोपड़ और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से साझेदारी कर, कौशल विकास को अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़ने की दिशा में नवाचारी कदम बढ़ाया है। आगामी सत्र में एआई, ड्रोन टेक्नोलॉजी, गेम डिज़ाइनिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेज सेंटर ऑफ स्किल एडवांसमेंट के अंतर्गत आरंभ किए जा रहे हैं, जिससे यहां अध्ययनरत युवा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।

बदलते समाज की नई तस्वीर: बेटियों की बढ़ती भागीदारी

इस सत्र में ग्लोबल स्किल पार्क में छात्राओं के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। तकनीकी प्रयोगशालाओं और वर्कशॉप में छत्तीसगढ़ की अंजलि, राजस्थान की पायल और झारखंड की काजल जैसी छात्राएं अब उसी आत्म विश्वास से काम कर रही हैं, जैसी अपेक्षा अब तक केवल छात्रों से की जाती रही है। यह प्रवृत्ति न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि तकनीकी शिक्षा में लैंगिक संतुलन की ओर एक प्रभावी संकेत भी है।

विजनरी नेतृत्व की देन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता है, जिनके मार्गदर्शन में ग्लोबल स्किल पार्क को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। सचिव रघुराज राजेन्द्रन एवं संस्थान के सीईओ गिरीश शर्मा के नेतृत्व में ग्लोबल स्किल पार्क सतत नवाचार और गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

ग्लोबल स्किल पार्क : स्किल इंडिया का मध्यप्रदेश मॉडल

आज ग्लोबल स्किल पार्क केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि “स्किल्ड  इंडिया एंपावर्ड यूथ” की सोच पर आधारित एक जीवंत प्रयोग है, जहां तकनीकी ज्ञान, व्यक्तित्व निर्माण और रोजगार परकता—तीनों को समान महत्व देते हुए युवाओं को आत्म निर्भरता की राह दिखाई जा रही है।।

 

India Edge News Desk

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