संभाग के सभी जिलों में गो-शालाओं को जन-सहभागिता से बनाया जायेगा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर

इन्दौर
संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि निराश्रित, मानसिक रूप से अविकसित और अन्य दिव्यांगजनों के लिये संभाग के हर जिले में खरगोन और बड़वानी की आस्था ग्राम संस्था की तर्ज पर एक-एक संस्थाओं को विकसित किया जाये। संभाग के सभी जिलों में गो-शालाओं को जन सहभागिता से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जाये। इसके लिये सभी कलेक्टर्स कार्ययोजना शीघ्र तैयार करें। उन्होंने निर्देश दिये कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

            संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में आज यहां एमपीआईडीसी के सभाकक्ष में कलेक्टर्स कांफ्रेंस सम्पन्न हुई। इस अवसर पर इंदौर जिले के कलेक्टर श्री आशीष सिंह सहित संभाग के जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संयुक्त आयुक्त राजस्व श्रीमती सपना लोवंशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, धारणाधिकार, स्वामित्व, प्रधानमंत्री आवास योजना, डायवर्सन सहित अन्य राजस्व वसूली, लोक सेवा गारंटी तथा सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण, खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई आदि की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने संभाग में अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिये चलाये जा रहे अभियान की भी समीक्षा की।

            बैठक में श्री सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व वसूली में तेजी लायें और वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व लक्ष्य को पूर्ण करें। राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किया जाना सुनिश्चित किया जाये। अस्वीकृत एवं निरस्त राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की जाये। यह समीक्षा वरिष्ठ स्तर के अधिकारी से कराई जाये। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये। उन्होंने कहा कि वसीयत के आधार पर बटवारे के प्रकरण निराकृत करने के संबंध में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को प्रशिक्षण दिया जाये। उन्होंने खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि अपने कार्य समय-सीमा में पारदर्शिता, ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करें। नागरिकों के कामों को प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ करें। श्री सिंह ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के जिन लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, ऐसे नागरिकों के कार्ड प्राथमिकता के साथ बनायें। उन्होंने कहा कि संभाग में चलाये जा रहे मोतियाबिंद ऑपरेशन के अभियान को गति दें। यह प्रयास करें कि मोतियाबिंद से पीड़ित सभी के ऑपरेशन हो जाये। इस कार्य को मानवीय संवेदना के साथ करें। श्री सिंह ने कहा कि संभाग में सिकलसेल बीमारी से निपटने के लिये हर संभव प्रयास किये जाये। इस बीमारी से निपटने के लिये सभी जिले कार्ययोजना बनाये। इंदौर में उपचार के लिये विशेष व्यवस्था की जाये। इसके लिये निजी क्षेत्र के अस्पतालों की मदद भी ली जाये। उन्‍होंने कहा कि  प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत आने वाली सभी महिलाओं को समय-सीमा में वित्तीय लाभ उपलब्ध करायें। प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के तहत सभी के घरों में नल से जल पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाये। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान की सतत मॅनीटरिंग करें, जिससे जनजाति समाज को राज्य शासन द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का समय पर लाभ मिल सके। बैठक में श्री सिंह ने सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा किये जा रहे नवाचार कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि हर जिले की किसी एक कला को विकसित करें और उसे एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। जैसे आलीराजपुर में पिथोरा पेंटिंग, बुरहानपुर में लूम उद्योग आदि हैं। उन सभी को एक प्लेटफार्म दिया जाये, ताकि उसका एक बाजार विकसित हो सके।

India Edge News Desk

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