वंचित और कमजोर तबकों के लिए समर्पित गहलोत सरकार

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि ‘मेरा मानना है कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार का प्रथम दायित्व समाज में व्याप्त विषमताओं को समाप्त कर प्रत्येक जरूरतमंद वर्ग और व्यक्ति की जिंदगी को खुशहार बनाते हुए उन्हें सम्मानजनक जीवनयापन करने का अवसर प्रदान करना है।

इसी भावना के साथ मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार दलित, वंचित, पीड़ित, प्रताड़ित और कमजोर तबकों के सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक उत्थान के लिए समर्पित है। 2018 में सरकार बनने के बाद पहले बजट से लेकर अब तक इन तबकों के लिए इस तरह की योजनाएं बनाई गई कि इस वर्ग का प्रत्येक व्यक्ति मुख्यमंत्री का कोटि कोटि धन्यवाद कर रहा है।

कोरोना के दौरान मुख्यमंत्री ने इन वर्गाें का विशेष ख्याल रखा तमाम मुश्किलों के बावजूद मुख्यमंत्री ने इन तबकों के कल्याण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को बजट आवंटन में कोई कमी नहीं छोडी। विभाग द्वारा बहुत सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिसके चलते प्रदेश के प्रदेश के कमजोर तबकों में सरकार के प्रति विश्वास जागृत हुआ है। 2018 से लेकर अब तक इस वर्ग के करीब एक करोड़ लोगों को सरकार ने योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। आंकडे इस बात के गवाह हैं कि सरकार ने अपनी पूरी क्षमता से इन वर्गाें को उपर उठाने का प्रयास किया है:-

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना

इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार के मापदण्डों के अनुरूप सूचीबद्ध बी पी एल परिवार के 60 वर्ष व अधिक आयु के व्यक्तियों को पेंशन दी जा रही है। इसके तहत 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को 750 रूपए प्रतिमाह एवं 75 वर्ष व इससे अधिक आयु के पेंशनर को 1000 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।

राजस्थान सरकार की ओर से 2018 से सितंबर, 2022 तक इस योजना में 969990.92 लाख रूपए से 861601 पेंशनरों को पेंशन दी गई।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना

इस योजना में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सूचीबद्ध बी पी एल परिवार की 40 वर्ष व अधिक उम्र की विधवा महिलाओं को पेंशन के लिए पात्र माना गया है।
इस योजना में 56991.01 लाख रूपए खर्च कर 384894 विधवा महिलाओं को लाभान्वित किया गया।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना

बी पी एल परिवार के वे व्यक्ति जो बहुनिशक्तता या गुरूत्तर निशक्तता से ग्रसित हैं और जिनकी आयु 18 साल से अधिक हैं, पेंशन के योग्य माना गया है।

इस योजना में 3740.59 लाख रूपए व्यय कर 25330 निशक्तजनों को पेंशन दी गई।

मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना

प्रदेश की मूल निवासी 55 वर्ष या इससे अधिक की महिला तथा 58 वर्ष या इससे अधिक की आयु के पुरूषों, जिनके जीवन निर्वाह के लिए नियमित आय का कोई साधन नहीं हो, उन्हें इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

राजस्थान सरकार द्वारा इस योजना में दिसंबर, 2018 से सितंबर, 2022 तक 1925908.99 लाख रूपए से 5451456 वृद्धजनों को पेंशन दी गई।

मुख्यमंत्री एकलनारी सम्मान पेंशन योजना

इसके अंतर्गत राजस्थान की मूल निवासी 18 वर्ष या अधिक आयु की विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिला, जिनकी नियमित आय का कोई जरिया न हो तथा वार्षिक आय 48000 रूपए से कम हो, इस पेंशन योजना के लिए पात्र मानी गई हैं।

दिसंबर, 2018 से सितंबर, 2022 तक राजस्थान सरकार ने 757870.87 लाख रूपए के माध्यम से 1757476 महिलाओं को लाभान्वित किया है।

मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना

राजस्थान के ऐसे मूल निवासी जो अंधता, अल्प दृष्टि, चलन निशक्तता, कुष्ठ रोग मुक्त, श्रवण शक्ति का हृास, मानसिक मंदता, मानसिक रोगी में से किसी एक में 40 या इससे अधिक विकलांगता से ग्रसित हो, इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा प्राकृतिक रूप से हिजडेपन से ग्रसित हो, वह भी इस योजना के पात्र माना गया है।
योजना का लाभ ले रहे व्यक्ति की वार्षिक आय 60,000 रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

राजस्थान सरकार ने दिसंबर, 2018 से सितंबर, 2022 तक 614236 विशेष योग्यजनों को 200780.97 लाख रूपए की पेंशन प्रदान की है।

लघु एवं सीमांत वृद्धजन कृषक सम्मान पेंशन योजना

राजस्थान के मूल निवासी लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसान परिवारों के 55 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला तथा 58 या इससे अधिक उम्र के पुरूष इस योजना के लिए पात्र माने गए हैं।

राजस्थान सरकार ने इस योजना में 254489 पेंशनरों को 82777.12 लाख रूपए की पेंशन सम्मान के रूप में दी है।

पालनहार योजना

यह योजना पूरे भारत में अनूठी है जिसमें माता पिता विहीन बच्चों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जा रही है। पहले यह योजना अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए लागू की गई थी, बाद में सभी जातियों के बच्चों को इस योजना में शामिल कर लिया गया। इसके अलावा निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा महिला के तीन बच्चे व पुनर्विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाली विधवा माता के बच्चों को भी इस योजना में सम्मिलित किया गया।

इस योजना के अंतर्गत कुष्ठ या एड्स रोग वे पीडित माता या पिता के बच्चे, नाता जाने वाली महिला की एक संतान, परित्यक्ता एवं तलाकशुदा महिला की संतान, सिलीकोसिस पीडित माता, पिता की संतान को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दंड या आजीवन कारावास प्राप्त माता पिता के बच्चों को भी इस योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है। बच्चों का पालन पोषण करने वाले परिवार की वार्षिक आय 1.20 से अधिक नहीं होनी चाहिए। बच्चों के 18 वर्ष तक की उम्र पूरी करने तक इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन की तिथि से बच्चों का कम से कम 3 साल की अवधि से राजस्थान में रहना आवश्यक है।

इस योजना में राजस्थान सरकार ने दिसंबर, 2018 से सितंबर, 2022 तक 651181 बच्चों को 198987.48 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी है।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना

राजस्थान सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग के बी पी एल परिवार, सभी वर्गाें के बीपीएल परिवार, अंत्योदय परिवार, आस्थाकार्डधारी परिवार, आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं, विशेष योग्यजन, पालनहार में लाभार्थी कन्या एवं महिला खिलाडियों के स्वयं के विवाह पर इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।

राज्य सरकार ने दिसंबर, 2018 से सितंबर, 2022 तक इस योजना में 45985 कन्याओं के विवाह पर 16141.75 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी है।

India Edge News Desk

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