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सभी जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कराने के लिए संवेदनशील है सरकार : गहलोत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार समाज के वंचित, असहाय सहित सभी जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कराने के लिए संवेदनशील है। राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के प्रति गंभीरता दिखाते हुए हर पात्र व्यक्ति को विभिन्न योजनाओं के जरिये लाभ पहुंचाया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं है। इससे जरूरतमंदों को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं।

गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत राज्य में 92 लाख पेंशनर्स को पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। विभागीय अधिकारी भारत के विभिन्न राज्यों और अन्य देशों में सामाजिक सुरक्षा में किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी पालनहार योजना में प्रदेश के 5.97 लाख बच्चों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास सुनिश्चित कराने के लिए मासिक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है। वर्ष 2019-20 में 3.88 लाख बच्चे लाभान्वित थे, अब संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। योजना में आर्थिक सहायता राशि बढ़ाई गई है, जिसमें अब 0 से 6 वर्ष आयु के बच्चों के लिए प्रतिमाह 500 रूपए से बढ़ाकर 1500 और 6 से 18 वर्ष आयु के लिए 1000 रूपए से बढ़ाकर 2500 रूपए की आर्थिक सहायता मई 2022 से मिलेगी। उन्होंने कहा कि लाभान्वित बच्चे शिक्षा से जुड़े हुए है या नहीं, इसके लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

बच्चों का वार्षिक सत्यापन भी शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में बढ़ाई सीटें मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में सीटों की संख्या बढ़ाई गई है। योजना में 25 करोड़ रूपए बजट प्रावधान को बढ़ाकर 40 करोड़ रूपए किया गया है। इससे कोचिंग लेने वाले विद्यार्थियों की सीटों की संख्या भी 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार हो गई है। इससे प्रदेश के जरूरतमंद विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उच्च संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग मिलेगी। उन्होंने कोचिंग के लिए चयनित विद्यार्थियों की सूची के साथ प्रतीक्षा सूची भी जारी कराने और सूचीबद्ध संस्थानों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग सुनिश्चित करें कि सभी पात्र विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं में राज्य सरकार ने अपना 40 प्रतिशत हिस्सा पात्र विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा करा दिया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अपना 60 प्रतिशत हिस्सा बहुत ही कम विद्यार्थियों के खातों में जमा कराया है। केंद्र सरकार शेष विद्यार्थियों के खाते में भी अपना हिस्सा शीघ्र जमा कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में विशेष योग्यजनों के लिए स्कूटियों की संख्या को 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार और पात्रता में उम्र का दायरा भी बढ़ाकर 45 वर्ष किया गया है। इससे विद्यार्थियों, रोजगार के लिए जाने वालों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इन स्कूटियों पर राज्य सरकार का एक स्थायी ‘लोगो’ लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कुष्ठ रोगियों का सर्वे कराने और उन्हें योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश भी दिए।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विशेष योग्यजनों को दी जाने वाली स्कूटियों की संख्या और बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा ने विभाग की सभी योजनाओं के लिए निगरानी तंत्र को और अधिक मजबूत एवं पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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