ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में शासन का बेहतर प्रयास

रायपुर,

केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं से प्रदेश की महिलाओं की जिंदगी बदल रही है। उन्हें सर छिपाने के लिए अपना आशियाना, लकड़ी के चूल्हे से होने वाली धुएं से आजादी और आर्थिक सशक्तिकरण भी मिल रहा है। विकासखण्ड बलरामपुर की ग्राम पंचायत पस्ता की रहने वाली श्रीमती कलेसरी जो विधवा और बेसहारा महिला है बताती हैं अपने पुराने मिट्टी के घर में रहती थी। उनके पति की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी ऐसी स्थिति में पक्का आवास की कल्पना कर पाना मुश्किल था। परन्तु इस कल्पना को साकार किया प्रधानमंत्री आवास योजना ने।
   

श्रीमती कलेसरी बताती हैं कि उन्हें  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 01 लाख 30 हजार रूपये की राशि प्राप्त हुई और  आज उन्हें को अपना पक्का आवास मिल चुका है।वो अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक होकर कहती है कि मेरे पति ने पक्के घर में रहने का सपना देखा था काश उनके रहते मेरा सपना पूरा होता। शासन की संवदेनशीलता से कलेसरी अपने हौसले से अपना जीवन जी रही है। वे कहती हैं कि पक्के आवास के लिए हमेशा शासन की आभारी रहेंगे।

      पहले चूल्हे से खाना बनाया करती थी, जिससे समय पर खाना बनाने में परेशानी होती थी और स्वास्थ्य दोनों ही खराब रहता था। उज्जवला योजना के लाभ से अब गैस के माध्यम से खाना बनाने में समय की बचत होती है ,धुएं से उन्हें मुक्ति मिली है और अन्य कार्यों को भी समय से पूरा कर लेती है।

कलेसरी को मिल रहा है महतारी वंदन योजना का लाभ

    श्रीमती कलेसरी को महतारी वंदन योजना अंतर्गत योजना का भी लाभ मिल रहा है। श्रीमती  कलेसरी कहती है कि मेरे खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए आता है। जिससे घर की छोटी-छोटी जरूरत को पूरा कर लेती हूं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार, परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जा रही है।

India Edge News Desk

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