राजस्थान में खेल शुरू, ED ने CM अशोक गहलोत के बेटे को समन भेजा
राजस्थान में इलेक्शन से पहले सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं. ऐसे में यहां CM अशोक गहलोत के बेटे को इनफोर्समेंट डायरेक्टर की तरफ से तलब किया गया है

राजस्थान : प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को तलब किया है. अफसरों ने बताया कि गहलोत के बेटे को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत 27 अक्टूबर को जयपुर में तलब किया गया है. इस ताल्लुक से मुख्यमंत्री ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही है।
फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में
इस साल अगस्त में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम ने ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की मुंबई में फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फेमा के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में दीगर जगहों पर तलाशी ली थी. फर्म के निदेशक, जिनकी पहचान रतन कांत शर्मा के रूप में की गई है, एक कार रेंटल सेवा में वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर थे।
वैभव गहलोत मॉरीशस में मौजूद
साल 2015 में, जयपुर के दो निवासियों ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस में मौजूद ‘शिवनार होल्डिंग्स’ नाम की कंपनी से अवैध धन की हेराफेरी की थी- इसके एक शेल कंपनी होने का संदेह है।
शिकायत में, यह भी इल्जाम लगाया कि 2011 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर मॉरीशस में मौजूद फर्म से ट्राइटन होटल्स को धन हस्तांतरित किया गया था. कंपनी के शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे, जबकि मूल शेयर की कीमत प्रत्येक शेयर के लिए केवल 100 रुपये थी।
उद्देश्य केवल काले धन को ठिकाने लगाना
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि शिवनार होल्डिंग्स 2006 में बनाई गई थी और इसका उद्देश्य केवल काले धन को ठिकाने लगाना था. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में कहा कि ट्राइटन होटल्स ने शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया, जिसे फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कई बार संशोधित किया गया. जांच में आगे पता चला कि ट्राइटन समूह सीमा पार निहितार्थ वाले हवाला लेनदेन में शामिल रहा है।