हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को दी मंजूरी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़ : हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है और राज्य सरकार ने 9200 करोड़ रूपए के राजस्व को संग्रहित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि हमने पिछले साल लगभग 6400 करोड़ रूपए का राजस्व संग्रहित किया था जो कि इस साल बढ़कर 7938 करोड़ हो गया है। चौटाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायतों के सुझावों के तहत 100 वेंडरों को भी इस नई नीति के तहत कम किया गया है। उन्होंने बताया कि शराब के अंतर्राज्जीय आवागमन को बेहतरीन नियंत्रण के लिए ट्रांसिट स्लिप को शुरू किया गया हैं तथा ट्रैक एवं ट्रेस सिस्टम के तहत हाई सिक्योरिटी होलोग्राम को भी लागू किया गया है जिसके अंतर्गत नकली व अवैध शराब जिन कंपनियों की होगी, उन्हें ब्लैकलिस्ट राज्य में किया जाएगा। हरियाणा में सभी डिस्टलीरिज व बोटलिंग प्लांटों पर फलो मीटर तथा सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। बोटलिंग के तहत क्यूआर कोड सिस्टम की सुविधा भी होगी जिसके तहत पारदर्शिता पर बल रहेगा।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को यूनाईटेड किंगडम सरकार के अधिकारियों द्वारा शिविर आयोजित करके विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। यह प्रशिक्षण हिपा और ट्राईसिटी में किसी एक स्थान पर दिलाया जाएगा जिसके तहत यूके सरकार के अधिकारी प्रशिक्षण देने के साथ-साथ जीएसटी निगरानी के संबंध में भी जानकारी आबकारी एवं कराधान अधिकारियों के साथ सांझा करेंगें। इसी प्रकार, जीएसटी संग्रहण में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस टूल्स को भी अपनाने का काम होगा। जीएसटी संग्रहण में 16 प्रतिशत की बढौतरी, आगामी वर्ष के लिए 40 हजार करोड़ का लक्ष्य-डिप्टी सीएम उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा, जो क्षेत्रफल तथा जनसंख्या के मामले में कई राज्यों से छोटा हैं, लेकिन जीएसटी संग्रहण में पूरे देश में 5वें स्थान पर रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारा जीएसटी संग्रहण 16 प्रतिशत बढा है जिसके तहत कुल जीएसटी संग्रहण 35390 करोड़ रहा है जबकि पिछले वर्ष यह 30507 करोड़ रूपए रहा था। उन्होंने कहा कि हरियाणा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं इसलिए हमने जीएसटी संग्रहण का 40 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसी प्रकार, उन्होंने एसजीएसटी की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष एसजीएसटी का कुल संग्रहण 15115 करोड रहा है जोकि पिछले वर्ष 11959 करोड़ रूपए रहा था। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए हमारे विभाग द्वारा 12 से 15 अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया जो जीएसटी चोरी पर नकेल कसने में काफी हद तक कामयाब भी रही। इसके अलावा, हमने हरियाणा को मॉडयूल-1 से बदलकर मॉडयूल-2 में शिफट करने का काम किया और आंकडों में देरी के समय को भी कम करने का भी प्रयास किया गया। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि हरियाणा में 30 करोड रूपए की लागत से जीएसटी कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया गया जिसमें हाई स्पीट इंटरनेट, कम्यूटर, आर्टिफिशियल इंटलीजेंस पर बल देकर उसे अपग्रेड किया गया है।
चौटाला ने कहा कि एयरोस्पेस डिफेंस की नवीनता पर काम किया जा रहा है और इसी कड़ी में एयरोस्पेस डिफेंस उत्पादन व विनिर्माण को अनुमति दी गई हैं। इसके तहत एक बिलियन डालर के निवेश को आकृर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में पांच एयरपटिटयां पिंजौर, करनाल, नारनौल व भिवानी इत्यादि में हैं जिसके तहत यदि कोई यूनिट एयरपटटी के 10 किलोमीटर के दायरे में डिफेंस से संबंधित उत्पादन करता हैं तो उसे सरकार द्वारा 5 प्रतिशत का प्रतिपूर्ति की जाएगी। ऐसे ही, 25 किलोमीटर के दायरे में काम करने वाली यूनिट को 20 करोड रूपए तक का एसजीएसटी का रिफण्ड किया जाएगा जिसके तहत बी ब्लाक में 6 वर्ष तक 50 प्रतिशत, सी ब्लाक में 8 वर्ष तक 75 प्रतिशत व डी ब्लाक में 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत का रिफण्ड होगा।
राज्य सरकार ड्रोन के क्षेत्र में अपना कदम आगे बढा रही हैं और अगले पांच सालों में उडडयन ड्रोन विनिर्माण पर काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिसार एयरपोर्ट एक विकल्प के रूप में तैयार हो रहा है और इस एयरपोर्ट का कार्य मध्य चरण में हैं और यह एक विकास में त्वरित गति प्रदान करने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि राज्य के गुरूग्राम में द्वारका एक्सप्रैस के साथ 25 एकड भूमि में एक हैलीहब बनाने का भी प्रस्ताव है जोकि चारधाम यात्रा व बी-टू-बी जैसे कार्य को बढावा देने में पूरा सहयोग करेगा और इससे कनैक्टीविटी में भी बढौतरी होगी। उन्होंने बताया कि यह हैलीहब एनसीआर में अपनी तरह का सबसे बडा हैलीहब होगा। इस हैलीहब के बनने से जहां इंदिरा गांधी अतंर्राष्ट्रीय हवाई अडडे पर यात्रियों के बोझ कम होगा वहीं दूसरी ओर यहां पर मरम्मत व रखरखाव के काम का भी विकल्प होगा।
(जी.एन.एस)