हाथरस हादसा: अखिलेश यादव साकार हरि के सत्संग में शामिल भी हुए

आगरा

बसपा सरकार में लाल बत्ती के काफिले में चलने वाले साकार हरि बाबा उर्फ सूरजपाल की नजदीकी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी रही है। अखिलेश यादव साकार हरि के सत्संग में शामिल भी हुए हैं। बीते साल जनवरी में अखिलेश यादव ने एक्स प्लेटफार्म पर सत्संग में शामिल होने का पोस्ट शेयर किया था और उनकी जय-जयकार की थी। हाथरस में हुए हादसे के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव का सोशल मीडिया पर 3 जनवरी 2023 का पोस्ट वायरल हुआ है। इसमें उन्होंने साकार हरि के लिए लिखा था कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो।

साकार हरि के नाम से चर्चित बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह पुलिस में नौकरी के दौरान 28 साल पहले इटावा में भी तैनात रहे हैं। बताया जाता है कि नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा का बसपा सरकार में डंका बजता था। इस सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचते थे। उनकी कार के आगे आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी।

बसपा सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधि उनके सत्संग में शामिल होने पहुंचते रहे। सत्संग स्थल पर पुलिस की जगह उनके स्वयंसेवक ही कमान संभालते हैं। सत्संग में सेवा के लिए पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर पहुंचते हैं। सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी हैं, जो बाबा की सुरक्षा में तैनात रहने के साथ सत्संग स्थल पर व्यवसथाएं संभालते हैं।

स्वयंसेवक गुलाबी रंग की यूनिफॉर्म में सत्संग स्थल से लेकर शहर की सड़कों पर तैनात रहते हैं। आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान, सेवला के पास शक्ति नगर मैदान, आवास विकास कॉलोनी, दयालबाग, बाह और शास्त्रीपुरम के पास सुनारी में नारायण साकार हरि का सत्संग हो चुका है।सूरजपाल सिंह उर्फ साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कासगंज जिले के पटयाली का रहने वाला है। 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ सूरजपाल सत्संग करने लगा। वह आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता। अधिकतर वह महंगे चश्मे, सफेद पैंट-शर्ट पहनता है।

 सपा अध्यक्ष संग बाबा की तस्वीरें ले गए योगी
सपा अध्यक्ष संग बाबा की तस्वीरें ले गए योगी हाथरस। हादसे के बाद दौरे पर आए मुख्यमंत्री की पुलिस लाइन में अफसरों संग बैठक बेहद गरमा-गरम रही। बैठक की शुरुआत मुख्यमंत्री के इसी सवाल के साथ हुई कि आखिर ढाई लाख की भीड़ किन वाहनों और संसाधनों से आ गई। इन सवालों का अफसरों पर कोई जवाब न था।

इसी बीच सीएम को आयोजन की तैयारियों व हादसे के कुछ फुटेज दिखाए। इसी बीच बाबा व सपा अध्यक्ष अखिलेश की कुछ तस्वीरें भी दिखाई गईं। बस यह तस्वीर दिखाते ही अफसर बचते नजर आए और पूरे मामले में सियासी एंट्री के साथ साजिश का दखल भी हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री यह तस्वीरें अपने साथ ले गए।

बैठक का माहौल कितना गरम रहा होगा। इसका अंदाजा बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में आए मुख्यमंत्री के चेहरे को देखकर ही लगाया जा सकता है। बेहद सख्त लहजा था, मुख्यमंत्री का। माथे पर तनाव की लकीरें साफ दिख रही थीं। तनिक भी मुस्कुराहट के भाव नहीं थे। साफ झलक रहा था कि बैठक गरम माहौल में हुई है। इसे लेकर जब सूत्रों से बात हुई तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्संग की तैयारियों से लेकर हादसे के दौरान की सभी तस्वीरों व वीडियो को देखा। सीएम के सवालों ने यहां अफसरों को निरुत्तर कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से पूछा कि आखिर कैसे, किन वाहनों से इतनी भीड़ यहां एकत्रित हुई। अगर प्रशासनिक आंकड़े ढाई लाख बता रहे हैं तो ढाई लाख की भीड़ किन किन वाहनों से आई।

India Edge News Desk

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