छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के समर्पण की सहायता राशि बढ़ाई गई

रायपुर

छतीसगड़ शासन की आत्म समर्पण पुनर्वास नीति में किया गया बड़ा बदलाव. नक्सल संगठन कोई भी लीडर आत्म समर्पण करता हैं तो उसकी सहायता राशि की जाएगी दुगनी. ग्राम पंचायत या कोई ब्लाक नक्सल मुक्त होता है तो उसके विकास कार्यों के लिए स्वीकृति किये जायेंगे 1 करोड़ रुपए. बस्तर आई जी ने एक बार फीर नक्सल संगठन से की अपील. आगे आये और करे आत्म समर्पण.. क्षेत्र के विकास में बने भागीदारी. वरना भुगते अंजाम.

 छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवादी, आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 लागू हो गई है। इस नीति के तहत नक्सलवाद से पीड़ित व्यक्तियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के लिए मदद दी जाएगी। समर्पण करने वाले नक्सलियों को नकद राशि 50 हजार रुपए के साथ जमीन, मकान, और जो नक्सली जमीन, मकान, और जो नक्सली हथियार, गोला-बारूद के साथ समर्पण करेंगे, उन्हें मुआवजा राशि भी मिलेगी। यह नीति अगले दो साल तक लागू रहेगी। वहीं कुछ प्रावधान आम जनता के उन व्यक्तियों के लिए भी लागू होंगे, जिन्होंने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग किया  हो अथवा स्वयमेव आम जनता की रक्षा व शासकीय, अशासकीय संपत्ति की सुरक्षा के दौरान नक्सलियों से मुकाबला किया हो।

नक्सल पीड़ितों को मिलेगी ये मदद

नक्सली हिंसा में  किसी आम नागरिक के मृत शारीरिक रूप से अर्पण होने या गंभीर रूप से पागल होने, किसी व्यक्ति की संपत्ति की आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से क्षति होने पर उन्हें 5 लाख रुपए, पुलिस के 'विशेष सहयोगी की नक्सली घटनाओं में मृत्यु पर कुल राशि 5 लाख रुपए के स्थान पर कुल राशि 10 लाख रुपए दी जाएगी। केंद्रीय योजना के तहत दी जाने वाली राशि इसके अतिरिक्त होगी। घायल को स्थायी असमर्थ होने पर पांच लाख, गंभीर रूप से घायल होने पर दो लाख रुपए। पुलिस के 'विशेष सहयोगी' के स्वयं परिवार के सदस्यों के प्रकरणों में यह राशि क्रमशः ४ लाख एवं 4 लाख होगी, इसी तरह चल संपत्ति (अनाज, कपड़े, घरेलू सामान) के नुकसान पर रुपए 40 हजार, स्थायी संपत्ति (मकान, दुकान आदि) कच्चे मकान, पक्के मकान के 60 हजार और रुपए 1.50 लाख दिए जाएंगे। जीविकोपार्जन के साधन की क्षति जैसे बैलगाड़ी, नाव, ट्रैक्टर ट्रॉली, ट्रैक्टर, जीप, ट्रक, रोड रोलर, जेसीबी, पोकलेन एवं सड़क निर्माण में शामिल अन्य उपकरण पर 60 हजार रुपए से लेकर 8 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

जमीन और मकान या बदले में रकम भी

हत्या, गंभीर चोट या स्थाई अपंगता के प्रकरणों में सुरक्षा तथा अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए यदि शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में पुनर्वास करना आवश्यक हो, ग्रामीण क्षेत्र में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि अथवा शहरी क्षेत्रों में 4 डिसमिल (1742 वर्गफुट) आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। यदि भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो पीड़ित परिवार को ग्रामीण क्षेत्र में 4 लाख रुपए एवं शहरी क्षेत्र में 8 लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में मुआवजा राशि मात्र समावेश किया गया है। व्यावहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी। ऐसे पीड़ित परिवार द्वारा 3 वर्ष के भीतर कृषि होगी। ऐसे पीड़ित परिवार द्वारा 3 वर्ष के भीतर कृषि भूमि क्रय करने पर अधिकतम 2 एकड़ की भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कौन

नक्सल नीति में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को इस प्रकार परिभाषित किया गया है। भारत शासन, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के अंतर्गत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी एवं उसके अग्र संगठन दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ, क्रांतिकारी किसान कमेटी, महिला मुक्ति मंच, आरपीसी या जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंच, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, तृतीय प्रस्तुति कमेटी, झारखंड जनमुक्ति परिषद, जनहित क्रांति पार्टी, मूलनिवासी बचाओ मंच का सदस्य, चाहे वह किसी भी पद पर हो एवं शासन द्वारा समय-समय पर घोषित विधि विरुद्ध नक्सली संगठन का सदस्य हो, या रहा हो।

ईनामी नक्सलियों को मिलेगा बड़ा इनाम

राज्य में सक्रिय रुपए 5 लाख या उससे अधिक के ईनामी नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण के बाद शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 डिसमिल (1742 वर्गफुट) जमीन आवास के लिए अथवा ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि दी जाएगी। जमीन नहीं दिए जाने की स्थिति में अचल संपत्ति अथवा जमीन क्रय करने के लिए रुपए 2 लाख अनुदान राशि दी जाएगी। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में  मुआवजा राशि मात्र का समावेश  किया गया है। व्यावहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी।

शादी के लिए 1 लाख

नीति के मुताबिक आत्मसमर्पण के बाद प्रति व्यक्ति को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान दी जाएगी। अविवाहित अथवा जीवित पति, पत्नी न होने की स्थिति में आत्मसमर्पण करने के 3 वर्ष के भीतर आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने यदि विवाह करने का इच्छुक है तो उसको 1 लाख रुपए अनुदान राशि विवाह के समय दी जाएगी। विवाह की स्थिति में पति, पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली होने की स्थिति में, दोनों को एक इकाई मानकर लाभ दिया जाएगा।

India Edge News Desk

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