नॉर्थ कोरिया ने एक खतरनाक पनडुब्बी बनाई है, जोकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए खतरा मानी जा रही

प्योंगयांग
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नई टेंशन खड़ी कर दी है। नॉर्थ कोरिया ने एक खतरनाक पनडुब्बी बनाई है, जोकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए खतरा मानी जा रही। इससे अब ट्रंप के अगले कदम या फिर प्रतिक्रिया का इंतजार होने लगा है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने पहली बार न्यूक्लियर पावर से चलने वाली पनडुब्बी का अनावरण किया। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया एजेंसी ने शनिवार को इस पनडुब्बी की तस्वीरें जारी कीं, जिसमें इसे परमाणु ऊर्जा से चलने वाली रणनीतिक निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी कहा गया है।

सियोल के हानयांग विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले दक्षिण कोरियाई पनडुब्बी विशेषज्ञ मून क्यून-सिक ने कहा कि यह नौसैनिक पोत 6,000 टन या 7,000 टन श्रेणी की लग रही है, जो लगभग 10 मिसाइलें ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक निर्देशित मिसाइलों शब्द के इस्तेमाल का मतलब है कि यह परमाणु-सक्षम हथियार ले जाएगी। मून ने कहा, "यह हमारे और अमेरिका के लिए पूरी तरह से खतरा होगी।" अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा कि हम इन दावों से अवगत हैं और इस समय हमारे पास देने के लिए अतिरिक्त जानकारी नहीं है। ह्यूजेस ने कहा, "अमेरिका उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।"

परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी उन अत्याधुनिक हथियारों की लंबी सूची में शामिल थी, जिन्हें किम जोंग उन ने 2021 में एक प्रमुख राजनीतिक सम्मेलन के दौरान पेश करने की कसम खाई थी, ताकि वे बढ़ते अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य खतरों से निपट सकें। अन्य हथियारों में ठोस ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, हाइपरसोनिक हथियार, जासूसी उपग्रह और बहु-वारहेड मिसाइलें शामिल थीं। उत्तर कोरिया ने तब से उन्हें हासिल करने के लिए कई परीक्षण गतिविधियां की हैं।

इतने प्रतिबंधों के बाद भी कैसे तैयार की पनडुब्बी?
उत्तर कोरिया द्वारा पानी के नीचे से मिसाइल दागने की अधिक क्षमता हासिल करना चिंता वाली बात मानी जा रही है। क्योंकि इसके प्रतिद्वंद्वियों के लिए इस तरह के प्रक्षेपणों का पहले से पता लगाना मुश्किल है। इस बारे में सवाल उठ रहे हैं कि उत्तर कोरिया, एक भारी प्रतिबंधित और गरीब देश, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के निर्माण के लिए संसाधन और तकनीक कैसे प्राप्त कर सकता है। पनडुब्बी विशेषज्ञ मून ने कहा कि उत्तर कोरिया को यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने के लिए पारंपरिक हथियारों और सैनिकों की आपूर्ति के बदले में पनडुब्बी में इस्तेमाल किए जाने वाले परमाणु रिएक्टर के निर्माण के लिए रूसी तकनीकी सहायता मिल सकती है।

उत्तर कोरिया के पास हैं 70-90 डीजल-संचालित पनडुब्बियां
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया अपनी वास्तविक तैनाती से पहले अपनी क्षमता का परीक्षण करने के लिए एक या दो साल में पनडुब्बी लॉन्च कर सकता है। उत्तर कोरिया के पास दुनिया के सबसे बड़े बेड़े में से एक में अनुमानित 70-90 डीजल-संचालित पनडुब्बियां हैं। हालांकि, वे ज्यादातर पुरानी हैं जो केवल टॉरपीडो और माइंस लॉन्च करने में सक्षम हैं, मिसाइल नहीं। 2023 में, उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने अपनी पहली सामरिक परमाणु हमला पनडुब्बी लॉन्च की है, लेकिन विदेशी विशेषज्ञों ने उत्तर की घोषणा पर संदेह किया और अनुमान लगाया कि यह संभवतः 2019 में बताई गई डीजल-संचालित पनडुब्बी थी। मून ने कहा कि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि इसे तैनात किया गया है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button