बच्चों के लिए खिलौने आश्चर्य और आनंद का स्रोत बने रहने चाहिए

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

खिलौना उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) खिलौना क्षेत्र में सर्कुलेरेटी प्राप्त करने की दिशा में एक कदम उठा रहा है। खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत, एमओएचयूए ने कचरे को खिलौनों में बदलने के लिए नये समाधान लाने की एक प्रतिस्पर्धा स्वच्छ टॉयकाथन की शुरूआत की है। यह प्रतिस्पसर्धा ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित की गई है जिसमें 17 सितंबर 2022, सेवा दिवस, 2 अक्टूबर 2022, स्वच्छता दिवस तक एक पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

एमओएचयूए, सचिव, श्री मनोज जोशी ने MyGov पोर्टल पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरूआत की और टूलकिट जारी किया। प्रतिस्पर्धा के दौरान खिलौने बनाने या सृजित करने के लिए कचरे के इस्तेमाल जैसा समाधान ढूंढने को कहा गया है।

इस अवसर पर, श्री मनोज जोशी ने सृजनात्मक दिमागों से नवीन समाधानों के साथ आने का आग्रह किया जो एक तरफ खिलौनों की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं और दूसरी तरफ ठोस-कचरे के प्रभावों का समाधान निकालते हैं।

इस अवसर पर आईआईटी गांधीनगर के प्रो. उदय अठवंकर, प्रो. मनीष जैन और टॉय बैंक की सुश्री विद्युन गोयल ने टॉय-गेम डिजाइन, ज्ञानात्मक विज्ञान और इस पहल के खिलौना उद्योग पर प्रभाव के बारे में उनके विचारों से अवगत कराया।

प्रोफेसर उदय आठवंकर, (सेवानिवृत्त प्रोफेसर और प्रमुख, औद्योगिक डिजाइन केन्द्र, आईआईटी बॉम्बे) ने खेल खेलकर बच्चों की ज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ बच्चों को पढ़ाने के तरीके बदलने की आवश्यकता के बारे में बताया।

प्रो. मनीष जैन, (सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग, आईआईटी गांधीनगर में प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर) ने कहा कि कल्पना की यात्रा में कोई नया काम करने के लिए बच्चों के लिए खिलौने आश्चर्य और आनंद का स्रोत बने रहने चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि घर में पड़े कूड़ा-कर्कट को खिलौनों में बदला जा सकता है जो बच्चों को विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में सिखाते हैं।

टॉयबैंक की संस्थापक सुश्री विद्युन गोयल ने उपेक्षित समुदायों के बच्चों का ‘खेलने का अधिकार’ सुनिश्चित करने के लिए पुराने और बेकार खिलौनों को फिर से तैयार करने में उनके संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

स्वच्छ टॉयकैथॉन की रूपरेखा पर बोलते हुए, संयुक्त सचिव, एमओएचयूए, सुश्री रूपा मिश्रा ने पहल में शामिल किए जा रहे व्यापक दृष्टिकोण के साथ-साथ प्रतियोगिता के बाद आगे बढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने प्रतियोगिता का टूलकिट प्रस्तुत किया जिसमें भागीदारी के तौर-तरीकों का विवरण दिया गया था।

सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग, आईआईटी गांधीनगर पहल के लिए एमओएचयूए का नॉलेज पार्टनर है, वे शिक्षाशास्त्र और रचनात्मकता के पहलुओं पर सहायता प्रदान करेंगे।

स्वच्छ टॉयकाथन व्यक्तियों और समूहों के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता है। यह तीन व्यापक विषयों पर आधारित है (i) फन एंड लर्न जो घर, कार्यस्थल और आसपास के कचरे से खिलौनों के डिजाइन और शुरुआती प्रोटोटाइप के लिए विचारों की तलाश करता है, (ii) उपयोग और आनंद लें जो खेल के डिजाइन और मॉडल के लिए विचारों की तलाश करता है और कचरे से बने पार्क/खुले स्थानों में खेलने के लिए कहता है और (iii) नया और पुराना जो खिलौना उद्योग में सर्कुलेरेटी के लिए विचार/समाधान/कार्य मॉडल चाहता है। कचरा और पुर्नचक्रित सामग्री, पर्यावरण के अनुकूल खिलौनों के प्रोटोटाइप और पैकेजिंग और खिलौना उद्योग पर पुनर्विचार करने वाले अन्य नवीन विचार।

आवेदक 26 सितम्बर 2022 से 11 नवंबर, 2022 की अवधि के दौरान वेबसाइट https://innovateindia.mygov.in/swachh-toycathon/ पर पंजीकरण करा सकते हैं। आवेदक (i) के तीनों विषयों में से सभी या किसी एक में आवेदन कर सकते हैं। मज़ा और सीखें (ii) उपयोग करें और आनंद लें और (iii) पुराने से नया।

आवेदनों की शॉर्टलिस्टिंग 30 नवंबर 2022 तक और मूल्यांकन दिसम्बर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। मूल्यांकन मानदंड (i) आइडिया की नवीनता (ii) डिजाइन (iii) सुरक्षा (iii) कचरे के उपयोग (iv) मापनीयता और प्रतिकृति (v) भविष्य का कचरा, जलवायु और सामाजिक निहितार्थ पर आधारित होगा।

प्रत्येक श्रेणी और विषयगत क्षेत्र से शीर्ष तीन प्रविष्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा और आईआईटी गांधीनगर में रचनात्मक शिक्षण कार्यशालाओं की सुविधा प्रदान की जाएगी। जीतने वाले स्टार्ट-अप/व्यक्तियों को आईआईटी कानपुर द्वारा इनक्यूबेशन सहायता प्रदान की जाएगी, साथ ही शहरी स्थानीय निकायों के साथ सम्पर्क भी प्रदान किया जाएगा ताकि प्ले जोन डिजाइनों को लागू किया जा सके और खिलौना उद्योग पुरस्कृत डिजाइनों को बढ़ावा दे सके तथा उन्हें बढ़ा सके।

India Edge News Desk

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