प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट जारी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
श्रीनगर /नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांबा में पल्ली पंचायत का रविवार को दौरा करने से एक दिन पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आत्मघाती हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच यहां भीषण मुठभेड़ हुई थी। जम्मू के बाहरी इलाके में सुंजवां सैन्य शिविर के पास मुठभेड़ के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। मुठभेड़ के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद से लैस दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया था। इससे एक बड़ा हमला टल गया। मुठभेड़ में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक अधिकारी भी शहीद हो गया और दो पुलिसकर्मियों सहित नौ अन्य घायल हो गए।
सुरक्षा बलों ने शुक्रवार तड़के अर्धसैनिक बलों के जवानों को ले जा रही एक बस पर हमले के बाद आतंकवादियों को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ हुई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ स्थल का दौरा करने के बाद कहा था कि दोनों आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे और उनकी घुसपैठ प्रधानमंत्री मोदी की रविवार को पंचायती राज दिवस पर जम्मू-कश्मीर के दौरे को बाधित करने की एक ‘‘बड़ी साजिश” हो सकती है। ड्रोन से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू शहर से 17 किलोमीटर दूर स्थित पल्ली पंचायत को एक तरह से सील कर दिया गया है और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सहित स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को कड़ी निगरानी के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-पठानकोट राजमार्ग से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थल को प्रधानमंत्री की रैली के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत आम लोगों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मोदी का जम्मू-कश्मीर का यह दौरा, अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के कदम के बाद केंद्र शासित प्रदेश का पहला दौरा है। अधिकारियों ने कहा कि जनसभा स्थल पर 30,000 से अधिक पंचायत सदस्यों सहित एक लाख से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। डीजीपी ने मुठभेड़ के बाद कहा था, ‘‘यह मुठभेड़ प्रधानमंत्री के दौरे से दो दिन पहले हुई। यह जम्मू के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और यह दौरे को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है।”
(जी.एन.एस)