Trending

घर से निकला कचरा बेच दो हफ्ते में लखपति बनी स्वच्छता दीदियां, 207 टन कचरे से कमाए साढ़े 11 लाख रुपये

जगदलपुर शहर में नगर निगम के अंतर्गत काम करने वाली स्वच्छता दीदीयों ने शहर के कचरे से दो हफ्ते में 11 लाख की कमाई की है. इस दौरान स्वच्छता दीदीयों ने 207 टन कचरा इकट्ठा किया है

बस्तर : छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में नगर निगम के अंतर्गत आने वाले स्वच्छता दीदीयों की कड़ी मेहनत और जिला प्रशासन के बनाए एक्शन प्लान ने कमाल कर दिया है. शहर में घर और संस्थानों से निकलने वाले गीला और सूखा कचरा बेचकर ही एसएलआरएम सेंटर की स्वच्छता दीदीयां लखपति बन गईं हैं. इस प्रयास के लिए भले ही उन्होंने लंबे समय से मेहनत की होगी लेकिन यह रिजल्ट उन्हें पिछले दो हफ्तों के अंदर ही मिल गया है।

दरअसल शहर में घर और संस्थानों से निकला गीला और सूखा कचरा, घर-घर जाकर एकत्रित करने वाली स्वच्छता दीदियों के लिए आय का जरिया है. नगर निगम में कार्यरत महिला कर्मियों ने कचरा बेचकर पिछले दो हफ्तों में  साढ़े 11 लाख 74 हजार रुपए कमाए हैं. इन कर्मियों का कहना है कि लोग गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग डंप करें और नालियों में न फेकें तो न केवल शहर साफ हो सकता है, बल्कि इसकी रिसाइक्लिंग से आय और बढ़ सकती है।

7 सेंटरों में 260 स्वच्छता दीदीयां 

जगदलपुर नगर निगम ने शहर के 48 वार्डों में कचरा कलेक्शन के लिए स्वच्छता दीदीयों को रिक्शा दी हुई है. हर सुबह 260 स्वच्छता दीदी वार्डों में घर-घर कचरा लेकर 7 एसएलआरएम सेंटर में छंटनी करती हैं. घरों से मिलने वाले गीले कचरे से खाद बनाती है. नगर निगम के अफसरों के मुताबिक कचरे की रिसाइक्लिंग से हुई आय को अनुपात में बांटकर स्वच्छता दीदियों के खातों में राशि डलवाई जाती है।

बस्तर कलेक्टर ने बढ़ाए मदद को हाथ

बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि स्वच्छता दीदीयां एसएलआरएम सेंटर में अच्छा काम कर रहीं थी. महसूस हुआ कि उनके एक काम को दिशा देने की जरूरत है, इसके लिए बाबू समेरा में एमआरएफ सेंटर तैयार किया गया. जहां कैटगिरी वाइस वेस्ट मटेलियल भेजा जाता है. विवाद न हो इसके लिए दर तय की गई. आज 7 से अधिक कैटगिरी में इनके सामान को यहां पहुंचाया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि कचरे से स्वच्छता दीदीयां लखपति बन रहीं हैं. इसके लिए आगे भी प्लान है, जल्द ही इसे भी अमल में लाकर आय बढ़ाने की दिशा में बेहतर काम किया जाएगा।

7 कैटगिरी में अलग होता है वेस्ट

नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 48 वार्ड से मिले सूखे कचरे से स्वच्छता दीदी अब वेस्ट से वेल्थ की ओर बढ़ रही हैं. घरों से प्राप्त होने वाले सूखे कचरे में कागज, सीसी-बोतल, प्लास्टिक के टूटे-फूटे सामान के साथ लोहे व टिन के डिब्बे व कबाड़ बेचकर 11 लाख 74 हजार 333 रुपए की अतिरिक्त आमदनी कमाई की गई. इस कचरे को सीधे बाबू सेमरा में स्थित एमआरएफ(मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी) के तहत प्लांट तैयार किया गया है।

दो हफ्ते में कचरे से 11 लाख की कमाई

यहां एसएलआरएम में वेस्ट मटेरियल की 7 कैटगिरी में छठाईं होती है. इसके बाद इसे प्लांट में भेज दिया जाता है, हर कैटगिरी के वेस्ट के लिए दाम अलग-अलग तय किए गए हैं. जिसके हिसाब से रकम स्वच्छता दीदीयों के खातों में जमा किए जाते हैं. यह कमाई 207 टन वेस्ट बेचकर हुई है।

दरअसल निगम ने बाबू सेमरा स्थित एमआरएफ को जो वेस्ट भेजा है. उसका आंकलन हर हफ्ते में किया जाता है, प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 21 से 27 नवंबर तक 6988 किग्रा वेस्ट भेजा गया. जिसकी कीमत करीब 4 लाख 40 हजार थी. वहीं 28 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच 11930 किग्रा वेस्ट एमआरएफ भेजा गया. जिसके तहत 4 लाख 53 हजार रुपए  प्राप्त हुए. इसी तरह अन्य वेस्ट के जरिए ढाई लाख रुपए की कमाई हुई. इस तरह करीब 207 टन कचरे से 11लाख 74 हजार रुपए स्वच्छता दीदीयों के खाते में पहुंचे।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button