इज्जत घरों को लग गया भ्रष्टाचार का दीमक, खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

बाराबंकी : एक ओर सरकार स्वच्छ भारत मिशन का सपना साकार करने के लिए काफी प्रयासरत दिखाई दे रही है वही सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गांवों में ओ डी एफ के तहत इज्जत घरों को बनाने में भ्रष्टाचार का दीमक लग गया जिससे ग्रामीण उनका उपयोग न करके खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ।

सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी योजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में ओ डी एफ शौचालयों को बनाए जाने का सरकार का यह उद्देश्य था कि महिलाओं मां बहनों की इज्जत सुरक्षित रह सके वे घर के बाहर शौच करने न जाए जिससे गंदगी पर अंकुश लगे परंतु ओडीएफ शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार का दीमक लगने से जनपद में कहीं भी स्वच्छ भारत मिशन का सपना साकार होते नहीं दिखाई पड़ रहा है जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों में इज्जत घरों को ठेकेदारी प्रथा से ही ठेकेदारों द्वारा बनाया गया है जिसमें जम कर अनियमितताएं बरती गई है कहीं-कहीं पर शौचालय में दो टैक की जगह 1 टैंक बना है तो किसी पर ढक्कन नहीं रखा गया है शौचालयों के अंदर टोटी नहीं लगी है शौचालय के साइड में बनी टंकी पर भी ढक्कन नहीं छतो का निर्माण सीमेंट के दो पटरो को ढाल करके कर दिया गया है जरा सी बरसात होने पर छतों से पानी भी टपकता है इसके संबंध में सूत्र बताते हैं कि कई बार ग्रामीणों के द्वारा विकासखंड से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायतें की गई परंतु जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करके ही कर्तव्यों से जिम्मेदार अधिकारियों ने अपना मुंह मोड़ लिया जिस का आलम यह है कि सरकार के द्वारा ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ।

जिले की विकासखंड सिरौलीगौसपुर को ही ले लिया जाए तो यहां की ग्राम पंचायतों मे शौचालयों को बनाए जाने में ठेकेदारों व अधिकारियों के द्वारा जमकर खेल खेला गया है हमारे सिरौलीगौसपुर संवाद सूत्र के अनुसार ओडीएफ शौचालय कि यदि बानगी देखना है तो विकासखंड सिरौलीगौसपुर की ग्राम पंचायत औलियापुर का निरीक्षण कर लीजिए सारी हकीकत खुलकर सामने आ जाएगी यहां पर अधिकांश शौचालय घूर गड्ढों में बनाए गए हैं किसी शौचालय में पल्ले नहीं है अथवा वे टूटकर छतिग्रस्त हो गए हैं ग्रामीण उसमें लकड़ी व उपले रखने का काम कर रहे हैं तो किसी शौचालय में सीट भी नहीं रखी गई है वही एक स्थान पर पहुंचने के उपरांत एक अत्यंत चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है जहां पर शत्रोहन के शौचालय के मुख्य द्वार के बाहर नांद रखकर मवेशियों को खिलाया जा रहा है ठीक उसके सामने बने दूसरे शौचालय में पल्ले व छत नहीं है तथा अन्य शौचालयों में कंडे और उपले भरे हुए देखे गए यह तो एक प्रकार की बानगी मात्र है यही हाल जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों का है ।

कोटवा धाम संवाद सूत्र के अनुसार तहसील सिरौलीगौसपुर की ग्राम पंचायत उटवा में बनाए गए शौचालयों में जमकर अनियमितताएं बरती गई हैं जहां पर अधिकांश शौचालय घूर गड्ढे में बनाए गए हैं कुछ में ढक्कन रखे हैं जो कुछ में नहीं रखे हैं सिर्फ गड्ढे ही खुदे पड़े दिखाई देते हैं जिसमें आए दिन कोई न कोई मवेशी गिरकर चोट खा जाता है यह तो एक प्रकार की बानगी मात्र है इसी प्रकार से परसा सहनी मऊ मदारपुर बरौलिया सोधवा फतेहपुर तहसील छेत्र रामनगर तहसील क्षेत्र हैदर गढ़ तहसील क्षेत्र रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र समेत पूरे जनपद की ग्राम पंचायतों में बने अधिकांश शौचालयो का यही हाल है जिसकी जांच यदि किसी सक्षम अधिकारी के द्वारा की जाए तो सारी खामियां खुलकर सामने आ जाएगी ।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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