कैसे हुआ इतना बड़ा घोटाला? ईडी ने परत-दर-परत किया विश्लेषण

इंडिया एज न्यूज

रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से छत्तीसगढ़ में हड़कंप मचा हुआ है। भाजपा के ‘इशारे’ पर ‘रेड’ मारने वाले प्रवर्तन निदेशालय ने करीब साढ़े चार करोड़ रुपये नकद, दो करोड़ मूल्य के सोने के आभूषण और अन्य कीमती सामान बरामद किया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी के मामले में आरोप पत्र दायर किया है। इस आरोप पत्र में यह बताया गया है कि मात्र 16 माह की अवधि में कोयला परिवहन से 500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली एकत्रित की गई और इस अवैध राशि का एक हिस्सा चुनावी फंडिंग में भी दिया गया है। ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में हर टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही थी।

ईडी के आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि डिलीवरी आॅर्डर अवैध लेवी का भुगतान करने के उपरांत ही जारी किए गए थे। और यह सारा वसूली का रैकेट एक नियोजनबद्ध प्रक्रिया के तहत चलाया जा रहा था।

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस अवैध वसूली के इस्तेमाल सरकारी अफसरों तथा राजनेताओं को बतौर रिश्वत देने के लिए किया जाता था। साथ ही इस धन का कुछ हिस्सा चुनावी खर्चे के रूप में भी किया जाता था। लेकिन यहां एक चीज ध्यान देने योग्य है वह यह कि यहां किसी भी राजनीतिक पार्टी का नाम नहीं लिया गया।

ईडी ने अभी तक जो जांच की है उससे यह खुलासा हुआ है कि इस तरह से अर्जित किए गए धन से बेनामी संपत्ति और आभूषण खरीदे गए तथा संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए निवेश करके लेन-देन किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, राज्य के खनिज विभाग ने खनिजों के परिवहन की आॅनलाइन व्यवस्था को निलंबित कर दिया था। और आॅफलाइन व्यवस्था में मात्र 16 माह में कोयला परिवहन से 500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई।

यहां पर तत्कालीन खनिज निदेशक समीर बिश्नोई की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि समीर बिश्नोई ने मैन्युअल रूप से कोयला परिवहन परमिट प्राप्त करने की पूर्व-मौजूदा आॅनलाइन व्यवस्था में बदलाव के आदेश जारी किए थे। जिससे अवैध लेवी को सक्षम किया जा सके।

ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में हर टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है। वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और मध्यस्थों की एक टीम बनाई गई थी। ईडी के मुताबिक इस घोटाले के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी और उनके साथियों ने कोयले पर अवैध लेवी का फायदा उठाने के लिए समानांतर व्यवस्था बनाई। उन्होंने अवैध रूप से अर्जित धन से बेनामी संपत्ति और आभूषण खरीदे।

ईडी ने इस अवैध उगाही और सबूतों को नष्ट करने की साजिश के खिलाफ आयकर विभाग की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है. ईडी ने 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में एक साथ तलाशी ली थी. इस बीच व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी फरार है। रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू अपने सरकारी आवास से लापता हो गई हैं। ईडी ने करीब साढ़े चार करोड़ रुपये नकद, दो करोड़ मूल्य के सोने के आभूषण, बार और अन्य कीमती सामान जब्त किया।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button