आईएएस अधिकारी ने छुट्टी से लौटे आरएएस को छह बिंदुओं पर सौंपी चार्जशीट, जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी

जयपुर
राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत ओएसडी विभु कौशिक (RAS) को लंबी मेडिकल छुट्टी से लौटने के बाद अब IAS अधिकारी और एमडी नेहा गिरी की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है। एमडी ने ओएसडी को 6 बिंदुओं में आरोपित करते हुए चार्जशीट जारी की है और 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी है कि समय पर जवाब नहीं मिलने पर एकतरफा विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
एमडी ने ओएसडी से बीमारी और स्वस्थता का मेडिकल प्रमाण पत्र भी मांगा है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनकी तमाम छुट्टियों को अमान्य कर दिया जाएगा।
चार्जशीट में शामिल हैं ये मुख्य आरोप
- दवाइयों की खरीद में देरी- 24 दिसंबर 2024 को भेजी गई फाइल में 268 दवाइयों और सर्जिकल आइटम की खरीद के वर्क ऑर्डर थे, जिनमें से कई की रेट कॉन्ट्रेक्ट की वैधता 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी लेकिन आवश्यक वस्तुओं की खरीद की प्रक्रिया में देरी हुई और ऑर्डर समय पर जारी नहीं हो सके।
- फाइल भेजने में देरी- जब रेट कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने में केवल 7 दिन बचे थे, तब ही फाइल क्यों भेजी गई? जबकि बफर स्टॉक की जानकारी पहले से थी। साथ ही 26 दिसंबर को मांगी गई जरूरी दवाइयों की जानकारी समय पर क्यों नहीं दी गई?
- वर्क ऑर्डर की मंजूरी में देरी- 137 दवाइयों के वर्क ऑर्डर पहले स्तर पर स्वीकृत होने के बावजूद OSD ने तीन महीने तक उन्हें लंबित रखा।
- ड्राफ्ट में अटके ऑर्डर- 107 अन्य दवाइयों के वर्क ऑर्डर ड्राफ्ट में थे, लेकिन 2-3 माह से जारी नहीं किए गए।
- वर्कऑर्डर की गिरावट- वर्ष 2024-25 में जारी किए गए वर्कऑर्डर, बीते दो वर्षों की तुलना में काफी कम रहे। इसका कारण नहीं बताया गया।
- कम शेल्फ लाइफ वाली दवाइयों पर कार्रवाई नहीं- 21 फर्मों की 25 दवाइयों और सर्जिकल आइटम पर नवंबर 2024 से कोई निर्णय नहीं लिया गया।
चार्जशीट पर उठा सवाल
एमडी द्वारा सीधे आरएएस अधिकारी को चार्जशीट देने पर प्रशासनिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं। राजस्थान सिविल सेवा नियम-1958 के जानकारों के अनुसार सुपर टाइम स्केल के आरएएस अधिकारी को निलंबित करने या चार्जशीट देने का अधिकार सीधे तौर पर कार्मिक विभाग को है। संबंधित विभाग का एचओडी केवल प्रस्ताव बनाकर मंत्री के माध्यम से विभाग को भेज सकता है।
पहले भी रहा है विवादों से नाता
एमडी नेहा गिरी पूर्व में भी स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री ए. राठौड़ के साथ विवाद को लेकर चर्चा में आ चुकी हैं। मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक के दौरान दोनों अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद एमडी ने प्रमुख सचिव द्वारा बुलाई गई बैठकों में हिस्सा लेना बंद कर दिया था।