ऑपरेशन सिंदूर के बीच PAK के डिप्टी PM को आया सऊदी प्रिंस का फोन कहा ‘ब्रदर, क्या मैं जयशंकर से बात करूं…

कराची 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत के मिसाइल पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बना रहे थे. तो उस वक्त सऊदी अरब ने पाकिस्तान के कहने पर भारत को मनाने की खूब कोशिश की थी. ये दावा पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया है. इशाक डार ने यह भी माना है कि हम भारत को जवाब देने की कोशिश कर ही रहे थे कि इससे पहले इंडिया ने नूर खान एयरबेस और शोरकोट एयरबेस पर हमला कर दिया था. 

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की रात को पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस हमले में दहशतगर्दों ने 26 निर्दोष सैलानियों की हत्या कर दी थी. 

जिओ न्यूज के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि नूर खान एयरबेस और शोरकोट एयरबेस पर भारत का हमला तब हुआ जब पाकिस्तान जवाबी अटैक करने ही जा रहा था. 

इसका मतलब ये था कि भारत ने तेजी से कार्रवाई की और पाकिस्तान को सोचने का मौका ही नहीं दिया. इतनी तेजी से किए गए हमले से पाकिस्तान का शासन-प्रशासन अचंभित था. 

'ब्रदर आप बात कर सकते हैं'

उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने इस इंटरव्यू में कहा कि, 'भारत के हमले के बाद प्रधानमंत्री ने आर्म्ड फोर्सेज को जवाबी एक्शन के लिए अधिकृत कर दिया, डिटेल तय हो गई कि हमें क्या रोल आउट करना है, और हमने चार बजे के बाद शुरू किया, लेकिन मैं बदकिस्मती कहूंगा कि इंडिया ने ढाई बजे फिर वही हरकत कर दी, नूर खान एयरबेस पर, शोरकोट एयर बेस पर उन्होंने फिर अटैक किया, उसी रात को."

इस जंग में सऊदी अरब के रोल पर इशाक डार ने कहा कि, 'इस हमले के 45 मिनट बाद ही मुझे सऊदी प्रिंस फैसल साहब का फोन आया और उन्होंने मुझे कहा कि ब्रदर मुझे समझ में आ रहा है कि आपकी बात अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से हुई है और क्या मैं जयशंकर से बात करने के लिए अधिकृत हूं कि आप रुकने के लिए तैयार हैं अगर वो रुक जाएं.'

डिप्टी पीएम इशाक डार ने आगे कहा कि उन्होंने सऊदी प्रिंस से कहा कि हां पाकिस्तान इसके लिए तैयार हैं और ब्रदर आप सऊदी प्रिंस से बात कर सकते हैं. इशाक डार ने आगे बताया कि सऊदी प्रिंस ने बाद में उन्हें फिर से फोन किया और कहा कि उन्होंने जयशंकर को ये बात कह दी है. 

इससे पता चलता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश में सऊदी ने एक शांत लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डार ने कहा कि इस्लामाबाद ने इस उम्मीद में संयुक्त राज्य अमेरिका से भी संपर्क किया कि भारत इस मामले में सैन्य तनाव को और न बढ़ाए.

डार का कबूलनामा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के अन्य शीर्ष अधिकारियों द्वारा पहले किए गए दावों का भी खंडन करता है, जिन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत को कड़ा जवाब दिया है. दरअसल पाकिस्तान भारत को जवाब देना तो दूर उसका पूरा फोकस भारत के आक्रमण से बचने में था. पाकिस्तान ने इसके लिए अमेरिका, सऊदी अरब, कतर जैसे देशों से कूटनीतिक सहायता मांगी. 

शहबाज भी मान चुके हैं- भारत ने पहले हमला कर दिया

पहले बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी बाद में स्वीकार किया है कि भारत ने रावलपिंडी हवाई अड्डे सहित कई क्षेत्रों को निशाना बनाकर ब्रह्मोस मिसाइल से हमले किए

शरीफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा, "भारत ने फिर से ब्रह्मोस मिसाइल हमले किए और रावलपिंडी हवाई अड्डे और अन्य स्थानों सहित पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों को निशाना बनाया."

शहबाज शरीफ ने माना कि पाकिस्तान ने 10 मई को तड़के फजर की नमाज के बाद 4:30 बजे जवाबी हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन 9-10 मई की रात को भारत ने इससे पहले ही पाकिस्तान के कई एयरबेस को तहस-नहस कर दिया. 

इससे पता चलता है कि भारतीय सेना ने न केवल पहले हमला किया, बल्कि भारत ने पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भी सफलतापूर्वक विफल कर दिया. 

ऑपरेशन सिंदूर 

भारत ने 7 मई से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों और सैन्य ठिकानों पर कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए. 

भारत के हमले से बौखलाए पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य स्थलों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की. हालांकि भारत ने और भी शक्तिशाली जवाबी हमले किए, उसके सैन्य ठिकानों पर हमला किया और पाकिस्तान की योजनाओं को विफल कर दिया. 

चार दिनों तक बढ़ते तनाव और सीमा पार हमलों के बाद पाकिस्तान की गुहार पर भारत 10 मई को युद्धविराम पर सहमत हुआ. 

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button