यकृत स्वस्थ तो जीवन स्वस्थ, यकृत की देखभाल को बनाएं प्राथमिकता : उपमुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल
विकसित भारत के साथ-साथ स्वस्थ भारत का निर्माण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। यकृत स्वस्थ रहेगा, तो जीवन भी स्वस्थ रहेगा और जब जीवन स्वस्थ होगा, तब परिवार, समाज और पूरा प्रदेश भी स्वस्थ और सशक्त बनेगा। उक्त विचार उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने ‘ग्लोबल फैटी लीवर दिवस’ पर सागर से वीडियो कॉन्फ्रेंस से प्रदेश के सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। पद्म भूषण डॉ. शिव कुमार सरीन, निदेशक, इंस्टीटयूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज, नई दिल्ली भी वी.सी. में जुड़े।

उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि ‘ग्लोबल फैटी लीवर डे’ केवल एक दिवस नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, जागरूकता और स्वस्थ भविष्य की दिशा में सामूहिक संकल्प का संदेश है। उन्होंने कहा कि यकृत (लीवर) हमारे शरीर का सबसे मौन किंतु अत्यंत कार्यशील अंग है। यह अंग ऊर्जा उत्पादन, विषहरण, प्रतिरक्षा और पाचन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं की आधारशिला है। जब यकृत प्रभावित होता है, तो उसके लक्षण बहुत देर से प्रकट होते हैं और तब तक शरीर को गंभीर हानि पहुँच चुकी होती है ऐसे में आवश्यक है कि हम समय रहते यकृत की देखभाल को अपनी प्राथमिकता बनाएं। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मोटापा, मधुमेह, असंतुलित आहार, शारीरिक निष्क्रियता और मानसिक तनाव एनएएफएलडी के प्रमुख कारण हैं ये सभी कारक जीवनशैली से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आह्वान किया कि नागरिक अपने और परिवार की जाँच अवश्य कराएं। संतुलित आहार अपनाएं, जंक फूड से बचें, और रोजाना कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधि को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि ‘स्वस्थ यकृत मिशन’ को और भी सशक्त बनाया जाएगा। स्क्रीनिंग से लेकर उपचार तक हर स्तर पर सरकार आपके साथ है। स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक उपकरण, प्रशिक्षित मानव संसाधन और बेहतर उपचार सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि 21 मई 2025 को राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "स्वस्थ यकृत मिशन" का शुभारंभ किया। यह एक समर्पित जनस्वास्थ्य पहल है, जो केवल उपचार तक सीमित नहीं, बल्कि रोकथाम, जनजागरूकता, स्क्रीनिंग, रेफरल तथा फॉलोअप के प्रत्येक चरण को एकीकृत रूप में सम्मिलित करती है। उन्होंने बताया कि 2 जून 2025 से लेकर आज तक हम लगभग 10 लाख नागरिकों की एनएएफएलडी स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 1.27 लाख लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 23 से अधिक पाया गया। 1 लाख 24 हज़ार 131 (24 प्रतिशत) महिलाओं की कमर की माप 80 सेंटीमीटर से अधिक और 93 हज़ार 738 (19 प्रतिशत) पुरुषों की कमर की माप 90 सेंटीमीटर से अधिक पाई गई। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि ये आंकड़े मात्र संख्याएँ नहीं हैं ये एक गंभीर चेतावनी हैं। यह संकेत है कि हम सचेत हो जाएँ और भविष्य की चुनौती के प्रति सजग रहें।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि पूरे प्रदेश में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एनएएफएलडी स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किए गए हैं। इन शिविरों में 30 से 65 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों की जाँच की जा रही है। संदिग्ध मामलों को जिला अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है और उनका नियमित फॉलोअप भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान में आशा कार्यकर्ता, एएनएम, सीएचओ, मेडिकल ऑफिसर, स्वास्थ्य प्रबंधक और पंचायत प्रतिनिधि हमारी सशक्त रीढ़ के रूप में कार्य कर रहे हैं। ये सभी जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, उन्हें प्रेरित कर रहे हैं तथा समय रहते स्क्रीनिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button