ब्रेक पर जाना चाहते हैं तो..

कामकाजी जीवन में निजी या अन्य कारणों से कुछ न कुछ रुकावटें आती रहती हैं। कई प्रोफेशनल्स के करियर में चाहे-अनचाहे ब्रेक्स आ जाते हैं। हालांकि, महिलाओं के करियर में ऐसे ब्रेक्स ज्यादा आते हैं, फिर भी महिला कर्मचारी हों या पुरुष, ऐसे लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जो अपने काम से कुछ देर या लंबे समय के लिए दूर चले जाते हैं। पहले जरूरत यह समझने की है कि ब्रेक पर जाना क्यों जरूरी हो जाता है? आज वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण जरूरी हो गया है कि संस्थान अपने कार्यकारी ढांचे में जरूरी तब्दीलियां लाएं। इस कारण कुछ कर्मचारियों का काम से दूर जाना उनकी मजबूरी बन जाता है। एक अन्य कारण कर्मचारी का एक ही बंधे-बंधाए ढांचे में लंबे समय तक काम करने से जुड़ी बोरियत भी हो सकता है या फिर अपना काम शुरू करने के प्रयास में मिली असफलता, जिसके बाद उन्हें लौटने में कुछ समय लगता है। ऐसे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।

ब्रेक के दौरान:- हम अक्सर अपनी मान्यताओं के रूप में कई ऐसी भ्रामक धारणाएं पाले रखते हैं, जिन्हें खुद से दूर रखना ही बेहतर होता है। यह धारणाएं अपनी क्षमताओं (या कमियों) के रूप में भी हो सकती हैं या सही-गलत से जुड़े निजी पूर्वाग्रहों की भी। जाहिर है कि यह धारणाएं लंबे कार्यानुभव के आधार पर ही बनती हैं, जिन पर ब्रेक के दौरान आप पुनर्विचार कर सकते हैं। यह भी जरूरी है कि आप इस दौरान अपनी खूबियों-खामियों पर भी सोचें, ध्यान दें कि कार्य से जुड़ी आपकी असली दक्षता उसके किस पक्ष से जुड़ी है। बेशक आप अपने काम से दूर हैं, परंतु आपके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष, जो अभी तक कुछ पीछे रहा था, अब उसे आगे लाना होगा। यहां आशय है आपके परिवार से। परिवार के साथ फुर्सत के कुछ पल बिताना भी खासा स्फूर्तिदायक होता है, जो किसी भी समस्या पर नए सिरे से सोचने के लिए भी प्रेरित करता है।

आपको अपने कार्यक्षेत्र में लौटना ही है तो क्यों न किसी नए उद्देश्य को ध्यान में रख कर वापसी की जाए। फिर चाहे यह नयापन किसी नए करियर की ही नींव क्यों न रखे। इससे न केवल आप खुद से जुड़ी एक नई खोज कर पाएंगे, बल्कि एक नया परिदृश्य आपके सामने रूपांतरित होगा, जिसमें आप अपनी कुछ शर्तों को पूरा करने में सफल होंगे। मुमकिन है जब आप बाहर थे, तब इंडस्ट्री में कुछ व्यापक परिवर्तन आए हों; हो सकता है आपकी सोच-समझ के अनुसार इंडस्ट्री का नया रूप सामने आ चुका हो, इसलिए जरूरी है कि ब्रेक के दौरान कुछ नए हुनर भी सीख लें।

अन्य जरूरी बातें:- विदेशों में करियर ब्रेक और विश्राम काल (सैबेटिकल) के बीच कुछ फर्क होता है। विश्राम काल से जुड़ी पॉलिसी किसी कंपनी में हो सकती है और वह अपेक्षाकृत अधिक औपचारिक होती है। इसके अंतर्गत, कर्मचारी मैनेजमेंट की रजामंदी से कुछ समय का ब्रेक लेता है, जिस दौरान आय और पेंशन के लिए कटने वाली राशि रोकी जा सकती है। विश्राम काल की अवधि कंपनी तय कर सकती है और इसकी जद में सीनियर मैनेजर्स या फुल-टाइम स्टाफ ही आता है। दरअसल यह सुविधा उन लोगों को मिलती है, जिन्हें लौट कर अपनी पुरानी जिम्मेदारी संभालनी हो। इस अवधि के दौरान व्यक्ति अपने करियर की दशा-दिशा को लेकर मनन कर सकता है। बेशक यह सुविधा सुनने में नई लगे, परंतु दुनिया में कई जगह इसका अभ्यास जारी है।

क्या सोचते हैं एम्प्लॉयर्स:- करियर में ब्रेक लेने की जरूरत बेशक आपको महसूस हो रही हो, लेकिन इस बारे में कंपनी या मैनेजमेंट के भी कुछ विचार हो सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि उन्हें भी जान लिया जाए। आपका ब्रेक लेना इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस इंडस्ट्री से जुड़े हैं। यदि ब्रेक के दौरान आप अपने ही पेशे से जुड़ा कोई प्रोजेक्ट निजी तौर पर करते हैं तो उसका जिक्र अपने रिज्यूमे में कर सकते हैं, जो तथ्य संभवतः आपको भविष्य में किसी अन्य स्थान पर नौकरी खोजने में सहायक बने।

आपकी एग्जिट स्ट्रैटजी:- आपकी एग्जिट स्ट्रैटजी यानी ब्रेक पर जाने की तैयारी बॉस के साथ आपके रिश्तों पर बहुत निर्भर करती है। इस बारे में अपनी कंपनी के नियम-कायदों को भी जान लें। उदाहरण के लिए यदि आप आगे शिक्षा प्राप्ति की योजना बना रहे हैं तो हो सकता है कि कंपनी इसमें आपकी कुछ मदद भी कर सके; शिक्षा से जुड़े कुछ भत्ते आपको मिल सकते हैं। यदि इस विषय में कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है तो भी आप वेतनरहित छुट्टी की बात कर सकते हैं। यदि ब्रेक से जुड़ी बात कंपनी के साथ नहीं बन पाती और आपको मजबूरन नौकरी को अलविदा भी कहना पड़ता है तो पूरे शिष्ट तरीके से इस प्रक्रिया पर अमल करें। याद रखें, यह दुनिया अगर कई मायनों में बड़ी है तो छोटी भी है, इसलिए आपके भावी अवसर आपके व्यवहार की बलि न चढ़ें, ब्रेक पर जाने से जुड़ा नोटिस पीरियड भी दें, आपके स्थान पर जो काम संभालेंगे उन्हें काम समझा दें, आवेदन पत्र में शिष्टता झलकनी चाहिए और उसे आप खुद प्रेषित करें और अंततः एग्जिट इंटरव्यू में प्रोफेशनल व्यवहार दिखाएं।

नई शुरुआत:- यदि आप अपने सहकर्मियों को अंतिम विदा देने जा रहे हैं तो इस बदलाव के कुछ शुरुआती हफ्तों की एक स्पष्ट योजना आपके दिमाग में या लिखित रूप से हो। सामाजिकता अपनाएं और अकेलेपन को दूर रखें। नए स्थानों, अनुभवों और काम सीखने में व्यस्त रहें और साथ ही पुराने संबंधों को भी ताजा करते रहें। यदि रिटायरमेंट से पहले कोई व्यक्ति लंबे ब्रेक पर जाने की मंशा रखता है तो इस अवधि की सफलता का सारा दारोमदार उसके अपने व्यवहार और योजना पर निर्भर करता है। यदि वह सही दिशा में जा रहा है तो उसे सहयोग भी स्वतः ही मिलेगा।

जानें ये बातें भी:-

निश्चित तिथि और विमर्श:- ब्रेक पर जाने के कई अलग-अलग कारण भी हो सकते हैं। जरूरी यह है कि ब्रेक की शुरुआत एक निश्चित तिथि से हो, जल्दी ही या निकट भविष्य में जैसी अनिश्चितता विकल्प नहीं होती। यदि संभव हो तो अपने ब्रेक को जीवन के किसी महत्वपूर्ण उपलक्ष्य से जोड़ें। ऐसा करना मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी उचित रहता है। दूसरी बात यह कि आपके द्वारा निश्चित किया गया दिन एक तारीख मात्र है, अपनी सुविधानुसार आप उसे रिवाइज भी कर सकते हैं।

वित्तीय योजना:- ब्रेक पर जाने से पहले यह जरूरी है कि खुद को आर्थिक तौर पर सुरक्षित कर लिया जाए। यदि आपने ऋण लिया हुआ है तो उसे चुकाने का इंतजाम पहले करें। ब्रेक के दौरान ऋण की देनदारी बढ़े नहीं, इस बारे में निश्चित होना बहुत जरूरी है। यदि परिवार में दो व्यक्तियों की आय आती है, ऐसे में स्पष्ट होना चाहिए कि आपके पति या पत्नी अपनी तनख्वाह में देनदारी को कवर करेंगे। बेहतर तो यह होगा कि ब्रेक के दौरान अपनी साइड इन्कम का इंतजाम पहले से कर के रखें।

कार्य योजना:- ब्रेक का मतलब है समय का सदुपयोग। पुराने व लंबित पड़े कार्य पूरा करने का भी यही सही वक्त होता है। मौज-मस्ती का समय भी आसान नहीं होता। चीजों और परिस्थितियों को तरतीब से रखना अक्सर टेढ़ी खीर साबित होता है। यह भी ध्यान रखें कि जरूरी नहीं कि इस समय आपके परिवारजन आपसे प्रसन्न हों। आपकी योजनाएं आपके आम कार्यो से सर्वथा भिन्न नजर आएंगी, जिन्हें मितव्ययी बनाने की दृष्टि से आपको उन पर बार-बार काम करना होगा।

 

India Edge News Desk

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