कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नवंबर में जोड़े 16.26 लाख सदस्य

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अनंतिम पेरोल डेटा को जारी किया है। इसमें बताया गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नवंबर, 2022 के महीने में 16.26 लाख कुल सदस्य जोड़े हैं। डेटा अक्टूबर, 2022 में पिछले महीने की तुलना में 25.67 प्रतिशत की कुल वृद्धि का संकेत देता है। पेरोल डेटा की साल-दर-साल तुलना करने पर वर्ष 2021 के नवंबर महीने की तुलना में 2022 में इसी महीने में कुल सदस्यता वृद्धि में 16.50 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है।

महीने के दौरान जोड़े गए कुल 16.26 लाख सदस्यों में से लगभग 8.99 लाख नए सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दायरे में आए हैं, जो यह प्रदर्शित करता है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में शामिल होने वाले नए सदस्यों की संख्या अक्टूबर 2022 में 7.28 लाख से बढ़कर 1.71 लाख हो गई है। नए सदस्यों में सर्वाधिक नामांकन 18 से 21 वर्ष के आयु वर्ग में 2.77 लाख सदस्यों के साथ दर्ज किया गया है, इसके बाद 2.32 लाख सदस्यों के साथ 22 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में पंजीकृत किया गया है। माह के दौरान कुल नए सदस्यों में 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के सदस्यों की संख्या 56.60 प्रतिश्त है। इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़े पैमाने पर देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।

डेटा यह भी बताता है कि लगभग 11.21 लाख सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सदस्यता में फिर से शामिल हुए। इन सदस्यों ने अपनी नौकरियों को बदल दिया और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंतर्गत शामिल किए गए प्रतिष्ठानों में फिर से सम्मिलित हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार हुआ।

पेरोल डेटा के लैंगिक आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि नवंबर, 2022 में कुल महिला सदस्यों का नामांकन 3.19 लाख रहा है। पिछले महीने की तुलना में अक्टूबर 2022 में कुल महिला सदस्यों की संख्या 2.63 लाख से लगभग 0.56 लाख बढ़ी है। साल-दर-साल नामांकन डेटा की तुलना नवंबर, 2022 में संगठित कार्यबल में महिलाओं की कुल सदस्यता में, पिछले वर्ष नवंबर, 2021 में कुल महिला सदस्यता की तुलना में 7.90 प्रतिशत की वृद्धि को प्रदर्शित करती है।

राज्य-वार पेरोल के आंकड़े बताते हैं कि महीने-दर-महीने बढ़ती संख्या में कुल सदस्यों की वृद्धि गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों में सामने दिखाई देती है। इन राज्यों ने मिलकर महीने के दौरान कुल सदस्यता का 58.23 प्रतिशत हिस्सा जोड़ा। सभी राज्यों में, माह के दौरान कुल सदस्यों की संख्या में 20 प्रतिशत की संख्या जोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है, इसके बाद 10.91 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु राज्य का नंबर आता है।

उद्योग-वार पेरोल डेटा का वर्गीकरण बताता है कि ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं, सामान्य ठेकेदारों, सुरक्षा सेवाओं, विविध गतिविधियों आदि से मिलकर) महीने के दौरान कुल सदस्यों की वृद्धि का 40 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं। पिछले महीने के साथ उद्योग-वार आंकड़ों की तुलना करने पर, ‘ऑटोमोबाइल सर्विसिंग’, ‘बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री’, ‘इंजीनियर- इंजीनियरिंग’ ठेकेदार’, ‘वित्तपोषण प्रतिष्ठान’, ‘अस्पताल’ आदि जैसे उद्योगों में ऊंची संख्या में नामांकन देखा गया है।

पेरोल डेटा अनंतिम है क्योंकि डेटा जनरेशन एक सतत प्रक्रिया है, क्योंकि कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करना एक सतत प्रक्रिया है। इसलिए हर महीने पिछला डेटा अपडेट किया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। मासिक पेरोल डेटा में आधार संख्या से मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के माध्यम से पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में शामिल होने वाले सदस्यों, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्यों और सदस्यों के रूप में फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की गणना को कुल मासिक पेरोल गणना के लिए लिया जाता है।

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के दायरे में आने वाले संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा कवरेज के लिए जिम्मेदार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत का प्रमुख संगठन है।

India Edge News Desk

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