एफपीओ को सीधे बाजार से जोड़ने के लिये बायर-सेलर मीट वर्कशॉप में आए महत्वपूर्ण सुझाव

भोपाल

"कनेक्टिंग फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन को बाजार से जोड़ने के उद्देश्य से टू डायरेक्ट मार्केट" विषय पर बायर-सेलर मीट का आयोजन किया गया। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, स्पाइसेस बोर्ड, डिजिटल ग्रीन ट्रस्ट और वॉलमार्ट की संयुक्त कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के एफपीओ को सीधे बाजार से जोड़ते हुए उन्हें निर्यात संभावनाओं तक पहुंच दिलाना है।

कार्यशाला में स्पाइसेस बोर्ड ऑफ इंडिया के निदेशक (विपणन) श्री बी.एन. झा ने कहा कि यह बायर-सेलर मीट वैश्विक खरीदारों और भारत के उत्कृष्ट मसाला उत्पादकों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के साथ भारतीय मसालों की विरासत को संरक्षित करने में भी सहायक है। डिजिटल ग्रीन ट्रस्ट की सीईओ श्रीमती निधि भसीन ने कहा कि डिजिटल उपकरण एफपीओ की कार्यप्रणाली को एक नई दिशा दे रहे हैं। डेटा आधारित निर्णय, एआई-सक्षम सहयोग, पारदर्शिता और बेहतर योजना के माध्यम से एफपीओ अधिक सशक्त बन रहे हैं और डिजिटल साक्षरता के चलते वे अब खुद ही खरीदारों और प्रदाताओं से जुड़ने में सक्षम हो रहे हैं।

कार्यशाला में प्रदेश के 50 से अधिक एफपीओ और एनजीओ प्रतिनिधियों के साथ 30 से अधिक प्रमुख सरकारी विभागों, वित्तीय संस्थाओं और कृषि अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों ने भागीदारी की। कार्यशाला ने एफपीओ को बीज, उर्वरक, जैव-इनपुट और कृषि यंत्र निर्माताओं जैसे विश्वसनीय इनपुट प्रदाताओं तथा प्रोसेसर, निर्यातक और व्यापारियों जैसे आउटपुट खरीदारों से सीधे जुड़ने का अवसर प्रदान किया। कार्यशाला में 'एफपीओ को बाजार से जोड़ने में आरआई, सीबीबीओ और संगठनों की भूमिका' विषय पर पैनल चर्चा भी हुई। संचालन डॉ. एस.एस.पी. ज्योति ने किया।

पैनल में श्री श्रीकांत मोहंता (सृजन), श्री आशीष जायसवाल (स्पाइसेस बोर्ड इंडिया), श्री प्रवीण शर्मा (अशोक एंड शक्ति एग्रीटेक), श्री शुभम गुप्ता (एमपीआईडीसी), श्री पुष्पेन्द्र यादव (प्लॉगमैन एग्रो प्रा. लि.), श्री कमल जायसवाल (रिलायंस फाउंडेशन) और श्री चिन्तन मेघवंशी (एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज) शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने एफपीओ की क्षमता निर्माण, बाजार संपर्क, तकनीकी सहयोग और संस्थागत समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित किया।

कार्यशाला में राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं निर्यात को सशक्त बनाने के प्रयासों के बारे में बताया गया कि एफपीओ, खरीदारों और उत्पादकों को नीतियों, संरचनाओं और प्रशिक्षण के माध्यम से समर्थन दिया जा रहा है। एमपीआईडीसी द्वारा केंद्र और राज्य सरकार की व्यापार-अनुकूल नीतियों की जानकारी साझा की गई, जिससे एफपीओ प्रत्यक्ष रूप से बाजार से जुड़ सकें। निर्यात प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों, प्रमाणन और वैश्विक संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। प्रदेश के 55 जिलों में सक्रिय एमपीआईडीसी के एक्सपोर्ट सेल और आईटीआईएफसी सेल की भूमिका को भी रेखांकित किया गया, जो निर्यात प्रक्रिया में सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं। एमपीआईडीसी द्वारा ऑन-द-स्पॉट आईईसी पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई, जो निर्यात प्रारंभ करने के लिये प्रथम चरण है।

कार्यशाला में स्पाइसेस बोर्ड ऑफ इंडिया, नेफेड, अयेकार्ट, एडेलवाइस, देहाट, कात्यायनी एग्रो टेक जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की भागीदारी रही। इन संस्थानों ने एफपीओ को ब्रांडिंग, प्रमाणन प्रक्रिया, वित्तीय सहयोग और बाजार की बदलती मांगों की जानकारी प्रदान की। पैनल चर्चाओं और बी-टू-बी नेटवर्किंग सत्रों ने एफपीओ को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए नई दिशा दी। एमपीआईडीसी और उसके सहयोगी संस्थानों द्वारा आयोजित यह कार्यशाला प्रदेश के कृषि उत्पादक संगठनों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिये तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही, जिसने 'लोकल से ग्लोबल' की भावना को सशक्त रूप से जमीन पर उतारा।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button