नवीन एसओआर केवल एक तकनीकी दस्तावेज नहीं, विजन 2047 की दिशा में विभाग के सुनियोजित प्रयासों का है प्रतीक : मंत्री सिंह

भोपाल
लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा जारी नवीन एस.ओ.आर. (दर अनुसूची) केवल एक तकनीकी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह “विजन 2047” की दिशा में विभाग के सुनियोजित प्रयासों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण के कार्यों में गुणवत्ता, नवीन तकनीकों का समावेश और पर्यावरणीय संतुलन को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिससे निर्माण कार्यों के माध्यम से नागरिकों के जीवन में वास्तविक सुधार लाया जा सके। मंत्री श्री सिंह निर्माण भवन में सड़क एवं पुल कार्यों की नवीन एस.ओ.आर.(दर अनुसूची) के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग का यह नवीन एस.ओ.आर. “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की भावना को और अधिक मजबूत करेगा। तकनीक के साथ पारदर्शिता, गुणवत्ता के साथ गति और निर्माण के साथ जनकल्याण इन्हीं मूल सिद्धांतों पर आधारित यह दस्तावेज प्रदेश को अधोसंरचना विकास के नए मानदंडों की ओर अग्रसर करेगा।

राज्य में अधोसंरचना विकास को अधिक सक्षम, पारदर्शी और पर्यावरण-मित्र बनाने के उद्देश्य से लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क एवं पुल निर्माण कार्यों के लिए यह नवीन एस.ओ.आर. जारी किया गया है। यह दस्तावेज विभागीय तकनीकी प्रक्रियाओं को न केवल अद्यतन करता है, बल्कि इसमें कई ऐसी व्यवस्थाएं भी की गई हैं जो प्रदेश की जलवायु, पर्यावरणीय परिस्थितियों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं।

मंत्री श्री सिंह ने कहा, “यह नई एस.ओ.आर. केवल निर्माण दरों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह मध्यप्रदेश के विकास, पर्यावरण संतुलन और तकनीकी आधुनिकीकरण का एक विजन है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश की हर सड़क और हर पुल न केवल टिकाऊ और सुरक्षित हो, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी मजबूती से प्रतिबिंबित करे।”

मंत्री श्री सिंह ने कहा नई एस.ओ.आर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है। यह न केवल मध्यप्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रदेश को एक आधुनिक, पर्यावरण-संवेदनशील और तकनीकी रूप से उन्नत निर्माण विभाग के रूप में स्थापित करेगा।

मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री भरत यादव ने कहा कि नई एस.ओ.आर के माध्यम से मध्यप्रदेश में सड़क और पुल निर्माण में तकनीकी उन्नयन, पर्यावरण संरक्षण और गुणवत्ता का अभूतपूर्व समन्वय देखने को मिलेगा। प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री के.पी.एस. राणा, प्रमुख अभियंता भवन श्री एस.आर. बघेल, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रमुख अभियंता श्री ध्रुवकर सहित विभाग और एमपीआरडीसी के सभी वरिष्ठ अभियंता और अधिकारी उपस्थित रहे।

नई एस.ओ.आर के प्रमुख प्रावधान
नई एस.ओ.आर में पुरानी सूची के 309 आइटम की तुलना में 817 से अधिक नए आइटम शामिल किए गए हैं, जो आधुनिक तकनीकों, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

केवल सरकारी रिफाइनरियों से डामर आपूर्ति
सड़क निर्माण में डामर की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब यह अनिवार्य किया गया है कि डामर केवल सरकारी रिफाइनरियों-हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम से ही लिया जाएगा। इस कदम से न केवल सामग्री की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सकेगा।

पेड़ों की शिफ्टिंग और प्लांटेशन की दरें निर्धारित
पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए नई एस.ओ.आर में सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों को काटने के बजाय उनकी शिफ्टिंग की दरें निर्धारित की गई है। प्रत्येक शिफ्ट किए गए या रोपे गए पेड़ की 3 से 5 वर्ष तक निगरानी की जाएगी, जिससे हरियाली को बनाए रखा जा सके। यह कदम प्रदेश में वनों के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

भूजल संरक्षण के लिए रिचार्ज बोर
भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए सड़क परियोजनाओं में रिचार्ज बोर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को अनिवार्य किया गया है। सड़कों के किनारे वर्षा जल के पुनर्भरण से न केवल भूजल स्तर में सुधार होगा, बल्कि कृषि और स्थानीय समुदायों के लिए जल उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।

प्लास्टिक कचरे का उपयोग
प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए, नई एस.ओ.आर में इसे सड़क निर्माण सामग्री में उपयोग करने के तकनीकी प्रावधान शामिल किए गए हैं। इससे पर्यावरणीय नुकसान को कम करने के साथ-साथ निर्माण लागत में भी बचत होगी।

आधुनिक तकनीकों का समावेश
व्हाइट टॉपिंग तकनीक को अपनाकर पुरानी डामरी सड़कों को सुधारने के लिए कम मोटाई में सीमेंट कंक्रीट की परत चढ़ाई जाएगी, जिससे सड़कों की आयु बढ़ेगी और रखरखाव आसान होगा।

जीएफआरपी (ग्लॉस फाइबर रिइंफोर्ड पॉलिमर)
पारंपरिक स्टील के विकल्प के रूप में यह तकनीक अधिक मजबूती और लागत-प्रभावी बनाएगी। इसमें एम-150 ग्रेड कंक्रीटः उच्च गुणवत्ता वाले कंक्रीट का उपयोग कर निर्माण को और टिकाऊ बनाया जाएगा। रीसाइक्लिंग और पुनः उपयोगः पुराने डामर और कंक्रीट को मिलिंग और फुल डेप्थ रिक्लेमेशन के माध्यम से पुनः उपयोग में लाया जाएगा, जिससे संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा।

निर्माण स्थलों पर प्रयोगशालाएं
गुणवत्ता नियंत्रण को और बेहतर करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजना स्थलों पर प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी। इससे निर्माण सामग्री की जांच त्वरित और सटीक होगी। इससे परियोजनाओं की गुणवत्ता

India Edge News Desk

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