लॉरेंस को भगाने के मामले में काली शूटर को दो साल कैद, जुर्माना भी लगाया
लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस हिरासत में भगाने के मामले में नामजद काली शूटर को सजा सुनाई गई। पुलिस धारा-307 और 224 में आरोप साबित नहीं कर पाई। पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है
इंडिया न्यूज़ : लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस हिरासत में भगाने के मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में नामजद काली शूटर को अदालत में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस धारा-307 और 224 के लगाए आरोपों को साबित नहीं कर पाई। इस कारण उस मामले में अदालत ने उसे रिहा कर दिया।
वहीं, धारा-332 और 225 के आरोप साबित होने पर सजा सुनाई। इसमें धारा-225 के तहत छह महीने की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना और धारा 332 के तहत दो साल की सजा और तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
हेड कांस्टेबल सुरिंदर ने बयान दिया था
काली शूटर के वकील करण सोफत ने बताया कि हेड कांस्टेबल सुरिंदर ने बयान दिया था कि ढाबे पर खाना खाने के बाद लॉरेंस बिश्नोई हाथ छुड़ाकर गाड़ी में बैठ गया था। जब उसने उसे गाड़ी में पकड़ लिया तो पीछे से एक इनोवा आई और उसने उसे टक्कर मार दी। इसके बाद लॉरेंस को काली शूटर भगा ले गया।
अदालत में पुलिस इस बात को साबित नहीं कर पाई कि इनोवा कौन चला रहा था इसलिए अदालत ने धारा-307 को हटा दिया। वहीं, धारा-224 को अदालत ने यह कहते हुए हटाया कि आरोपी पहले से पुलिस कस्टडी में था इसलिए उसे भगाने के लिए धारा-225 बनती है न कि धारा-224। इस पर अदालत ने दोनों धाराओं को हटा दिया और बाकी दो धाराओं में सजा सुनाई।
यह है मामला
लॉरेंस बिश्नोई रोपड़ जेल में बंद था। 17 जनवरी 2015 को उसे अबोहर अदालत में पेश करने के लिए पुलिस ले जा रही थी। रास्ते में गांव माणकपुर कूलर के पास एक ढाबे पर पुलिस खाने के लिए रुकी। इस दौरान एक गाड़ी में कुछ आदमी आए और लॉरेंस को भगाकर ले गए। इस मामले में तब चार पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरी थी। काली शूटर का नाम भी इसमें आया था।