पराली को आग लगाने की घटनाओं को सख़्ती से रोका जाये : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई। पंजाब में पराली को आग लगाने के मामलों संबंधी आयोग ने विस्तृत रिपोर्ट ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस बात पर सख़्त नाराजग़ी अभिव्यक्त की कि उत्तरी भारत ख़ास तौर पर पंजाब में पराली को आग लगाने के मामलों के कारण समूचे क्षेत्र का वातावरण बहुत ज़्यादा प्रदूषित हो रहा है और इस कारण लोग बीमार हो रहे हैं। आयोग ने कहा कि सख़्ती से पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोका जाये। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह चलता रहा तो पंजाब सरकार पर भारी जुर्माना किया जा सकता है।
इस मौके पर आयोग द्वारा मुख्य सचिव से पंजाब में पराली प्रबंधन संबंधी विस्तार में समीक्षा की गई और कई तरह के डेटा भी माँगे गए। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की सारी मशीनरी इस बात के लिए यत्नशील है कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई जाए और पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रेरित और जागरूक किया जा रहा है। किसानों को समय पर पराली प्रबंधन की मशीनें दी गईं और सभी डिप्टी कमिश्नरों ने प्रभावी ढंग अपनाकर पराली जलाने की घटनाएँ काफ़ी घटाई भी हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हर हफ्ते पराली प्रबंधन के लिए सभी डिप्टी कमिश्नरों और पंजाब के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है, जिससे पराली जलाने को रोकने के लिए सार्थक प्रयास किए जा सकें। मुख्य सचिव ने बताया कि उन हॉट-स्पॉट्स पर अधिकारियों द्वारा ज़्यादा फोकस किया गया है, जिन गाँवों में पिछले सालों के दौरान नाड़ को आग लगाने के मामले सामने आते रहे हैं। इसके अलावा सभी 23 जि़लों में सीनियर आईएएस अफ़सर जिनको सम्बन्धित जि़लों का सचिव इंचार्ज नियुक्त किया गया है, द्वारा समय-समय पर दौरा करके पराली प्रबंधन का बारीकी से जायज़ा लिया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने बताया कि जिन किसानों द्वारा पराली नहीं जलाई गई उनका पंजाब सरकार और अलग-अलग जि़ला प्रशासनों द्वारा सम्मान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को स्कूलों में पढ़ते वाले बच्चों के द्वारा भी समझाया गया कि पराली को आग लगाने से बच्चों को ‘गंदा और प्रदूषित’ भविष्य मिलेगा। इसके अलावा धार्मिक संस्थानों के द्वारा भी पराली न जलाने की बार-बार अपील की जा रही है। मुख्य सचिव ने किसानों से अपील की कि बच्चों और युवाओं के सेहतमंद भविष्य के लिए हर हालत में पराली को न जलाया जाये और इसके प्रबंधन के लिए सरकार का साथ दिया जाये।