जौहर यूनिवर्सिटी में बहुत ही धूमधाम और जोशो खरोश से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रामपुर | देश की आज़ादी के 75 साल पूरे होने पर इस बार पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को बहुत ही धूमधाम और जोशो खरोश से मनाया गया है।वहीं रामपुर में फाउंडर/चांसलर मोहम्मद आज़म ख़ान के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में ख़ुद चांसलर/फाउंडर मुहम्मद आज़म ख़ान ने सबसे ऊंचा झंडा फहराया और राष्ट्रगान हुआ।इस मौके पर उप कुलाधिपति अब्दुल्लाह आज़म ख़ान,वाइस चांसलर प्रोफेसर मुहम्मद आरिफ के अलावा यूनिवर्सिटी का पूरा स्टाफ मौजूद रहा और देश की आज़ादी के 75 साल पूरे होने का गवाह बना।इस मौके पर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के बाद यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने देश की आज़ादी पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।इसके बाद वाइस चांसलर प्रोफेसर आरिफ ने इस शेर के साथ शुरुआत की।खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते हैं,मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं।करता हूं उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,तुम्हारी हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है।अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष, भारत सरकार ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिसका विषय ‘राष्ट्र पहले, हमेशा पहले’ है।इस दिन को चिह्नित करने के लिए,सरकार ने 200 मिलियन तिरंगे फहराने का भी लक्ष्य रखा है।जैसा कि हम ऐतिहासिक दिन मना रहे हैं,इसलिए इसे और भी खास बनाने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए, हमारे सैनिकों के लिए, राष्ट्र के हमारे नायकों के लिए, वे कारण हैं कि हम अभी भी जीवित हैं और हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे. स्वतंत्रता बिना कीमत नहीं मिलती. ये कभी भूलना नहीं कि इस देश को महान बनाने में कितने वीरों ने बलिदान दिये।/चांसलर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी मोहम्मद आजम खान ने अपने संबोधन में सभी को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी और बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक,भारत 15 अगस्त को अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।यह दिन ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है,क्योंकि भारत ने अंग्रेजों के अधीन दो सौ वर्षों के दमन और दमन के बाद औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।आजादी का अमृत महोत्सव एक स्वतंत्रता का उत्सव है जो हर 25 साल में मनाया जाता है, ताकि हमारी आज की पीढ़ी के बच्चे यह जान सकें कि भारत को आजादी दिलाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को कितने संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस साल आजादी की 75वीं वर्षगांठ है और इसे धूम-धाम से मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।किसी भी देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है जब वह अपने पिछले अनुभवों और विरासत के गौरव के साथ पल-पल जुड़ा रहता है। हम सभी जानते हैं कि भारत के पास एक समृद्ध ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत का एक अथाह भंडार है।जिस पर हमें गर्व होना चाहिए।आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब होता है स्वतंत्रता सेनानियों से प्राप्त प्रेरणा का अमृत।स्वतंत्रता का अमृत यानि नए विचारों का अमृत,नए संकल्पों का अमृत,स्वतंत्रता का अमृत है,एक ऐसा पर्व जिसमें भारत आत्मनिर्भर होने का संकल्प लेता है।1857 का स्वतंत्रता संग्राम,राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की विदेश से वापसी,देश को फिर से ‘सत्याग्रह’ की शक्ति की याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का ‘पूर्ण स्वराज’ का आह्वान,नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का ‘दिल्ली मार्च’ और दिल्ली चलो का नारा भला कौन भूल सकता है।इतिहास के इस गौरव को याद रखने के लिए हर राज्य के हर क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।देश ने दो साल पहले ही दांडी यात्रा स्थल के पुनर्गठन का काम पूरा कर लिया है।भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के कोने-कोने से पुरुष, महिलाओं और युवाओं ने असंख्य तपस्याओं का बलिदान दिया था।यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम स्वतंत्र भारत के इस ऐतिहासिक काल को देख रहे हैं जिसमें भारत प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।इस अवसर पर माननीय चांसलर मोहम्मद आजम खान, उपकुलाधिपति मोहम्मद अब्दुल्लाह आज़म खान,माननीय वाइस चांसलर डॉक्टर मोहम्मद आरिफ,डिप्टी रजिस्ट्रार डॉक्टर एस एन सलाम,डा स्वाति,डा फरहा,डा अजरा,डा रेखा,डा मोवीन,इमरान खान,डा गुलअफ्शा,रेशमा खान,शिवम अग्रवाल,नामे अली,अजीमा,आदि उपस्थित रहे।