पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बीमा भारती का समर्थन किया

पटना
बिहार में रुपौली विधानसभा उप-चुनाव के मतदान से तीन दिन पहले पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार बीमा भारती का समर्थन कर दिया है। रुपौली में 10 जुलाई को मतदान है जिसके लिए सोमवार को प्रचार बंद हो जाएगा। पप्पू ने लोकसभा चुनाव में बीमा की जमानत जब्त करा दी थी। बीमा ने लोकसभा लड़ने के लिए जेडीयू और विधानसभा से इस्तीफा दिया था जिसकी वजह से यह उप-चुनाव हो रहा है। लालू यादव और तेजस्वी यादव ने रुपौली में बीमा को सीपीआई की दावेदारी को दरकिनार कर लड़ाया है। आरजेडी ने इसी तरह कांग्रेस के दावे को नजरअंदाज कर बीमा भारती को पूर्णिया से लड़ा दिया था जहां से लड़ने पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हुए थे।

मीडिया बातचीत में पप्पू यादव ने रुपौली में अपने रुख के सवाल पर कहा- "रुपौली में रुख साफ है। कांग्रेस जिसके साथ है, उसके साथ हैं।" बीमा भारती द्वारा खाली की गई रुपौली सीट पर राजद ने बीमा को ही लड़ाया है जिन्हें महागठबंधन के बाकी दलों का समर्थन प्राप्त है। कटिहार के कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बीमा के लिए रुपौली में प्रचार भी किया है। 2020 के चुनाव में बीमा ने जदयू के टिकट पर 19330 वोट के अंतर से चुनाव जीता था। तब लोजपा के शंकर सिंह 44994 हजार वोट के साथ दूसरे और सीपीआई के विकास चंद्र मंडल 41963 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। सीपीआई लड़ने की तैयारी में थी लेकिन लालू ने लोकसभा के चक्कर में विधानसभा गंवा चुकी बीमा के पुनर्वास के लिए लेफ्ट को बिठा दिया।

पूर्णिया लोकसभा के तहत आने वाली छह विधानसभा सीटों में रुपौली भी शामिल है। पप्पू यादव पूर्णिया से जीते जरूर लेकिन रुपौली और धमदाहा विधानसभा सीट पर वो दूसरे नंबर पर रहे। बीमा भारती को तो पूरे लोकसभा में ही 27120 वोट मिला। पप्पू की जीत पूर्णिया, बनमनखी, कोढ़ा और कसबा विधानसभा की लीड से तय हुई। लोकसभा चुनाव के दौरान रुपौली सीट पर जेडीयू के संतोष कुशवाहा को 97469, पप्पू यादव को 72795 और बीमा भारती को 10968 वोट मिले थे। महज ढ़ाई महीने पहले पूर्णिया लोकसभा के नंबर को देखें तो बीमा और पप्पू के वोट मिलाकर भी जेडीयू हारती नहीं दिख रही है। जेडीयू ने कलाधर मंडल को टिकट दिया है जो उसी गंगोता जाति से आते हैं जिससे बीमा भारती।

313645 वोटर वाले रुपौली में शंकर सिंह एक बार फिर निर्दलीय लड़ गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी लोजपा-रामविलास अब एनडीए में है और जेडीयू का समर्थन कर रही है। उनका असर कम करने के लिए रविवार को दो-दो केंद्रीय मंत्री रुपौली में प्रचार कर रहे हैं। लोजपा-रामविलास के नेता चिराग पासवान और हम के नेता जीतनराम मांझी कलाधर मंडल के लिए वोट मांग रहे हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, संजय झा समेत बीजेपी और जेडीयू के दर्जनों नेता और मंत्री रुपौली में कलाधर के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। रुपौली जीतने के लिए एनडीए ने पूरी ताकत झोंक रखी है और सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री तक सभा और रोड शो कर रहे हैं।

दूसरी तरफ बीमा भारती को तेजस्वी यादव ने भले टिकट दे दिया है लेकिन उनके समर्थन में महागठबंधन के नेता रुपौली में उस तरह नहीं उतर रहे हैं जैसे बीजेपी, जेडीयू, लोजपा और हम के नेता उतरे हैं। तेजस्वी की कोई सभा नहीं हुई है। अखिलेश प्रसाद सिंह और मुकेश सहनी भी नहीं गए। बीमा के लिए महागठबंधन पार्टियों के विधायक स्तर के नेता घूम रहे हैं। पप्पू यादव ने भी लंबे समय तक समर्थन को लेकर चुप्पी साधे रखी और अब भी वो खुलकर ऐलान या प्रचार नहीं कर रहे हैं। पप्पू ने लाइव हिन्दुस्तान के पूछने पर घुमाकर कहा है कि कांग्रेस जिसके साथ है, हम भी उसके साथ हैं।

2020 के चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार रहीं बीमा भारती को 64324 वोट मिला था। लोकसभा में इस सीट पर जेडीयू के संतोष कुशवाहा को 97469 वोट मिला है जबकि बीमा को महज 10968 वोट। नीतीश कुमार इस सीट को बचाए रखने के लिए पूरी सेना लेकर रुपौली गए थे और सोमवार को प्रचार खत्म होने तक एनडीए की तरफ से बड़े नेता मैदान में डटे रहेंगे। लेकिन राजद, कांग्रेस और लेफ्ट के बड़े नेता मैदान में उतर नहीं पाए हैं। स्थानीय नेताओं और विधायकों को बीमा को फिर से विधानसभा लाने का काम सौंपा गया है। पप्पू के आखिरी मौके पर समर्थन से कितना क्या बदल पाएगा, ये देखना दिलचस्प होगा।

 

India Edge News Desk

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