बिहार की वोटर लिस्ट में घुसपैठ! बांग्लादेश-नेपाल-म्यांमार के नागरिकों के नाम शामिल

पटना 
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जारी मतदाता सत्यापन अभियान (एसआईआर) में बड़ा खुलासा हुआ है। निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि बिहार के वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों के नाम हैं जिनमें नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के सिटीजन शामिल हैं। डोर टू डोर सत्यापन में यह भी पता चला है कि इन विदेशियों के पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड भी मौजूद है। निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि फाइनल वोटर लिस्ट में इनका नाम नहीं होगा। एसआईआर का मकसद ही अवैध मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर करना है। मतदाता सत्यापन के नाम पर जारी राजनीति के बीच यह तथ्य उजागर होने से सियासी हलके में खलबली मच गई है क्योंकि कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी दल इस अभियान का विरोध कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने कहा है कि 30 सितम्बर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची से इन सबका नाम हटा दिया जाएगा। आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि पूरे देश में मतदाता सत्यापन चलाया जाएगा ताकि विदेशी घुसपैठियों को जिन्होंने गलत तरीके कार्ड हासिल कर वोटर बन गये हैं लिया है, मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। इसके लिए उनके जन्म स्थान का सत्यापन कराया जाएगा।

निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि शनिवार तक बिहार में जारी एसआईआर के तहत 80.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फॉर्म जमा करा दिया है। निर्धारित समय सीमा(25 जुलाई) तक फार्म जमा लेने का काम पूरा कर लिया जाएगा। बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवम्बर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इसके मद्देनजर देश के राजनैतिक गलियारे में मतदाता पुनरीक्षण का मामला हॉट टॉपिक बन गया है। विपक्षी दल इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को कुछ इंस्ट्रक्शन देते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया।

अगले साल 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और वेस्ट बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैंं। इसे देखते हुए एसआईआर अवैध(विदेशी) वोटरों के खिलाफ बड़ा और कारगर कदम सिद्ध होने वाला है। बताते चलें कि बिहार में चल रहे मतदाता सत्यापन अभियान को रोकने के लिए 9 जुलाई को बिहार बंद किया गया जिसमें विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी पटना पहुंच गए और तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी के साथ बंदी में शामिल हुए जबकि एनडीए सरकार शुरू से ही कह रही थी कि अवैध और विदेशी वोटरों को बाहर करने के लिए एसआईआर जरूरी है। वोटर लिस्ट में विदेशी वाली बात सामने आने के बाद एनडीए को बल मिला है तो इंडिया गठबंधन के लिए बुरी खबर है।

 

India Edge News Desk

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