तेहरान छोड़कर भाग रहे ईरानी, बॉर्डर पर भीषण जाम… ईरान सरकार ने खोले अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन

 तेहरान 

ईरान की राजधानी तेहरान से निकलने वाली सड़कें कारों से भरी हैं. रास्तों पर भारी ट्रैफिक जाम है और जिसे देखो उसे शहर से निकल जाने की जल्दी है. ग्रामीण ईरान की ओर जा रही सड़कों पर कारें फर्राटा भर रही है. दरअसल तेहरान पर इजरायली बमबारी, मिसाइलों से हमला, लगातार हो रही मौतें और जख्मी लोगों की कराह ने शहर का माहौल डरावना बना दिया है. इजरायली हमले के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में बदहवासी का आलम है. लगातार मिसाइलों के हमले और बमबाजी से जनता खौफ में है. 

अब आम तेहरानी शहरी इस शहर को जल्द से जल्द छोड़ना चाहता है. इजरायल लगातार तेहरान पर हमला कर रहा है. 

CNN ने कुछ लोगों से बात करके कहा कि कुछ लोग ईरान के उत्तर दिशा में देहाती इलाकों में भागने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन लोगों की भारी भीड़ की वजह से सड़कें ठप हो गई हैं. लोग रास्ते में फंसे हैं. 

जर्मन प्रेस एजेंसी डीपीए के एक रिपोर्टर ने कहा कि तेहरान में गैस के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइनें देखी गईं. 

दो बच्चों के पिता ने नाम न बताने की शर्त पर CNN से कहा, "मैं अपना घर नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन मैं अपने छोटे बच्चों को इस स्थिति में नहीं डालने जा रहा हूं." "मुझे उम्मीद है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच हमलों को रोकने के लिए कदम उठाएगा."

इस व्यक्ति ने कहा कि उसका परिवार चिंतित है क्योंकि शासन के अधिकारी घनी आबादी के बीच उच्च-मध्यम वर्ग के इलाकों में रहते हैं, जिससे नागरिकों को खतरा है. शुक्रवार की सुबह ईरान पर अचानक हमला करते हुए इजरायली वायु सेना ने शीर्ष ईरानी सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों के घरों पर टारगेटेड हमले किए, कुछ तस्वीरों में आवासीय भवनों पर सटीक हमले दिखाए गए हैं.

ईरान की सरकार लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रही है. ईरानी सरकार की प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी ने सरकारी टीवी से कहा कि ईरानी लोग इजरायली हमलों के दौरान मस्जिदों और स्कूलों में शरण ले सकते हैं, साथ ही मेट्रो सिस्टम में भी शरण ले सकते हैं, जो रविवार रात से हमेशा खुला रहेगा.

उन्होंने कहा, "खाद्य, दवा, ईंधन की उपलब्धि में कोई समस्या नहीं है." तेहरान के नगर परिषद के अध्यक्ष मेहदी चमरन ने कहा कि शहर में बम आश्रयों की कमी के कारण विकल्प तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दुर्भाग्य से, तेहरान और हमारे अन्य शहरों में आश्रय नहीं हैं." उन्होंने कहा कि इजरायल में मरने वालों की संख्या कम है क्योंकि देश में बम आश्रय हैं और हमलों के लिए नियमित अभ्यास आयोजित किए जाते हैं. चरमन ने कहा कि बेसमेंट एक विकल्प है और "चरम" स्थिति में, भूमिगत मेट्रो का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे बंद करना होगा. 

चमरन ने 1980 के दशक में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के साथ हुए ईरानी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि हम भूमिगत पार्किंग स्थल भी तैयार कर सकते हैं, जैसा कि सद्दाम ने हम पर बमबारी के समय किया था."

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कुछ तस्वीरों में कारों से भरी सड़के दिख रही हैं.

कुछ लोग ईरान से तुर्किए की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं. यहां भी बॉर्डर लोगों से भरा हुआ है.

एक स्थानीय पत्रकार ने आज एक्स पर एक पोस्ट और वीडियो डालकर लिखा कि सुबह से ही तेहरान से बड़ी संख्या में कार जा रहे हैं. हजारों लोग शहर छोड़कर उत्तरी एग्जिट मार्ग पर हैं. इस शख्स ने लिखा, "तेहरान से नाटकीय तरीके से पलायन जारी है, प्रमुख राजमार्गों और शहर की सड़कों पर जाम लगा हुआ है, क्योंकि तेहरानी लोग संभावित इजरायली हवाई हमलों से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे हैं.

तेहरान से बाहर जाने के लिए पैदा हुई भगदड़ की स्थिति के बीच एक और शख्स ने लिखा है, "तेहरान में अराजकता की स्थिति है. ईरान में बढ़ती आशंकाओं के बीच लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं.

एक यूजर ने लिखा है कि ईरानियों के देश छोड़कर भागने के कारण ईरान-तुर्किये सीमा पर बज़ारगान सीमा पर भारी भीड़ जमा हो गई है.

इधर ईरान-अज़रबैजान सीमा पर जेट उड़ान भर रहे हैं. सीमा पर संभावित शरणार्थियों की आमद की स्थिति में हालात से निपटने के लिए अजरबैजान भी तैयारी कर रहा है.

इस बीच ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस को चेतावनी दी है कि यदि वे तेहरान के इजरायल पर हमलों को रोकने में मदद करते हैं, तो क्षेत्र में उनके ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाया जाएगा. 

ईरान पिछले शुक्रवार से इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोनों की भारी बौछारें कर रहा है, अधिकांश ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों को इजरायल की वायु रक्षा द्वारा रोक दिया गया है, हालांकि कुछ बच गए हैं, जिससे कम से कम 16 लोग मारे गए और शहरी क्षेत्रों में सैकड़ों लोग घायल हो गए. 

गौरतलब है कि अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सेना पहले से ही ड्रोन और मिसाइलों को मार गिरा रही है. हालांकि अभी तक न तो फ्रांस और न ही ब्रिटेन ने इन हमलों को रोकने में मदद की है, हालांकि पेरिस ने कहा है कि वह ऐसा कर सकता है, और लंदन ने भी इस संभावना से इनकार नहीं किया है. 

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button