इस्राएल-हमास युद्ध से गाजा में ‘अभूतपूर्व स्तर’ पर तबाही, 60 वर्ष पीछे चला गया ‘गाजा’

गाजा

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रमुख आशिम श्टाइनर का कहना है कि इस्राएल और हमास के बीच 15 महीने के युद्ध के दौरान, गाजा में 60 सालों से जो विकास हुआ था वह सब खत्म हो गया है. अब वहां 60 से अधिक वर्षों के विकास की भरपाई करने का काम करना होगा.

19 जनवरी को युद्धविराम की शुरुआत के बाद, अब पूरा ध्यान गाजा में लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लाने और वहां पुनर्निर्माण में मदद करने पर केंद्रित हो गया है. अब इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि गाजा में लोगों की जिंदगी फिर से किस तरह पहले वाली स्थिति में आए.

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, इस्राएली हवाई हमलों और जमीनी घुसपैठ की वजह से दो-तिहाई से ज्यादा बुनियादी ढांचा नष्ट हो चुका है और गाजा पट्टी में लगभग 4.2 करोड़ टन मलबा बिखरा हुआ है.

हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध के कारण गाजा में 46,000 लोगों की मौत हुई है. शवों की पहचान का काम तेज होने के साथ, यह संख्या और भी बढ़ सकती है.

संयुक्त राष्ट्र का यह भी कहना है कि वहां समाज के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में दशकों लग सकते हैं और इसकी लागत 80 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.

बदहाल हो चुकी है गाजा की स्थिति

श्टाइनर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रमुख हैं. यह संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो फलीस्तीनियों की मदद कर रही है, खासकर हमास के नियंत्रण वाले फलीस्तीनी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में.

स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर एक साक्षात्कार में उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "हमारा अनुमान है कि 60 से अधिक वर्षों के दौरान हुआ विकास कार्य पूरी तरह खत्म हो चुका है. 67 फीसदी बुनियादी ढांचा या तो क्षतिग्रस्त हो गया है या नष्ट हो गया है.”

उन्होंने कहा, "हम ऐसी स्थिति से निपट रहे हैं जहां अधिकांश गाजावासी या तो बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त इमारत में लौटेंगे जिनमें रहना संभव नहीं होगा या फिर वे सिर्फ मलबे के ढेर के पास रहेंगे. यह मलबा खतरनाक है. वहां ऐसे शव हो सकते हैं जिन्हें अभी तक निकाला नहीं गया है. साथ ही, वहां बिना फटे हुए विस्फोटक और लैंडमाइन भी हो सकते हैं. यह बेहद जहरीला वातावरण है.”

काफी ज्यादा जान-माल का नुकसान

श्टाइनर का कहना है कि गाजा में जल्द से जल्द आवश्यक खाद्य सामग्री और चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाने की जरूरत है. साथ ही, शुरुआती प्रयासों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, जैसे कि सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जल्दी ठीक करना होगा. इसके बाद, मलबे को हटाने और घरों, स्कूलों और अस्पतालों के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है.

श्टाइनर के मुताबिक बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के साथ-साथ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध करानी होगी. इसके अलावा, अपने रिश्तेदारों को खोजने में उनकी मदद करनी होगी.

उन्होंने कहा, "अगर आप देखें कि लोगों ने किस तरह का दर्द झेला है, तो पता चलेगा कि सिर्फ बुनियादी ढांचे का नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि लोगों ने अपने हजारों रिश्तेदारों को खो दिया है.”

वह आगे कहते हैं, "यह गाजा के लोगों के लिए बहुत बड़ा आघात है. इससे उबरने में उन्हें कई वर्ष लग जाएंगे. शायद बहुत से बच्चे अब अनाथ हो गए हैं. उन्हें अजनबी लोगों ने अपने तंबुओं में शरण दी है और उनकी देखभाल कर रहे हैं.”

बहुत कठिन है पुनर्निर्माण का काम

किसी भी पुनर्निर्माण की शुरुआत के लिए, इस्राएल और हमास के बीच युद्ध विराम जारी रहना चाहिए. श्टाइनर ने बताया, "अभी भी बहुत चिंता है. क्या युद्धविराम जारी रहेगा? क्या दूसरे और तीसरे चरण पर बातचीत आगे बढ़ेगी?”

दरअसल, युद्ध विराम के दूसरे चरण में लड़ाई का स्थाई अंत, इस्राएल की जेलों में बंद फलीस्तीनी बंदियों के बदले में शेष बंधकों की रिहाई और गाजा से इस्राएली सैनिकों की वापसी शामिल है. तीसरे चरण में गाजा के पुनर्निर्माण की योजना है.

श्टाइनर ने कहा कि अगर युद्ध विराम जारी रहता है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शुरुआती मानवीय कार्यों के लिए मदद देने का वादा किया है. हालांकि, गाजा के पुनर्निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और निजी क्षेत्र से लंबे समय तक मदद की जरूरत होगी.

श्टाइनर कहते हैं, "शुरुआती पुनर्निर्माण और फिर लंबे समय तक चलने वाली इस प्रक्रिया के लिए दसियों अरब डॉलर की जरूरत होगी. इसके लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे बढ़कर मदद करनी होगी. निजी क्षेत्र भी इस पुनर्निर्माण कार्य में निवेश कर सकता है. अगले कुछ वर्षों में इस विशाल शुरुआती पुनर्निर्माण कार्य के लिए संसाधन जुटाना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी.”

India Edge News Desk

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