भारत से जंग न ही हो तो अच्छा, छटपटा रहे पाक PM शहबाज को बड़े भाई नवाज की सलाह

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी सरकार को भारत के साथ तनाव को कम करने की सलाह दी है। पाकिस्तान के तीन बार पीएम रहे नवाज शरीफ मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई हैं। पाकिस्तान के सबसे सीनियर नेताओं में शुमार नवाज ने अपने भाई और पीएम शहबाज को साफतौर पर कहा है कि भारत के साथ युद्ध की ओर ना बढ़ें बल्कि कूटनीतिक तरीके अपनाकर तनाव को कम करें। पाकिस्तानी नेताओं की भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी के बीच नवाज शरीफ की ओर से यह सलाह दी गई है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ उपजे तनाव के बीच शहबाज शरीफ ने अपने भाई नवाज शरीफ से मुलाकात की है। इस दौरान शहबाज शरीफ ने भारत से तनाव के संबंध में नवाज शरीफ को अपनी सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार है। इस पर नवाज शरीफ ने कहा कि वह आक्रामक रुख अपनाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने शहबाज से कहा कि वह दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध राजनयिक संसाधनों का इस्तेमाल करें। बातचीत के जरिए भारत के साथ तनाव करने पर काम करें।
शहबाज ने नवाज से कहा- भारत झूठ बोल रहा
शहबाज शरीफ ने मुलाकात में नवाज शरीफ को बताया कि पहलगाम हमले में भारत झूठ बोल रहा है। इसमें पाकिस्तान का कोई किरदार नहीं है। इस हमले का मकसद क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करना है। भारत ने एकतरफा तरीके से सिंधु समझौते से हटने का ऐलान कर दिया है। ये पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट पैदा करता है। भारत के सिंधु समझौते को निलंबित करने के फैसले से युद्ध का खतरा बढ़ा है।
नवाज की सलाह पर शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन भारत की ओर से कोई कार्रवाई हुई तो जवाबी कदम उठाए जाएंगे। शहबाज ने ये भी बताया कि उनकी सरकार ने पहलगाम हमले की जांच के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय आयोग बनाने का प्रस्ताव दिया। इस पर नवाज ने कहा कि दोनों देशों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए शांति जरूरी है। ऐसे में प्राथमिकता बातचीत से चीजों को हल करना होना चाहिए।
क्या है पूरा मामला
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 26 लोगों की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं तो इस्लामाबाद की ओर से भी आक्रामक बयानबाजी की जा रही है और युद्ध की धमकी दी जा रही है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
भारत के डर से पाकिस्तानी सेना में मची 'भगदड़'
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के मंत्री एक तरफ ऊल-जलूल बयान देने में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी फौज के प्रमुख असीम मुनीर से इस्तीफा मांगा जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में अटकलें थीं कि मुनीर देश छोड़कर भाग गए हैं। कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि असीम मुनीर के परिवार ने भी देश छोड़ दिया है। इसके अलावा, बिलावल भुट्टो का परिवार भी देश छोड़कर जा चुका है। माना जा रहा है कि भारत पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को ऐसी सजा देने की बात की है, जो आतंकियों की कल्पना से परे होगा। जानते हैं-क्या भारत की संभावित कार्रवाई के डर से पाकिस्तानी फौज की हालत खराब हो रही है।
जब पाकिस्तानी PMO को फोटो शेयर कर देनी पड़ी सफाई
कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जनरल मुनीर रावलपिंडी में एक बंकर में छिप गए हैं। इन अटकलों के बीच पाकिस्तान सरकार ने एक फोटो शेयर कर बताया कि 'सब ठीक ठाक है।' पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक X हैंडल से रविवार को एबटाबाद से एक ग्रुप फोटो पोस्ट की, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और जनरल मुनीर आगे की लाइन में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। फोटो के साथ तारीख भी स्पष्ट रूप से कैप्शन देते हुए पाक पीएमओ ने कहा-26 अप्रैल, 2025 को प्रधानमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर (NIM) और पीएमए काकुल के अधिकारी एबटाबाद के पीएमए काकुल में 151वें लॉन्ग कोर्स के ग्रेजुएट अधिकारियों के साथ एक ग्रुप फोटो में शामिल हुए।
मुनीर ने फिर उगला जहर-मुसलमान-हिंदू अलग मुल्क हैं
मुनीर ने बीते फिर जहर उगलते हुए कहा कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग मुल्क हैं। मुनीर ने इस बात पर जोर दिया था कि उनके पूर्वजों का मानना था कि हिंदू और मुसलमान जीवन के हर पहलू में भिन्न हैं। मुनीर शनिवार को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल इलाके में पाकिस्तान सैन्य अकादमी (PMA) में कैडेट की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे। मुनीर ने कहा-द्वि-राष्ट्र सिद्धांत इस बुनियादी मान्यता पर आधारित था कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, एक नहीं। मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं- धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा और सोच में हिंदुओं से अलग हैं।