टैरिफ वॉर पर जयशंकर की दो टूक, चाहे हमें यह पसंद हो या न हो, टैरिफ और प्रतिबंध आज एक हकीकत हैं

नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वैश्विक व्यापार में बढ़ते शुल्क (टैरिफ) और प्रतिबंधों की प्रवृत्ति को एक सच्चाई बताते हुए कहा कि विभिन्न देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “चाहे हमें यह पसंद हो या न हो, टैरिफ और प्रतिबंध आज एक हकीकत हैं, और देश अपने हितों की रक्षा के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं।” उनके इस बयान को हाल के वैश्विक घटनाक्रमों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां व्यापार और वित्त को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। जयशंकर ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग के दौरान "कमिसार्स एंड कैपिटलिस्ट्स: पॉलिटिक्स, बिजनेस एंड न्यू वर्ल्ड ऑर्डर" नामक पैनल चर्चा में की।

आर्थिक गतिविधियों का बढ़ता सैन्यीकरण
जयशंकर ने कहा, "टैरिफ और प्रतिबंध आज की हकीकत हैं, देश इनका उपयोग करते हैं। यदि हम पिछले एक दशक पर नजर डालें, तो हमने देखा है कि किसी भी प्रकार की क्षमता या आर्थिक गतिविधि का बड़े पैमाने पर सैन्यीकरण किया गया है। इसमें वित्तीय प्रवाह, ऊर्जा आपूर्ति और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार केवल लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार और समग्र राष्ट्रीय शक्ति से भी जुड़ा हुआ है। जयशंकर ने कहा, "आप अपने व्यवसाय के लिए लड़ते हैं, क्योंकि यह आपके रोजगार और समग्र राष्ट्रीय शक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में आ रही "कम प्रतिबंधित संस्कृति"
जयशंकर ने बताया कि आज अंतरराष्ट्रीय संबंध पहले की तुलना में कम प्रतिबंधित हो गए हैं। उन्होंने कहा, "आज विभिन्न डोमेन के बीच विभाजन की रेखाएं मिट रही हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी यह बदलाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यदि हम एक दशक पहले की स्थिति देखें, तो आज की तुलना में वह ज्यादा संतुलित थी।"

अमेरिका-भारत व्यापारिक तनाव पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत सहित विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे पहले, 13 मार्च को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने अमेरिका पर विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ पर चिंता जताई थी। उन्होंने भारत द्वारा अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का विशेष रूप से उल्लेख किया। प्रेस वार्ता के दौरान लेविट ने कहा, "मेरे पास विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ का एक चार्ट है। अगर आप कनाडा की बात करें तो अमेरिकी पनीर और मक्खन पर लगभग 300% शुल्क है।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप निष्पक्ष और संतुलित व्यापार नीति में विश्वास रखते हैं और जवाबी (रेसिप्रोसिटी) के सिद्धांत का पालन करना चाहते हैं।

वैश्विक व्यापार में शक्ति संतुलन की नई दिशा
जयशंकर के बयान इस बात की ओर संकेत करते हैं कि आज के दौर में व्यापार केवल आर्थिक गतिविधि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भू-राजनीतिक और राष्ट्रीय शक्ति समीकरण का भी अहम हिस्सा बन चुका है। ऐसे में आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

India Edge News Desk

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