कर्नाटक : भाजपा ने कोविड-19 घोटाले की जांच को मुद्दों से भटकाने की कोशिश बताया

बेंगलुरु
कर्नाटक में सिद्दारमैया सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान कथित कोविड-19 घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया है। इसे लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने इसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, “हमें एसआईटी से कोई समस्या नहीं है, कर्नाटक में कुछ भी होता है तो वे एसआईटी बनाते हैं। मैं कांग्रेस सरकार से केपन्ना रिपोर्ट के बारे में पूछना चाहता हूं। रिपोर्ट में कहा गया था कि सिद्दारमैया ने जमीन अधिसूचित की है, लेकिन उसके लिए एसआईटी क्यों नहीं है। दरअसल वे येदियुरप्पा और (तत्कालीन) मंत्री श्री रामुलु को फंसाना चाहते हैं। यह मुद्दे को भटकाने की रणनीति है। हमें उम्मीद है कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि सीएम सिद्दारमैया ने अपने बयान से स्वीकार कर लिया है कि उनके विधायक बिकाऊ हैं। मुख्यमंत्री होने के नाते खुफिया विभाग भी उनके अंतर्गत आता है। उन्हें हिसाब देना चाहिए कि वे 50 विधायक कौन थे और 2,500 करोड़ रुपया कहां से आया? सिद्दारमैया केवल मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

नदी से पीने के पानी पर ग्रीन सेस लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नदी पर सेस अच्छा है, लेकिन झीलों पर क्यों नहीं, तालाबों पर क्यों नहीं, हवा पर क्यों नहीं? हम हवा से सांस लेते हैं तो इस पर टैक्स क्यों नहीं? उसके बाद मैं नोबेल पुरस्कार के लिए उनकी सिफारिश करूंगा। सरकार के पास पैसा नहीं है। उन्होंने पहले ही पेट्रोल, डीजल, पंजीकरण, मृत्यु और जन्म पर कर लगा दिया है। अब वे इस तरह के कदम का उठा रहे हैं।

दरअसल, कर्नाटक सरकार पानी के बिल पर ग्रीन सेस लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने पश्चिमी घाट के संरक्षण में फंड की कमी को पूरा करने के लिए यह फैसला लिया है। कर्नाटक सरकार पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियों से पीने के पानी की आपूर्ति करने वाली सभी निगमों और नगर पालिकाओं में पानी के बिलों पर दो-तीन रुपये का मासिक ‘ग्रीन सेस’ लगाने पर विचार कर रही है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button