कटनी रेलवे जंक्शन पर नई रणनीति से होगा संचालन, हटेगा डायमंड क्रॉसिंग सिस्टम

कटनी
कटनी रेलवे जंक्शन पर दिनोंदिन गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए अब यहां रेलवे ऐसी व्यवस्था बनाने में जुटा है, जिससे सभी दिशाओं की ओर जाने वाली ट्रेनों को आसानी से क्रॉसिंग कराई जा सकी. इसलिए यहां बनाई गई डायमंड क्रॉसिंग को हटाने की तैयारी की जा रही है. जबलपुर से कटनी दौरे पर आए एडीआरएम आनंद कुमार ने जंक्शन पर ट्रेनों के आवागमन की व्यवस्था को बारीकी से देखा.

ट्रेनों के दबाव को देखते हुए कटनी में बने 3 स्टेशन

गौरतलब है कि कटनी में अभी मुख्य स्टेशन, कटनी मुड़वारा स्टेशन और कटनी साउथ स्टेशन हैं. इन तीनों स्टेशनों के माध्यम से 5 दिशाओं में ट्रेनों का आवागमन होता है. बीना की ओर (उत्तर-पश्चिम), प्रयागराज की ओर (उत्तर-पूर्व), मुंबई की ओर (दक्षिण-पश्चिम), बिलासपुर की ओर (दक्षिण-पूर्व), जबलपुर की ओर (पश्चिम). इससे पहले केवल कटनी के मुख्य स्टेशन से ही इन सभी दिशाओं में रेलगाड़ियों का संचालन किया जाता था, लेकिन यात्रियों और ट्रेनों की बढ़ती संख्या के कारण दबाव अत्यधिक हो गया. ट्रेनों को पॉवर बदलने की आवश्यकता होती थी, जिससे समय और संसाधनों की भारी खपत होती थी. यही कारण है कि यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय पर संचालन सुनिश्चित करने के लिए तीन अलग-अलग स्टेशनों का विकसित किया गया.

 कटनी जंक्शन पर सन् 1970 के दशक में लगी डायमंड क्रॉसिंग कभी तकनीकी चमत्कार मानी जाती थी, जो दो ट्रेनों को एक साथ क्रॉस करने की सुविधा देती थी, जिससे स्टेशन के प्लेटफार्मों और रेल यातायात पर दबाव कम होता था। लेकिन अब रेलवे के पास तीन विकसित स्टेशन हैं, जिससे संचालन पहले से कहीं अधिक सुव्यवस्थित हो गया है।

रेल अधिकारी बताते हैं कि पहले सभी ट्रेनें कटनी मुख्य स्टेशन से ही संचालित होती थीं, लेकिन ट्रैफिक बढ़ने और संचालन को सुचारू बनाने के लिए रेलवे ने यहां कटनी साउथ स्टेशन और कटनी मुड़वारा का निर्माण करवाया। अब तीनों स्टेशनों के जरिए कटनी जिला पांच दिशाओं में रेल यातायात को जोड़ता है। इसलिए रेलवे प्रशासन अब इस पुरानी डायमंड क्रॉसिंग को हटाने की तैयारी में जुटा है।

जबलपुर रेल मंडल के एडीआरएम आनंद कुमार ने बताया कि जहां-जहां पहले दो रेल लाइनें एक-दूसरे को काटती थीं, वहां डायमंड क्रॉसिंग लगाई जाती थी। लेकिन अब सिंगल पॉइंट इंटरचेंज सिस्टम ज़्यादा कारगर है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है। कटनी जंक्शन की डायमंड क्रॉसिंग पुरानी हो चुकी है, और उसे हटाकर संचालन को और तेज़ और सुरक्षित बनाया जाएगा। इस बदलाव से यात्रियों को समयबद्धता, बेहतर सुविधा और कम पावर शिफ्टिंग का लाभ मिलेगा। साथ ही सुरक्षा मानकों में भी इजाफा होगा।

कटनी में 3 स्टेशन, डायमंड क्रॉसिंग की जरूरत नहीं

कटनी के पुराने मुख्य स्टेशन पर 70 के दशक की कई वर्ष पुरानी डायमंड क्रॉसिंग है. यह तकनीक दो ट्रेनों को एक साथ क्रॉसिंग की सुविधा देती है. लेकिन अब कटनी में 3 स्टेशन होने के कारण इस क्रॉसिंग का ज्यादा महत्व नहीं बचा. इसलिए रेलवे प्रशासन कटनी के मुख्य स्टेशन के पास डायमंड क्रॉसिंग को हटाने पर विचार कर रहा है. एडीआरएम आनंद कुमार ने बताया "जहां-जहां दो रेल लाइनें क्रॉस करती थीं, वहां पहले डायमंड क्रॉसिंग लगाई जाती थी. लेकिन वर्तमान में रेलवे ट्रैफिक के अनुसार यदि एक सिंगल पॉइंट व्यवस्था हो, तो संचालन अधिक प्रभावी और समय की बचत वाला होता है. कटनी का डायमंड क्रॉसिंग भी अब पुराना हो चुका है और उसे हटाने की योजना बनाई जा रही है."

क्या होती है रेलवे की डायमंड क्रॉसिंग

डायमंड क्रॉसिंग रेलवे ट्रैक का वह भाग है, जहां दो या ज्यादा ट्रैक एक-दूसरे से गुजरते हैं. इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे डायमंड (हीरा) का आकार बना हो. इसलिए इसे डायमंड क्रॉसिंग कहा जाता है. डायमंड क्रॉसिंग की मुख्य विशेषता यह है कि चारों दिशाओं से ट्रेनें इस क्रॉसिंग से गुजर सकती हैं बिना एक-दूसरे को बाधा पहुंचाए बगैर.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button