दिल्ली की जहरीली हवा के लिए केजरीवाल और भगवंत मान जिम्मेदार, दे अविलंब इस्तीफा : गौरव भाटिया

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता में दिल्ली की जहरीली हवा के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान को जिम्मेदार ठहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अविलंब इस्तीफा की मांग की।

प्रदूषण को लेकर की गयी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इन बातों को उजागर हुआ है कि पंजाब सरकार की लापरवाही की वजह से आज दिल्ली एवं पंजाब की हवा जहरीली बनी हुई है। दरअसल, दिल्ली की हवाओं में जो जहर है, वो अरविंद केजरीवाल जी आपके निठ्ठलेपन का कहर है।

भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल से जानना चाहती है कि –

· क्या सत्य नहीं है कि केन्द्र सरकार ने पंजाब सरकार को केन्द्रीय राशि के तहत पराली जलाने में सभी सहुलियतें और मशीनें उपलब्ध कराईं ताकि हवा जहरीली न हो?

· क्या ये भी सच नहीं है कि केन्द्र सरकार ने पंजाब सरकार को इन मशीनों का उपयोग करने के लिए चिठ्टी भी लिखी थी? प्रदूषण पर आयी रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में इन मशीनों का उपयोग हीं नहीं किया गया।

· भारतीय जनता पार्टी जो आंकड़ें रख रही है, उसके बारे में अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान जबाव दें कि क्या ये आंकडें सही हैं?

· यदि सही हैं तो भगवंत मान को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बगैर किसी भेदभाव और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्यों को सहयोग कर रही है। रिपोर्ट के आंकड़े यह भी बताते हैं कि पराली निपटारे के लिए पंजाब को सर्वाधिक लगभग 1300 करोड़ रुपए और हरियाणा को 693 करोड़ रुपए दिए गए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने जनता के प्रति समर्पित होकर ईमानदारी से काम करके दिखाया। वर्ष 2021-22 के दौरान हरियाणा में पराली जलाने के 2,873 मामले सामने आए थे, जो घटकर वर्ष 2022-23 के दौरान 1,925 पर आ गए। इस प्रकार, हरियाणा में पराली जलाने के मामले में 33 प्रतिशत की कटौती हुई।

दूसरी ओर, वर्ष 2021-22 के दौरान पंजाब में पराली जलाने के 7,648 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 10,214 हो गए. इस प्रकार पंजाब में पराली जलाने के मामले में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार को डेढ़ गुनी ज्यादा सहायता राशि दी गयी। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने फरवरी 2022 में पंजाब सरकार को पत्र लिखकर पराली निपटारे के लिए मशीनों का उपयोग करने का सही समय बताया था. पत्र में यह भी कहा गया था कि जो संसाधन केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हैं, उसका सदुपयोग राज्य सरकार करे, लेकिन दुःख की बात है कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सुझाव एवं सलाह पर पंजाब सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

सैटेलाइट इमेजिंग से पता चल रहा है कि पूरे पंजाब में पराली जल रहा है जबकि हरियाणा में बहुत कम पराली जल रही है। पराली जलाना अपराध है इसे रोकने के लिए कानून है। पराली जलाने को लेकर उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लिया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री आजकल प्रचार मंत्री बने हुए हैं. गुजरात और दिल्ली जाएंगे, अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार करने का तरीका भी बताएंगे, किन्तु पंजाब में संवैधानिक पद पर होने की अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री पराली निपटारे पर सही ढंग से काम करते तो पंजाब के साथ साथ दिल्ली और हरियाणा की हवा शुद्ध रहती, किन्तु उन्होने इस पर कोई ध्यान न देते हुए हवा में जहर घोल दिया।

पत्र लिखने के अलावा केन्द्र सरकार के उच्चाधिकारियों ने पराली निपटारे को लेकर पंजाब सरकार, पंजाब के मुख्यसचिव और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक भी की थी। केन्द्र सरकार के अधिकारियों के सामने पंजाब सरकार पराली निपटारे का काम करने की बात करते रहे, किन्तु कुछ भी काम नहीं किया। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है जहां भ्रष्टाचार फूल है, जवाबदेही गुल है।

भ्रष्टाचारी, निक्कमे और निठ्ठले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब भी पूछा जाता रहा कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली है तब केजरीवाल जी यही कहते रहे कि पड़ौसी राज्यों में पराली जलने से दिल्ली गैस चैम्बर बन गया है जिससे दिल्ली को बचाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उस समय दिल्ली स्थित पंजाब एवं हरियाणा भवन के बाहर प्रदर्शन करते दिखते थे।

पिछले वर्ष तक अरविंद केजरीवाल कहते थे कि पंजाब उनके नियंत्रण में नहीं है इसलिए दिल्ली में पराली के कारण प्रदूषण हो रहा है किन्तु पंजाब में अब आम आदमी पार्टी की सरकार है।

दिल्ली को प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी केजरीवाल सरकार पर है, किन्तु केजरीवाल सरकार शराब घोटाला, बस खरीद जैसे घोटालों पर घोटाला करने में व्यस्त रहे। यहां तक कि जेल में बंद लोगों से भी उनके मंत्री वसूली करते हैं। दिल्ली के बच्चों को क्लास रूम की जगह टॉयलेट में बिठाकर पढ़ाना चाहते हैं।

अरविंद केजरीवाल की समय समय पर याद्दाश्त चली जाती है। जब दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने की बात करेंगे तो केजरीवाल जी न्यूयार्क टाइम्स उठा लेंगे। जब ‘आप’ सरकार के भ्रष्टाचार के खुलासे होने लगते हैं और इन्हें कट्टर भ्रष्टाचारी कहा जाता है, तो केजरीवाल जी कहेंगे कि मुझे गाली दी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के सवालों का केजरीवाल जवाब देंगे तो दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश की जनता बहुत आभारी रहेगी।

अरविंद केजरीवाल जनता की फेफड़ों के सबसे बड़े दुश्मन है। कोविड महामारी में संक्रमण की लहर जब चरम सीमा पर होती थी तब अरविंद केजरीवाल गायब हो जाते थे जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री बेड, आक्सीजन, दवा आदि की उपलब्धता सहित अन्य सभी चीजे सुनिश्चित कराते रहे।

जब कोराना लहर धीमी पड़ जाती थी, तब केजरीवाल जी आकर कहते थे कि सब ठीक है, कोरोना महामारी की अगली लहर की तैयारी कर रहा हूं। फिर अगली लहर आने पर जब दिल्ली का नागरिक आक्सीजन मांग रहा था, तब केजरीवाल जी गायब थे। अब पता चला कि उस समय शराब घोटाला करने के लिए केजरीवाल जी आबकारी नीति ला रहे थे। उस समय भी केजरीवाल फेफड़ों के दुश्मन थे और आज भी हैं।

 

India Edge News Desk

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