खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण

पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पाटलिपुत्र खेल परिसर जाकर वहां चल रही 'खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025' की तैयारियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने सेंट्रल कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर, कॉफ्रेंस हॉल, स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम सहित अन्य भागों का जायजा लिया। साथ ही उद्घाटन समारोह में होनेवाल कार्यक्रम के लिए खिलाड़ियों और कलाकारों द्वारा किए जा रहे अभ्यास का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने 4 मई को उद्घाटन समारोह में प्रदर्शित की जानेवाली विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग के निर्माण का भी अवलोकन किया। विश्व की सबसे बड़ी बनायी गयी मधुबनी पेंटिंग के लिये गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट मुख्यमंत्री को सौंपा गया। मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ, मधुबनी के 50 कलाकारों ने लगातार 50 घंटे तक काम कर इस पेंटिंग को तैयार किया है। विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली पद्मश्री श्रीमती बाऊआ देवी को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। साथ ही 375 बाल लामाओं द्वारा सिंगिंग बॉल के साथ प्रदर्शन का गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

ज्ञातव्य है कि बिहार में पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का आयोजन 4 मई 15 मई तक हो रहा है। इसका उद्घाटन 4 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 28 खेलों के लिये 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से 8500 खिलाड़ी तथा 1500 प्रशिक्षक और तकनीकी अधिकारी शामिल हो रहे हैं। बिहार के पांच शहरों पटना, गया, राजगीर, भागलपुर, बेगूसराय में इस खेल का आयोजन होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्रण शंकरण सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड जिन दो उपलब्धियों पर बने उनमें से पहला है सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग
कैनवास पर प्राकृतिक रंगों में सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा पटना में हासिल की गई। बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए, इस उल्लेखनीय उपलब्धि को पहली बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई, जिसने राज्य द्वारा इसे एक और ऐतिहासिक घटना के रूप में चिह्नित किया। प्रमाण पत्र बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक श्री ऋषि नाथ से गर्व के साथ प्राप्त किया, जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स बिहार 2025 से पहले राज्य के लिए एक और मील का पत्थर है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर बिहार के माननीय खेल मंत्री श्री सुरेंद्र मेहता, खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव  डॉ.बी राजेंदर,निदेशक महेन्द्र कुमार  बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह सीईओ  रवीन्द्रण शंकरण,निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी उपस्थित थे।

 इस पेंटिंग को पद्मश्री बउआ देवी, वरिया आचार्य और प्रतीक प्रभाकर, कन्या आचार्य के साथ मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी के 50 छात्रों द्वारा पद्मश्री जगदंबा देवी को श्रद्धांजलि के रूप में खूबसूरती से चित्रित और तैयार किया गया।
 मधुबनी पेंटिंग का  प्रभावशाली आकार- 18.69 वर्ग मीटर (201.179 वर्ग फीट), जटिल डिजाइनों और जीवंत रंगों का एक विशाल कैनवास जिसने इसे बनाने वाले  और देखने वाले सभी को मोहित कर लिया है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि वैश्विक मंच पर अपनी कलात्मक परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए बिहार के समर्पण को रेखांकित करती है, जो आगामी राष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए एक जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पृष्ठभूमि तैयार करती है।

दूसरा वर्ल्ड रिकार्ड बना बना प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में  बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित दुनिया का सबसे बड़ा गायन बाउल समूह बनाया गया ,जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह बिहार के लिए बहुत खुशी और गर्व का क्षण है क्योंकि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को गया में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बुद्ध मंत्र के लिए बनाए गए विश्व के सबसे बड़े गायन बाउल समूह के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्राप्त हुआ है।

सांस्कृतिक और खेल के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ते हुए बिहार भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल, प्रतिष्ठित खेलो इंडिया यूथ गेम्स बिहार 2025 की मेजबानी कर रहा है ।
महाबोधि मंदिर ने पहली बार इतिहास में सबसे बड़े गायन कटोरे के समूह की मेजबानी की, जिसका समापन एक प्रतिष्ठित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ! यह उल्लेखनीय उपलब्धि बिहार की समृद्ध कलात्मक और आध्यात्मिक परंपराओं को रेखांकित करती है।
विभिन्न मठों से आए और 5 से 70 वर्ष की प्रभावशाली आयु सीमा वाले 375 भिक्षुओं ने सामंजस्यपूर्ण एकता में एक साथ आए। उनके सामूहिक अनुनाद ने ध्वनि का अद्भुत समन्वय पेश किया जो समर्पण, अनुशासन और गायन कटोरे के अभ्यास में निहित गहन शांति का प्रमाण है।

 यह ऐतिहासिक कार्यक्रम बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह सीईओ रवीन्द्रण शंकरण शंकरण, गया के जिलाधिकारी  डॉ. त्यागराजन एस.एम. डॉ. महाश्वेता महारथी, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) की सचिव और भिक्षु चालिंदा (मुख्य भिक्षु), भिक्षु दीनानंद, भिक्षु मनोज और विभिन्न मठों के अन्य वरिष्ठ भिक्षुओं जैसे प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की आधिकारिक पुष्टि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक श्री ऋषि नाथ ने की, जिन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।  उन्होंने कहा, "सभी प्रतिभागियों ने प्रदर्शन के दौरान सामंजस्य और निरंतरता बनाए रखने सहित दिशानिर्देशों का सफलतापूर्वक पालन किया। यह न केवल रिकॉर्ड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि पहली बार यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ है।

India Edge News Desk

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